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संक्षिप्त इतिहास

केंद्रीय प्रशिक्षण कॉलेज,मुदखेड की स्थापना मई 1994 में की गई थी,जिसमें सीधे नियुक्त अधीनस्थ अधिकारियों और मंत्रालयिक कैडर,समूह 'सी'अस्पताल के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने और अवर अधिकारियों और अधीनस्थ अधिकारियों के स्तर के कर्मियों के लिए प्रचार पाठ्यक्रम आयोजित करने के लिए बल की विशिष्ट आवश्यकता के साथ स्थापित किया गया था। इसके अलावा कुछ सेवा कालीन और विशिष्ट पाठ्यक्रम भी संचालित/चलाए जा रहे हैं।

महत्वपूर्ण डेटा

सीटीसी मुदखेड़

संस्थान के प्रमुख: पुलिस महानिरीक्षक/प्राचार्य

सी.टी.सी. मुदखेड़ (महाराष्ट्र), पिन कोड-431806

02462-299464

ctcthree(at)crpf(dot)gov(dot)in

महत्वपूर्ण डेटा

दिनांक 05/04/1993 को डी0पी0एन0 सिंह, आई0पी0एस0, डी.जी.पी, एवं गृह मंत्रालय व सी.आर.पी.एफ के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में इस संस्थान की आधारशिला श्री एस.बी. चव्हाण, माननीय गृह मंत्री भारत सरकार द्वारा रखी गई थी। यह संस्थान 328.61 एकड़ भूमि और जाबली में 41.64 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। सीटीसी मुदखेड से 18 किलोमीटर की दूरी पर। (कुल 370.25 एकड़ भूमि)। सीटीसी-III नांदेड़ जिले के मुदखेड़ तालुका में गोदावरी नदी के तट पर स्थित है, नांदेड़ में सिख समुदाय के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी की स्मृति में निर्मित हुजूर हाशिब गुरुद्वारा के लिए प्रसिद्ध है। सीटीसी-III ने सीधे नियुक्त अधीनस्थ अधिकारियों को प्रशिक्षित करने और सीआरपीएफ के अधीनस्थ अधिकारियों और अधीनस्थ अधिकारियों के लिए प्रचार पाठ्यक्रमों के आयोजन और संचालन के लिए 1 मई 1994 से काम करना शुरू कर दिया।

श्री पी.सी. जोशी, अपर. पुलिस उप महानिरीक्षक ने प्रथम प्राचार्य के रूप में संस्थान का नेतृत्व किया। वर्ष 2001 और 2002 में सीटीसी को सीआरपीएफ में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण संस्थान के रूप में चुना गया और इंस्ट्रक्शनल एक्सीलेंस की ट्रॉफी जीती। DASO के 14 पाठ्यक्रम क्रमांक 71 से 80, 84, 86, 87 और 88 तक संचालित किए गए हैं और इस संस्थान से कुल 2088 प्रशिक्षु DASO उत्तीर्ण हुए हैं। क्रमांक 1 से 25 तक 25 DASO (मंत्रालयिक) पाठ्यक्रम संचालित किए गए हैं और इस संस्थान से कुल 1354 प्रशिक्षु DASO (न्यूनतम) उत्तीर्ण हुए हैं। बुनियादी प्रशिक्षण के अलावा यह संस्थान विभिन्न पदोन्नती और सेवाकालीन विशेष पाठ्यक्रम जैसे ड्रिल इंस्ट्रक्टर कोर्स, नेविगेशन स्किल कोर्स, शूटिंग स्किल कोर्स, जूनियर लीडरशिप कोर्स और कमांडो कोर्स आदि आयोजित करता है।

स्थान का ऐतिहासिक महत्व

सचखंड गुरुद्वारा- 19वीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह ने गोदावरी नदी के तट पर इस गुरुद्वारे के निर्माण का आदेश दिया, जहां गुरु गोबिंद सिंह ने अंतिम सांस ली। नांदेड़ में इस गुरुद्वारा या सिख मंदिर को लोकप्रिय रूप से सचखंड के रूप में जाना जाता है जिसका अनुवाद सत्य के दायरे के रूप में किया जाता है। यह इस यात्रा गाइड में सबसे दूर का स्थान है। लेकिन अगर आप अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाद सिख धर्म के दूसरे सबसे पवित्र स्थानों को देखने के इच्छुक हैं तो यह जरूरी है। नांदेड़ में औरंगाबाद से 250 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित, सचखंड श्री हजूर अबचल नगर साहिब एक बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है और इसका आंतरिक गर्भगृह, जिसे अंगीथा साहिब कहा जाता है, वह जगह है जहाँ गुरु गोबिंद सिंह का अंतिम संस्कार किया गया था।

