केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की आधिकारिक वेबसाइट में आपका स्वागत है

हमारे बारे में

· प्रतीक चिह्न में दो क्रॉस तलवारें शक्ति का तथा आग की जलती ज्वाला ज्ञान एवं बुद्धि का प्रतीक हैं।

· ध्येय ‘‘राष्ट्र प्रथम- मेरा अनुसरण करो’’
· आदर्श वाक्य ‘‘तेजस्वी नावधीतमस्तु’’ जिसका तात्पर्य है...
· ‘‘हमारे प्रयास से प्रतिभा प्रकट हो’’ जिसे ‘‘कथोपनिषद्’’ से लिया गया है।

अकादमी का मकसद बल के नवनियुक्त अधिकारियों को ज्ञान तथा शक्ति प्रदान करना है, जिससे वे निष्ठा के साथ देश की सेवा करें तथा शान्ति व प्रगति की रक्षा करें अकादमी का प्रतीक चिह्न इस दृष्टिकोण कोसाकार करता है प्रतीक चिह्न में क्रॉस तलवारें शक्ति का प्रतीक है खुली किताब में जलती ज्वाला ज्ञान तथा बुद्धि का प्रतीक है जिससे निष्ठापूर्ण सेवा हो सके तथा जैतून की पत्तियॉ शान्ति का प्रतीक हैं।

सी.आर.पी.एफ. अकादमी की स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी और तभी से यह उत्कृष्टता की ओर अग्रसर है। शुभारंभ से ही अकादमी वर्ष दर-वर्ष उन्नति की राह पर अग्रसर है तथा विश्वस्तरीय अकादमी के रूप मेंविकसित हो रही है शुरूआत से ही अकादमी के प्रत्येक सदस्य ने इस संस्थान को पुष्पित एवं पल्लवित किया है यह कभी रेतीला तथा पथरीला इलाका हुआ करता था जो आज भव्य हरित पट्टी में परिवर्तित हो चुका है।

देश की आंतरिक सुरक्षा की जमीनी वास्तविकताओं में हो रहे परिवर्तन के अनुसार ही अकादमी ने अपनी चेष्टा तथा ज्ञान को अद्यतन किया है आंतरिक सुरक्षा के कठिन परिदृश्य को देखते हुए, अकादमी नियमित रूपसे प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का वैज्ञानिक ढंग से समीक्षा करती है तथा परिचालनिक कार्यों की आवश्यकतानुसार इसे पुन: नये वातावरण के अनुरूप ढालती है केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारियों(डैगो/डीगो) को प्रशिक्षितकरने हेतु अकादमी ‘‘उत्कृष्टता का केन्द्र’’ है।

वर्ष 1967 से सीधे नियुक्त हुए राजपत्रित अधिकारियों ( पुलिस उप अधीक्षकों) को सी0टी0सी0 में प्रशिक्षित किया जाता था सीधे नियुक्त हुए राजपत्रित अधिकारियों कोसबसे पहले वर्ष 1961 में पुलिस उप अधीक्षक पद पर नियुक्त किया गया तथा उनका प्रशिक्षण राष्ट्रीय पुलिस अकादमी माउंट आबू तथा बाद में नीमच, मध्यप्रदेश में सम्पन्न हुआ जो 1975 तक जारी रहा।

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