प्रशिक्षण महाविद्यालय (दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी)
केन्द्रीय प्रशिक्षण महाविद्यालय (दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी ) का इतिहास अक्टूबर1952के पहले से है जब112कार्मिकों के सिग्नल की टुकड़ी को नीमच (मध्य प्रदेश) में एडहाक वायरलेस प्रशिक्षण केन्द्र नीमच (मध्य प्रदेश) में प्रशिक्षण दिलाया गया। नवम्बर1954में आर.ओ.जी.-3चलाया गया तथा फरवरी1955में डी.सी.पी. डब्ल्यू. के प्रतिनिधि को शामिल कर मानक परीक्षा आयोजित किया गया। जून1970में भारत सरकार गृह मंत्रालय के दिनांक22/06/1970के पत्र संख्या ओ.चार-6/69-2-एफ(पी)1के तहत एडहाक वायरलेस प्रशिक्षण केन्द्र को अपग्रेड कर इसे केन्द्रीय प्रशिक्षण महाविद्यालय (दूरसंचार) बनाया गया और02पद राजपत्रित अधिकारी के और71पद विभिन्न पदो के स्वीकृत किये। केन्द्रीय प्रशिक्षण महाविद्यालय (दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी) के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा गया जब04/08/1970 को नीमच (मध्यप्रदेश) में सिग्नल समूह केन्द्र ने सम्मिलित बटालियन के रूप में कार्य करना शुरू किया,और बढ़ी हुई जिम्मेदारी के कारण यह निर्णय लिया गया कि दिसम्बर1986में सिग्नल ग्रुप समूह / केन्द्रीय प्रशिक्षण महाविद्यालय (दूर संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी) को नीमच मध्यप्रदेश से राँची झारखण्ड में एक स्वतंत्र कैम्पस में आरम्भ किया जाए तदनुसार संस्थान ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विषय पर प्रशिक्षण प्रदान करने वाले एक स्वतंत्र तथा बल के एक प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान के रूप में कार्य करना आरम्भ कर दिया। और पढ़ें