संस्थागत भवन का ऐतिहासिक महत्व

इसमें नांदेड़ से मुदखेड़ के आस-पास के भवन उपलब्ध नहीं हैं

किसी भी नजदीकी स्थान के इतिहास की झलक

नांदेड़:

  • चौथी शताब्दी से मराठवाड़ा क्षेत्र पहले रियासत हैदराबाद का हिस्सा था।
  • 1956 में जिला बना।
  • सिखों के दसवें और अंतिम जीवित गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी 14 महीने नांदेड़ में रहे।
  • गुरु ग्रंथ साहिबजी के रूप में ग्रंथ जोड़ने के लिए गुरु की उपाधि हस्तांतरित की।
  • पर्यटन स्थल माहूर, देवी रेणुका मंदिर।
  • दत्तात्रेय, भगवान परशुराम मंदिर
  • हडगांव में केदारगुड़ा मंदिर भगवान केदारनाथ।
  • हडगांव में प्राचीन मंदिर गायतोंड (गाय का मुंह) भगवान शिव को समर्पित (पुनर्निर्मित और खोई हुई प्राचीन पहचान)
  • मालेगांव यात्रा भगवान खंडोबा को समर्पित है। दक्षिण भारत में सबसे बड़े (पशु मेला) में से एक।
  • कालेश्वर मंदिर, विष्णुपुरी, नांदेड़- 40 कि.मी
  • सहस्त्र कुंद झील- 79 कि.मी
  • नांदेड़ किला – 23 कि.मी
  • इसपुर डैम – 88 कि.मी
  • कंधार किला – 57 कि.मी
  • श्री सिद्देश्वर मंदिर – 29 कि.मी

दृष्टिकोण मार्ग और मोड

सीटीसी मुदखेड, नांदेड़ शहर से 25 किमी दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन मुदखेड़ जंक्शन है। 1.5 किमी दूर और नांदेड़ रेलवे स्टेशन इस संस्थान से लगभग 22 किमी दूर है।

  • मुदखेड दिल्ली, हैदराबाद, नागपुर, बेंगलुरु, पुणे, पूर्णा, मुंबई आदि सभी प्रमुख शहरों से रेलवे द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • मुदखेड सभी महानगरो जैसे - हैदराबाद, नागपुर औरंगाबाद, मुंबई, पुणे, नासिक और शिरडी से सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है जहाँ इन शहरों के लिए बहुत सारी बसें चलती हैं, हैदराबाद 275 किलोमीटर की दूरी पर है और नागपुर मुदखेड से 329 किलोमीटर दूर है।

दृष्टिकोण मार्ग और मोड

खेल
  • Swimming Pool
  • Multi Gym
  • Basket Ball/Tennis court
  • Cricket/Football Ground
  • Volley ball Ground etc.
प्रशिक्षण
  • Firing Range (Small Arms)
  • Basic Obstacles
  • Advance Obstacles
  • 26 Ft wall for climbing & rappling
  • Helislithering
  • Advance June Lane shooting System
  • Library & Study Room
  • Computer Labs
  • IED Lane

जलवायु की स्थिति

  1. अक्टूबर से फरवरी (सर्दियों): रातें हल्की ठंडी होती हैं और दिन सुखद गर्म होते हैं। सभी प्रशिक्षुओं को खुद को गर्म रखने के लिए गर्म कपड़े लाने होंगे।
  2. 1 मार्च से जून (गर्मी): मार्च से अप्रैल तक दिन गर्म होते हैं और सामान्य तापमान के साथ रातें सुखद होती हैं। मई से जून तक दिन में गर्मी की तीव्रता बढ़ जाती है और रातें भी गर्म होती हैं। इस अवधि के दौरान तापमान 48 डिग्री सेंटीग्रेड और उससे अधिक तक बढ़ जाता है। सभी प्रशिक्षुओं को सामान्य खाकी वर्दी अधिमानतः कपास लाने की आवश्यकता है।
  3. जुन से सितंबर (वर्षा): मुडखेड़ मे अत्यधिक मौसमी बदलाब का अनुभव वर्षा माह मे होता है. मुद्खेड़ में सबसे अधिक बारिश वाला महिना जुन सें सितंबर मे 8.1 इंच कि औसत वर्षा के साथ होता है.

