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आर.ए.एफ. का तात्पर्य द्रुत कार्य बल से हैं। यह एक विशिष्ट बल है। प्रारंभ में 10 बटा0 के साथ इसे 07 अक्टूबर,1992 में खड़ा किया गया था तथा बाद में दिनांक 01/01/2018 से इसमें 05 बटा0 की बढ़ोत्तरी की गई है । इसे दंगों तथा दंगों जैसी किसी भी स्थितियों से निपटनें,समाज के विभिन्न वर्गो में परस्पर आत्मविश्वास के माहौल को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश में आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी में योगदान देने के लिए खड़ी की गई है।
द्रुत कार्य बल एक शून्य-अंतराल की विशेष फोर्स है जो किसी भी आपदा/दंगा की स्थितियों से तत्परता से निपटती है जिससे आम जनता में तत्काल सुरक्षा एवम् विश्वास का माहौल व्याप्त हो जाता है।
इस बल को महामहिम राष्ट्रपति महोदय की ओर से देश के लिए की गई मात्र 11 वर्षो की शानदार सेवा व उपलब्धियों के उपरांत विशिष्ट रंगों का अपना ध्वज प्रदान किया गया है,जो तत्कालीन उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी जी के कर कमलों द्वारा दिनांक 7 अक्टूबर सन् 2003 को प्रदान किया।
द्रुत कार्य बल के प्रशिक्षित महिला एवं पुरूष से सुसज्जित टीमों ने संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति सेना दस्तों में भाग लेकर विभिन्न देशों जैसी हेती, कोसोवो, लाईबेरिया आदि में प्रतिवर्ष शांति बहाली का सफलतापूर्वक बेहतरीन कार्य करके अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपने देश व इस बल का नाम गर्व से ऊँचा किया है।
वर्तमान में सुश्री एनी अब्राहम,पुलिस महानिरीक्षक द्रुत कार्य बल के नेतृत्व में इस बल में 15 बटालियनें हैं जो कि 99 से 108 बटालियन तक है तथा शेष 5 बटालियन क्रमशः 83,91,97,114 एवं 194 है जो हाल ही में देश की जरूरतों के मद्देनजर सृजित की गई हैं।
इस बल की सबसे छोटी संचालित इकाई को टीम का नाम दिया गया है जो एक निरीक्षक के नेतृत्व में कार्य करती है। इसके कुल 3 हिस्से होते हैं - दंगा नियंत्रण स्कंध, अश्रुगैस स्कंध तथा अग्निशमन स्कंध है जो एक स्वतंत्र प्रहरी यूनिट के तौर पर सृजित की गई है।
द्रुत कार्य बल की प्रत्येक कम्पनियों में एक महिला टीम होती है जो किसी भी महिला प्रर्दशनकारियों से प्रभावी ढंग से निपटने में पूर्णतः सक्षम होती है।