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अधिनियम और नियम

केरिपुबल को शासित करनेवाले अधिनियम की मुख्‍य बातें

  • केन्‍द्रीय रिजर्व पुलिस बल,केरिपुबल अधिनियम 1949 (1949 का धारा सं.LX VI) के द्वारा शासित होती है जोभारत के राजपत्रअसाधारण भाग-IVमें दिनांक 30/12/1949 कोप्रकाशित है और इसकी स्‍वीकृति गवर्नर जनरल से दिनांक 28 दिसंबर, 1949 को प्राप्‍त हुई । इस अधिनियम का उद्देश्‍य, केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों को नियम एवं विनियम प्रदान करना है । यह अधिनियम, बल के महत्‍वपूर्ण पहलुओं जैसे नियम, ड्यूटियों, नियंत्रण एवं प्रशासन, अपराध और दंड तथा अन्‍य विविध विषयों से संबंधित है ।
  • कुछ महत्‍वपूर्ण प्रावधान निम्‍नानुसार हैं

पुलिस की शक्तियां

  • केरिपुबल अधिनियम 1949 के धारा 16 (1) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्‍द्र सरकार द्वारा बल के सदस्‍य को कुछ निर्धारित पुलिस शक्ति प्रदान की गई है जिसे दिनांक 27/07/76 की अधिसूचना सं. जे.दो.9/74-प्रशा.(कार्मिक-1) भारत सरकार, गृह मंत्रालय, नई दिल्‍ली 110001 के तहत प्रकाशित किया गया है । इसमें सी.आर.पी.सी. की धारा 41(1), 46,47,49,51(1), 52,74,102,129,131,149 ,150,151,152 के तहत शक्ति सम्मिलित है।

न्‍यायिक शक्तियां

  • केरिपुबल अधिनियम 1949 की धारा 16 के उप धारा (2) के तहत प्रदत्‍त की गई शक्तियों के तहत कमाण्‍डेंट और द्वितीय कमान अधिकारी को ऐसे किसी अपराध की जॉच या उप धारा में वर्णित अपराधों का न्‍याय करने और सभी प्रकार की दुर्घटनाओं से संबंधित जॉच या इस प्रकार के अपराधों को न्‍याय करने के लिए पदास्‍थापित किए गए हैं ।

न्‍यायिक सुरक्षा

  • केरिपुबल अधिनियम 1949 की धारा 17 के अनुसार सरकारी कर्तव्‍यों के निर्वहन के दौरान बल के सदस्‍य द्वारा की गई विधिसम्‍मत कार्रवाई के लिए उसे अभियोजन के विरूद्ध कानूनी संरक्षण उपलब्‍ध है । सरकारी कर्तव्‍यों के निर्वहन के दौरान किए गए कार्य या कथित रूप से किए गए कार्य के लिए सी.आर.पी.सी. 1973 की धारा 45 में गिरफ्तारी के विरूद्ध संरक्षण उपलब्‍ध है । सी.आर.पी.सी. 1973 की धारा 132 अभियोजन के खिलाफ संरक्षण से संबंधित है जबकि सी.आर.पी.सी. 1973 की धारा 197 न्‍यायधीशों और सरकारी कर्मचारियों के अभियोजन से संबंधित है ।