सामान्य इलाके

यह क्षेत्र असमान पहाड़ियों, पठारों, कोमल ढलानों और घाटी के विमानों के साथ लहरदार स्थलाकृति प्रस्तुत करता है। गोदावरी नदी सिंचाई का सबसे अच्छा स्रोत है।

वनस्पति और जीव

  1. वनस्पति- नीम, आम, बरगद, कीकर, अशोक, नारियाल, जामुन, साल, सागांव, पीपल और शीशम आदि
  2. निम्नलिखित जीव परिसर और परिसर के आसपास पाए जाते हैं:
    • पालतू जानवर: बैल, गाय, भैंस, कुत्ता, बिल्ली, भेड़, खरगोश, मुर्गी, गधा, सुअर, बकरी आदि।
    • जंगली जानवर: बंदर, काला बंदर, कुत्ता, बिल्ली, खरगोश, जंगली सूअर, प्रिय, गिलहरी आदि।
    • पक्षी: तोता, मोर, कौआ, चील, उल्लू, कबूतर, गौरैया आदि।
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संकाय अधिकारी / प्रशिक्षक:

संस्थान और विशेषज्ञता के क्षेत्र में तैनात अधिकारी/ प्रशिक्षक की प्रोफाइल

ब्रिगे0 जी0एस0 रेड्डी] सेना मेडल] उप महानिरीक्षक  
श्री लीलाधर महरानियॉ, मुख्य प्रशिक्षण अधिकारी Tactics, Field engineering, Counter Insurgency Ops., IED, Stress Management, Mentoring & TOT
श्री अमित शर्मा, उप कमाण्डेंट (Adm/Trg) CI OPS, Intelligence, LWE, Internal Security
श्री अमित शर्मा, उप कमाण्डेंट (Adm/Trg) CI OPS, Intelligence, LWE, Internal Security
श्री दीपक कुमार, उप कमाण्डेंट (Adm/Trg) LWE, Intelligence, DTS
श्री प्रदीप एन., सहा0 कमाण्डेंट (Trg) Jungle warfare & Tactics, Drill, Yoga & Stress Management, Mentoring & Counselling
श्री जैकी कुमार., सहा0 कमाण्डेंट (OC-HQr/Genl) Field Tactics, Urban Operations, Crowd Management, Stress Management

Officer Holding Key Posts

संस्थान और विशेषज्ञता के क्षेत्र में तैनात अधिकारी/ प्रशिक्षक की प्रोफाइल

ब्रिगे0 जी0एस0 रेड्डी] सेना मेडल] उप महानिरीक्षक प्राचार्य
डॉ० लॉरेंस बाण्डो, उप महानिरीक्षक (चिकित्सा) उप महानिरीक्षक (चिकित्सा)
श्री लीलाधर महरानियॉ, मुख्य प्रशिक्षण अधिकारी मुख्य प्रशिक्षण अधिकारी/संपदा अधिकारी
डॉ० अमूल्या कुजूर, मुख्य चिकित्साधिकारी (चयन ग्रेड) मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी (चयन ग्रेड)
श्री अमित शर्मा, उप कमाण्डेंट उप कमाण्‍डेंट (प्रशि०/क्‍यू०एम०/एम०टी०ओ०)
श्री दीपक कुमार, उप कमाण्डेंट उप कमाण्‍डेंट (लेखा/प्रशासन)
श्री प्रदीप एन., सहा0 कमाण्डेंट सहायक कमाण्‍डेंट (प्रशि०)
श्री जैकी कुमार., सहा0 कमाण्डेंट सहायक कमाण्‍डेंट(सामान्‍य)/कंपनी कमाण्‍डर, मुख्‍यालय
श्री पुरुशोत्तम राजगडकर, सहायक कमाण्डेंट (मंत्रा0) सहायक कमाण्डेंट (मंत्रा०)
डॉ० निलेश कुमार, सहायक कमाण्डेंट/चिकित्सा अधिकारी चिकित्सा अधिकारी