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इतिहास

मध्य अंचल, केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल का एक महत्वपूर्ण ज़ोन है, जो 7 अगस्त, 2009 को रायपुर (छत्तीसगढ़) में अस्तित्व में आया और बाद में 23 जुलाई, 2010 को कोलकाता में स्थानांतरित कर दिया गया। हमारी मातृभूमि का भौगोलिक क्षेत्र के 42% एरिया पूर्व में बंगाल की खाड़ी से पश्चिम में मध्य प्रदेश तक और उत्तर में नेपाल से लेकर दक्षिण में ओडिशा तक के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा को कवर करता है। संवेदनशील और कठिन परिचालन भूमिका से निपटने के लिए, हमारे बहादुर और साहसी कार्मिक और अधिकारी लगातार दूरदराज के क्षेत्रों में तैनात है और एलडब्ल्यूई क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों को नियंत्रित करने में सफलता हासिल की है। निस्वार्थ और समर्पित सेवाओं के कारण, इस अंचल को 286 वीरता पदक, विशिष्ट सेवा के लिए 24 राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए 163 राष्ट्रपति पुलिस पदक और इस तरह के कई उपलब्धियाँ बल के आदर्श वाक्य "सेवा और वफादारी" के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए सजाया गया है, परिचालन गतिविधियों जैसे कानून और व्यवस्था बनाए रखना, दंगा नियंत्रण, महत्वपूर्ण धर्मस्थलों की सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और वीआईपी सुरक्षा आदि के अलावा, ज़ोन छत्तीसगढ़, झारखण्ड, ओडिशा और बिहार आदि के अत्यधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास एजेंसियों को सुरक्षा कवर प्रदान करके उनके समग्र विकास के लिए समर्पित है। जोन ने, विविध सिविक एक्शन प्लान जैसे कौशल विकास प्रशिक्षण तथा ग्रामीण गरीवों की आर्थिक स्थिति सुधार के लिए परिसपंति निर्माण कार्य किए है, जिसने कानुन लागू करने वाली एंजेसियों की भूमिका में स्थानिय लोगों का विश्वास भी बढ़ाया है।

केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल भारत के तीन अत्यंत संवेदनशील मंदिरों यानि कृष्ण जन्म भूमि-शाही ईदगाह मस्जिद परिसर मथुरा,अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर - ज्ञानवापी मस्जिद को भी सुरक्षा प्रदान कर रहा है।