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क्षेत्र के बारे में

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कमाण्डों बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन (कोबरा) उग्रवादियों एवं विद्रोहियों से निपटने के लिए गुरिल्ला जंगल युद्ध जैसे ऑपरेशनों में दृढ़तापूर्वक कार्रवाई के लिए गठित एक विशेष बल है। जंगल के योद्धाके रूप में प्रसिद्ध इन विशेष जवानों का चयन के.रि.पु.बल के जवानों में से किया जाता है। इनकी पहचान साहस, जोश और देशभक्ति है, जो "कमाण्डोंऔर जंगल युद्धका विशेष प्रशिक्षण प्राप् करते हैं। वर्ष 2008-2011 के दौरान गठित 10 कोबरा बटालियनों को प्रशिक्षित एवं उपकरणों से सुसज्जित कर छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और असम मेघालय के सभी वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित/विद्रोहग्रस्त क्षेत्रों में तैनात किया गया है। यह देश के सर्वोत्तम केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में एक है, जिन्हें जंगल में विद्रोहियों से लड़ाई लड़ने और जीतने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। कोबरा सी.आर.पी.एफ का नक्सल विरोधी अभियानों के लिए एक विशेष बल हैं।...

कोबरा का संक्षिप्त इतिहास

कोबरा सेक्टर सर्वप्रथम श्री के. दुर्गा प्रसाद, भा.पु.से., महानिरीक्षक, कोबरा सेक्टर की कमान में महानिदेशालय, के.रि.पु.बल,केंद्रीय कार्यालय परिसर, लोधी रोड़, नई दिल्ली में कार्य करना प्रारम् किया। तत्पश्चात मार्च, 2009 में सेक्टर मुख्यालय को पुष्प विहार, नई दिल्ली में स्थानांतरित किया गया और दिनांक 11/11/2009 से कोबरा सेक्टर मुख्यालय पुराना सचिवालय, सिविल लाईन, दिल्ली -54 में कार्य कर रहा है। वर्तमान में श्री राजेश खुराना, भा.पु.से., पुलिस महानिरीक्षक, कोबरा का नेतृत् कर रहे हैं।

कोबरा को अब तक 05 कीर्ति चक्र, 18 शौर्य चक्र, 02 पीपीएमजी, 344 पीएमजी, 250 पराक्रम पदक, 07 जीवन रक्षा पदक, 4416 डीजी प्रशंसा डिस्क अंलकरणों से सम्मानित किया जा चुका है तथा अब तक कोबरा के 74 जवान व 07 K9 विभिन् परिचालनिक कार्रवाई (ऑपरेशन) में अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं।

कोबरा ने 2009 से अब तक कुल 35140 ऑपरेशन किए हैं, जिनमें 399 नक्सल विद्रोहियों को मार गिराया, 3257 को गिरफ्तार किया तथा 1101 नक्सलियों द्वारा कोबरा के समक्ष आत्मसमर्पण किया। साथ ही 1522 विभिन्न प्रकार के हथियार, 56147 विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद, 8854 बम/आइईडी/हथगोले, 82884 डेटोनेटर नक्सली और विद्रोहियों से बरामद किए गए।