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महानिरीक्षक द्रुत कार्य बल का संदेश
वर्ष 1992 में गठित द्रुत कार्य बल लोक व्यवस्था की गड़बड़ी से निपटने वाली सीआरपीएफ की विशेष शाखा है। अपनी स्थापना के बाद से, द्रुत कार्य बल पूरे देश में लोक व्यवस्था की चुनौतियों को उच्च स्तर की दक्षता के साथ संभाल रहा है। द्रुत कार्य बल ने कई अवसरों पर अपनी क्षमता साबित की है और हमेशा भारतीय और विदेशी धरती पर संकट मोचक के रूप में उभरा है। अपने सुदृढ पेशेवर लोकाचार के कारण, द्रुत कार्य बल को कोसोवो और लाइबेरिया में उनकी सेवाएं प्रदान करने के लिए बुलाया गया है। द्रुत कार्य बल की महिला और पुरुषों की गठित पुलिस टुकडियों (एफपीयू) ने क्रमशः कोसोवो और लाइबेरिया में संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले विशिष्टता के साथ सेवाएं प्रदान की हैं। अपनी यात्रा से व्यापक अनुभव प्राप्त करते हुए, द्रुत कार्य बल अपनी मूल क्षमता और कौशल को मजबूत करने पर केंद्रित है। राज्यों से द्रुत कार्य बल की निरंतर मांग विभिन्न राज्यों में संघर्ष स्थितियों से निपटने में इसकी क्षमता, बहुमुखी प्रतिभा, सामाजिक स्वीकृति और निर्भरता के बारे में बहुत कुछ बयान करती है। इसके साथ ही, द्रुत कार्य बल ने आरएएफ एकेडमी फॉर पब्लिक ऑर्डर (आरएपीओ) मेरठ (यूपी) में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करके विभिन्न सार्क देशों के पुलिस अधिकारियों और राज्य/अन्य केंद्रीय पुलिस बलों को उनकी दंगा-रोधी/भीड़ नियंत्रण क्षमताओं और कौशल को उन्नत करने के लिए प्रशिक्षित करने का कार्य भी किया है।
सामाजिक ताने-बाने पर तनाव बढ़ने से कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने की चुनौतियाँ जटिल होती जा रही हैं। द्रुत कार्य बल, स्वभाव से सक्रिय होने के कारण, पिछली घटनाओं और तैनाती की नियमित निगरानी, विश्लेषण और हर कल्पनीय परिदृश्य को पूरा करने के लिए खुद को विकसित और सुसज्जित करने की इच्छाशक्ति के माध्यम से सामाजिक व्यवहार के उभरते रुझानों को समझने का प्रयास करता है।
स्थिति को चतुराईपूर्वक और संवेदनशीलता के साथ संभालना बल के आदर्श वाक्य "संवेदनशील पुलिसिंग के साथ मानवता की सेवा" को सही चरितार्थ करता है। नागरिकों के बीच बल की कुशल, निष्पक्ष और मानवीय छवि ने द्रुत कार्य बल को कई मायनों में मजबूत किया है। ब्लू कॉम्बैट वर्दी में जवानों ने सम्मान और देश के नागरिकों का प्यार अर्जित किया है । द्रुत कार्य बल के उच्च प्रशिक्षित सैनिक कानून का पालन करने वाले नागरिकों की सुरक्षा और देश के कानून को बनाए रखने के लिए समर्पित हैं। परिचयतिकरण अभ्यास, सिविक एक्शन प्रोग्राम और ऐसी अन्य गतिविधियों के माध्यम से लैंगिक संवेदनशीलता, सांस्कृतिक सूझ-बूझ और जनता के साथ नियमित सवांद किया जाता है। कानून और व्यवस्था की स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में द्रुत कार्य बल युनिटों में बढोत्तरी प्रदान की गई। उभरते सामाजिक, राजनीतिक और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों पर नजर रखते हुए, द्रुत कार्य बल नियमित रूप से अपनी इन्वेंट्री का उन्नयन और आधुनिकीकरण कर रहा है।
द्रुत कार्य बल ने हमेशा प्राकृतिक आपदाओं/मानव निर्मित आपदाओं के दौरान बचाव और राहत कार्यों के लिए अपने जिम्मेदारी वाले क्षेत्र में प्रभावी प्रथम प्रत्युत्तरकर्ता की भूमिका निभाई है। बचाव अभियानों में अपनी क्षमता को मजबूत करने के लिए, द्रुत कार्य बल अपने सैनिकों को प्रशिक्षित करने और उन्हें वांछित उपकरणों से लैस करने पर ध्यान केंद्रित करता रहा है।
द्रुत कार्य बल ने उत्साह और दृढ़ संकल्प के साथ "विशिष्ट बल" का दर्जा हासिल किया है। इस समय जब सरकार और समाज, द्रुत कार्य बल को प्रमुख दंगा विरोधी बल के रूप में देखते हैं, तो द्रुत कार्य बल के लिए सैनिकों के कौशल को उन्नत कर और इन्वेंट्री को मजबूत कर अपने आदर्श वाक्य "संवेदनशील पुलिसिंग के साथ मानवता की सेवा" पर समग्र ध्यान केंद्रित करते हुए उनकी क्षमता में और सुधार करने के लिए कृतसंकल्प है।
जय हिन्द