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सीआरपीएफ का पश्चिमोत्तर सेक्टर देश के आंतरिक सुरक्षा ढांचे के मजबूत स्तंभ के रूप में स्थापित है और आतंकवाद से लड़ने] कानून और व्यवस्था बनाए रखने और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। जम्मू-कश्मीर] पंजाब और चंडीगढ़ में रणनीतिक रूप से तैनात यूनिटों के प्रशासनिक प्रमुख के रूप में] सेक्टर इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्राथमिकता में सेक्टर का ध्यान इन पर केंद्रित है।:
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का पश्चिमोत्तर सेक्टर कार्यालय रणनीतिक रूप से चंडीगढ़ के एक प्रमुख क्षेत्र हल्लोमाजरा में स्थित है] जिसे शहर से सीधे तौर पर जुड़े होने का लाभ है और यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
शहर की प्रमुख सड़कों में से एक] दक्षिण मार्ग पर] यह कार्यालय एक सुनियोजित शहरी केंद्र में स्थित है। दक्षिण मार्ग न केवल चंडीगढ़ के प्रसिद्ध ग्रिड लेआउट में सुचारू रूप से जुड़ता है] बल्कि अंबाला-चंडीगढ़ रोड (एनएच-152) से भी निर्बाध रूप से जुड़ा हुआ है] जो शहर को क्षेत्र के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण राजमार्ग है।
चंडीगढ़] जिसे **द सिटी ब्यूटीफुल** के नाम से जाना जाता है] पश्चिमोत्तर भारत में हिमालय की शिवालिक रेंज की तलहटी में स्थित है। पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी के रूप में कार्य करते हुए] इसे केंद्र शासित प्रदेश होने का गौरव भी प्राप्त है] जो इसे एक अद्वितीय प्रशासनिक इकाई बनाता है।
आधुनिक शहरी जीवन के अपने दृष्टिकोण को मूर्त रूप देते हुए] प्रसिद्ध फ्रांसीसी वास्तुकार ले कोर्बुजिए द्वारा शहर की योजना बहुत सूक्ष्मता से बनाई गई थी। चंडीगढ़ शहर नवीन शहरी नियोजन] वास्तुशिल्प प्रतिभा] और सौंदर्यशास्त्र के साथ कार्यक्षमता के मिश्रण का एक नमूना है। इसका नाम प्राचीन चंडी मंदिर से लिया गया है] जो देवी चंडी को समर्पित एक मंदिर है, जो उस स्थान के पास स्थित है जहां से शहर का विकास प्रारंभ हुआ था।
चंडीगढ़ अपने स्वच्छ] हरित वातावरण] आधुनिक इमारतों और कैपिटल कॉम्प्लेक्स] रॉक गार्डन और सुखना झील जैसे प्रतिष्ठित स्थलों के लिए जाना जाता है। इसे अक्सर भारत में शहरी नियोजन और आधुनिक वास्तुकला के सबसे सफल प्रयोगों में से एक माना जाता है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पश्चिमोत्तर सेक्टर की सेवा और क्रमिक विकास का एक समृद्ध इतिहास हैः
विशुद्ध रूप से परिचालन इकाई के गठन से] एक व्यापक प्रशासनिक और परिचालन इकाई के रूप में सेक्टर की यह यात्रा इसके विकास पर प्रकाश डालती है, जोकि अपने स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक कानून-व्यवस्था बनाए रखने के सीआरपीएफ के मिशन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का पश्चिमोत्तर सेक्टर अपने परिचालनिक क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शांति की रक्षा करने और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी संभालते हुए] यह सेक्टर भारत के कुछ सबसे संवेदनशील और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों पंजाब] हरियाणा] हिमाचल प्रदेश एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में परिचालन जिम्मेदारियों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करता है।
पश्चिमोत्तर सेक्टर का परिचालन क्षेत्राधिकार का संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है:
अपनी व्यापक जिम्मेदारियों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के पश्चिमोत्तर सेक्टर द्वारा अधीनस्थ कार्यालय सुव्यवस्थित तरीके से वर्गीकृत हैं। सेक्टर निम्नलिखित अधीनस्थ प्रतिष्ठानों की परिचालन और प्रशासनिक जिम्मेदारियों की देखरेख करता है:
