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इतिहास

1961 में भारत सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से सी.आर.पी.एफ. के लिए चार सीधे नियुक्त राजपत्रित अधिकारियों की भर्ती का आयोजन किया। बुनियादी प्रशिक्षण माउण्ट आबू में जो सी.पी.टी.सी. के रूप में जाना जाता था में आयोजित किया गया था।

बाद में 1966 से 1975 तक सी.आर.पी.एफ. के अधिकारियों का प्रशिक्षण सीटीसी-1 नीमच (मध्य प्रदेश) में आयोजित किया गया था। आंतरिक सुरक्षा अकादमी की स्थापना माउण्ट आबू में दिनांक 01 फरवरी 1975 को हुई थी और 14वें बैच के सीधे नियुक्त राजपत्रित अधिकारियों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया था। हलांकि प्रशिक्षुओं कीसंख्या में वृद्धि होने के कारण 24वें एवं 25वें बैच का प्रशिक्षण फिर से नीमच में तथा 31वें बैच का प्रशिक्षण पिंजौर में आयोजित किया गया था। अपनी स्थापना के बाद से वर्ष 2002 तक बल में 141 बटालियनों और 85 संस्थानों की बृद्धि हुई थी।यह बल लगातार आंतरिक सुरक्षा की समस्याओं से जूझ रही थी। आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य में बढ़ रहे जटिल समस्याओं के मद्देनजर बल को पेशेवर तौर पर कार्य करने की आवश्यकता हुई। उभरते जटिल परिस्थितियों के मद्देनजर बल का विस्तार किया गया है तथा बल के हथियार, उपकरण तथा परिवहन का भी आधुनिकीकरण किया गया है। इसके मद्देनजर अकादमी को बुनियादी प्रशिक्षण, सेवा के दौरान एवं पदोन्नति के साथ-साथ राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण के लिए श्रेष्ठता का केन्द्र बनने की आवश्यकता है। यह एक दीर्घकालीन स्वप्न था जो 23 मार्च 2002 को देश के माननीय उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी के द्वारा अकादमी की आधारशिला कादरपुर गुड़गांव जिले (हरियाणा) में रखकर साकार हुई। इस अकादमी में अक्टूबर 2005 में 37वें (डैगोज) बैच का प्रशिक्षण शुरू किया गया था।उस समय से लगातार यह अकादमी सी.आर.पी.एफ. के भविष्य के अधिकारियों (नेतृत्व कर्ताओं) को प्रशिक्षित कर रही है।

जनता की गरिमा की रक्षा करने, शांति और निष्ठा के साथ राष्ट्र की सेवा करने हेतु यह अकादमी ज्ञान और शक्ति प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। अकादमी का प्रतीक चिह्न इस दृष्टिकोण का मूर्तरूप है।

सी.आर.पी.एफ. अकादमी वर्ष 2005 में अपनी स्थापना के बाद अपने 10 साल के दौरान हर पल एक अदभुत विश्व स्तरीय अकादमी बनने की दिशा में अग्रसर रही है। सी.आर.पी.एफ. अकादमी के प्रत्येक सदस्य ने आरंभ से ही इसकी सफलता में अपना पूर्ण योगदान दिया है।

यह अकादमी विशेष रूप से आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य की बढ़ती जटिलता के साथ राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय चुनौतियों की बदलती जमीनी हकीकत के साथ तालमेल रखने के लिए निरंतर शैक्षिक इनपुटों को अद्यतन और संशोधन करने में प्रयासरत रहती है।अकादमी नियमित रूप से एक वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को अद्यतन करती है और फिल्ड के कार्यो की बदलती जरूरतों के लिए उसे पुनर्भिविन्यास करती है।यह अकादमी सीधे नियुक्त राजपत्रित अधिकारियों ;डैगोज) जो इस बल के भविष्य के नेतृत्वकर्ता है को प्रशिक्षण देने के लिए ‘‘उत्कृष्टता का केन्द्र’’ है।