धारा-18

  • केरिपुबल अधिनियम 1949 की धारा 18 के अंतर्गत प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, इस अधिनियम के उद्देश्‍य को पूरा करने के लिए, केरिपुबल नियम 1955 को केन्‍द्र सरकार द्वारा भारत के राजपत्र 1955 में दिनांक 24 फरवरी, 1955, एस.आर.ओ. 499 के तहत प्रकाशित किया गया ।
  • केरिपुबल नियम 1955, विभिन्‍न पहलुओं जैसे कि वरिष्‍ठ अधिकारियों की सामान्‍य शक्तियों, बल की संरचना, बटालियन का संगठन, प्रशिक्षण, अनुशासन, न्‍यायिक परीक्षण के संबंध में नियम, आंतरिक प्रबंधन, वेतन एवं भत्ते, पदोन्‍नति के नियमों, भर्ती के लिए नियमों एवं विनियमों, नियुक्ति और अन्‍य स्थितियों से संबंधित है ।
  • न्‍यायिक शक्तियों के प्रयोग के माध्‍यम से बल में उचित अनुशासन सुनिश्चित करने संबंधी विभिन्‍न प्रावधान केरिपुबल अधिनियम 1949 और नियम 1955 में हैं । केरिपुबल अधिनियम और नियम के प्रावधानों के द्वारा प्राधिकृत किए अनुसार निम्‍नलिखित अनुशासनात्‍मक कार्रवाई की जा सकती है
    • दंडात्‍मक वसूली धारा-13 और सामूहिक जुर्माना धारा-14 के अंतर्गत होता है और बल के एक सदस्‍य को धारा-15 के अंतर्गत खुली या बंद गिरफ्तारी में रखा जा सकता है ।
    • अर्दली रूम : केरिपुबल अधिनियम 1949 की धारा 11 के साथ पठित केरिपुबल नियम 1955 के नियम 32 के अंतर्गत बलादेश में अधिसूचित समय पर बृहस्‍पति‍वार को छोड़कर सप्‍ताह में एक बार या जरूरत के अनुसार यूनिट अर्दली कक्ष लिया जाए ।
    • विभागीय जांच केरिपुबल अधिनियम 1949 की धारा 11 (1) के साथ पठित केरिपुबल नियम 1955 के नियम 27 (सी) और समय-समय पर जारी अनुदेशों के अंतर्गत संचालित किया जाता है । विभागीय जांच से पहले प्रारंभिक जांच (स्‍थापना मैनुअल, केरिपुबल के पैरा 6.6 और 6.7 तथा स्‍थाई आदेश संख्‍या 20/2001) या अदालती जांच (स्‍थापना मैनुअल केरिपुबल के पैरा 3.21 और 6.1 से 6.5) जैसा भी मामला हो, किया जाता है ।
    • अदालती मुकदमा का संचालन केरिपुबल के अधिनियम 1949 की धारा 9 और 10 के साथ पठित केरिपुबल नियम 1955 के नियम 36 और 36 (ई) से (जे) के तहत किया जाता है । अदालती मुकदमा धारा 10 के अंतर्गत और ट्रायल का तरीका सीआरपीसी 1973 में ‘सम्‍मन ट्रायल’ के लिए निहित प्रावधान की तरह होता है । गृह मंत्रालय, नई दिल्‍ली 110001 के दिनांक 25/01/1978 के अधिसूचना संख्‍या जे-दो-9/74-प्रशा.जीपीए-1 (गृ.मं.) में दिए गए विवरणानुसार कमांडेंट और समतुल्‍य पद के सभी अधिकारियों को शक्तियां दी गई हैं ।
    • निलंबन : बल के सदस्‍य को निलंबन आदेश के लिए प्राधिकृत प्राधिकारी को केरिपुबल नियम 1955 के नियम 27 (ए) और (बी) के अंतर्गत नामित किया गया है ।
  • अपील और पुनरीक्षण : अपील और पुनरीक्षण का अधिकार क्रमश: नियम 28 और 29 में दिया गया है ।
  • याचिका: नियम 30 में शिकायतों के निवारण के लिए याचिका का प्रावधान है ।
  • विविध सेवा शर्तें
क्र. सं. दस्तावेज़ देखें
01 केरिपुबल एक्ट
02 केरिपुबल रूल (17kb)
03 केरिपुबल प्रोविसिनिंग मैन्युअल (15 KB)
04 रिक्रूटमेंट रूल्स ऑफ़ AC(MIN) एंड AC(PS) (63kb)
05 रिक्रूटमेंट रूल्स ऑफ़ ASI (MIN), ASI (ST), HC (MIN), HC (GEST. OPERATOR), SI (MIN), INSP (MIN), SM (MIN) (304kb)
06 अम्मेंद्मेंट रिक्रूटमेंट रूल्स ऑफ़ OF ASI (STENO) AND HC (MIN) (296kb)
07 रिक्रूटमेंट रूल्स ऑफ़ INSP (SR. LIB AND INFO ASSTT.), SI (LIB AND INFOR ASSTT.), HC (LIB CLERK) एंड CT (LIB ATTENDANT) (117kb)
08 रिक्रूटमेंट रूल्स ऑफ़ OF CT (DAFTRY), CT (PEON), CT (FARASH) एंडCT (SK/MIN) (305kb)
09 .सहायक निदेशक के भर्ती नियम (राजभाषा) (191kb)
10 सीआरपीएफ(सिग्नल) में ग्रुप 'बी' और 'सी' (रेडियो ऑपरेटर/फिटर/क्रिप्टो/टेक/डीएम) पदों के भर्ती नियम (205kb)
11 ग्रुप "ए" अधिकारियों (जीडी) के भर्ती नियम-2010 (128kb)
12 सहायक कमांडेंट के भर्ती नियम (राजभाषा) (389kb)

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