1- फील्ड यूनिट:
2- अतिरिक्त परिचालन तत्व:
बटालियन स्तर की तैनाती से लेकर वीआईपी सुरक्षा] प्रशिक्षण एवं परिचालन में विशेष भूमिकाओं में सेक्टर का यह स्वरूप इसकी विविध परिचालनिक जिम्मेदारियों को दर्शाता है।
सेक्टर मुख्यालय निम्नलिखित 04 केंद्रीय खेल टीमों के प्रशिक्षण] खेल सामग्री सहायता और समग्र प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है] जिनमें से 02 टीमें इसके परिसर में और अन्य 02 ग्रुप सेंटर] जालंधर में तैनात हैं। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में सीआरपीएफ का प्रतिनिधित्व करने वाली इन टीमों को उनकी तैयारी और स्वास्थ्य के लिए अनवरत सहयोग मिलता है।
पश्चिमोत्तर सेक्टर] सीआरपीएफ के पहले पुलिस महानिरीक्षक] भारतीय पुलिस सेवा के सुविख्यात पुलिस अधिकारी श्री के.पी.एस.गिल थे] जिनके नेतृत्व में सेक्टर की परिचालन उत्कृष्टता की नींव रखी गई। उन्होंने 23 जुलाई] 1986 को सेक्टर का कार्यभार संभाला।
वर्तमान में] श्री दिनेश उनियाल] पुलिस महानिरीक्षक] पश्चिमोत्तर सेक्टर] सीआरपीएफ के प्रशासनिक और परिचालनिक उद्देश्यों हेतु 07 फरवरी] 2024 से सेक्टर का नेतृत्व कर रहे हैं।
इस अवधि के दौरान 25 प्रतिष्ठित महानिरीक्षकों ने पश्चिमोत्तर सेक्टर] सीआरपीएफ की विरासत को आगे बढ़ाया है। पश्चिमोत्तर सेक्टर के अब तक के कमांडरों की सूची इस प्रकार हैः-
| क्र.सं. | अधिकारी का नाम | अवधि | |
|---|---|---|---|
| से | तक | ||
| 01. | श्री के.पी.एस.गिल भा.पु.से. | 23/07/1986 | 05/01/1988 |
| 02. | श्री जोगिंदर सिंह भा.पु.से. | 06/01/1988 | 24/07/1990 |
| 03. | श्री राजदीप सिंह भा.पु.से. | 27/01/2005 | 16/09/2005 |
| 04. | श्री एस.एस.संधू | 30/07/2005 | 31/07/2006 |
| 05. | श्री एस.सी.शर्मा | 01/09/2006 | 04/07/2007 |
| 06. | श्री टी.एस.ढिल्लों | 05/07/2007 | 18/08/2007 |
| 07. | श्री आर.के.सक्सेना | 03/09/2007 | 28/01/2010 |
| 08. | श्री सतसरूप सिंह | 29/01/2010 | 30/09/2010 |
| 09. | श्री बी.आर.कामथ | 01/01/2011 | 11/04/2011 |
| 10. | श्री जे.एस.गिल | 21/06/2011 | 31/01/2012 |
| 11. | श्री कुलबीर सिंह | 16/04/2012 | 31/03/2013 |
| 12. | श्री नलिन प्रभात, भा.पु.से. | 19/04/2013 | 08/06/2014 |
| 13. | श्री सूरजभान काजल | 09/06/2014 | 22/09/2015 |
| 14. | श्री एच.एस.सिद्धू, भा.पु.से. | 23/09/2015 | 02/01/2016 |
| 15. | श्री नलिन प्रभात, भा.पु.से. | 03/01/2016 | 04/07/2017 |
| 16. | श्री वी.एस.यादव, भा.पु.से. | 05/07/2017 | 25/09/2017 |
| 17. | श्री अजय भटनागर, भा.पु.से. | 25/09/2017 | 02/02/2018 |
| 18. | श्री सतपाल कपूर | 23/02/2018 | 30/09/2018 |
| 19. | श्री एस.उपाध्याय | 14/12/2018 | 20/02/2019 |
| 20. | श्री राकेश यादव | 20/09/2019 | 03/06/2019 |
| 21. | श्री के.विजय कुमार | 04/06/2019 | 14/04/2021 |
| 22. | श्री विक्रम सहगल | 14/04/2021 | 09/07/2021 |
| 23. | श्री मूलचंद पंवार | 10/07/2021 | 31/05/2023 |
| 24. | श्री जसबीर सिंह संधू | 01/06/2023 | 31/01/2024 |
| 25. | श्री दिनेश उनियाल | 07/02/2024 | अभी तक |
पश्चिमोत्तर सेक्टर सीआरपीएफ अपने परिचालन और प्रशासनिक नियंत्रण के तहत वाहिनियों के एक विस्तृत नेटवर्क की देखरेख करता है जो विभिन्न चुनौतियों से भरे क्षेत्रों में प्रभावी तैनाती सुनिश्चित करते हैं :-
यह सेक्टर देश के विभिन्न राज्यों में रणनीतिक स्थानों पर तैनात यूनिटों का प्रबंधन करता है:
यह व्यापक तैनाती प्रशासनिक दक्षता बनाए रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।
