देश के सबसे पुराने व सबसे बड़े केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल- केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का नेतृत्व करना मेरे लिए बहुत ही गौरव की बात है। सबसे अधिक पदकों से सुसज्जित इस बल का हिस्सा बनकर मैं उत्साहित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। इस बल के आदर्श वाक्य ‘‘सेवा और निष्ठा‘’ और ‘‘राष्ट्र प्रथम‘‘ के मूल्य मेरे नेतृत्व के व्यक्तिगत दर्शन में समाहित हैं। सीआरपीएफ की राष्ट्रव्यापी उपस्थिति एक आधुनिक सशस्त्र पुलिस बल की छवि प्रस्तुत करती है जो ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत‘ को प्रदर्शित भी करती है। भारत को एक गौरवशाली राष्ट्र बनाने के लिए हमारे जवान हमेशा कड़ी मेहनत करते हैं। युद्ध अभियानों, दंगा प्रभावित क्षेत्रों, वीआईपी सुरक्षा, चुनावी प्रक्रिया के साथ-साथ राहत अभियानों में सीआरपीएफ की प्रतिबद्धता बेहद पेशेवर व प्रशंसनीय है। मुझे प्रसन्नता है कि सीआरपीएफ एक जन-केंद्रित बल है। इसकी बौद्धिक और तकनीकी क्षमता उत्कृष्ट दर्जे की है।
मुझे एक ऐसे बल में सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जिसकी नींव स्वतंत्रतापूर्व भारत में रखी गई और जिसका 83 वर्षों का गौरवशाली इतिहास है। मैं इस अवसर पर बल के अधिकारियों के साथ पूर्ण भागीदारी से काम करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करता हूँ। सीआरपीएफ के महानिदेशक के रूप में, बल के मूल सिद्धान्तों के अनुसरण की जिम्मेदारी मुझसे शुरू होती है। मैं स्वंय अनुकरणीय उदाहरण द्वारा नेतृत्व करने में विश्वास करता हूँ। इसलिए यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि मेरा नेतृत्व और कार्यशैली आपके लिए ईमानदारी और लगन से काम करने का वातावरण तैयार करें। मैं सरकार के उच्च अधिकारियों, सीआरपीएफ के सभी अधिकारियों और बटालियन सदस्यों के साथ कार्य कर एक सुदृढ़ वातावरण बनाने की आशा करता हूँ। मुझे विश्वास है कि हम सभी व्यावसायिक, सक्षम, मेहनती और अनुशासित ढंग से अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।
सीआरपीएफ के समक्ष उपस्थित चुनौतियों व मुद्दों की जानकारी प्राप्त करने हेतु, मैं आगामी दिनों में विभिन्न स्थानों की यात्रा करूँगा और इस बल की सेवा तथा जवानों व उनके परिवारों के कल्याण हेतु कार्य करने का प्रयास करूँगा। सभी की प्रतिक्रियाओं और सुझावों का स्वागत है।
जय हिन्द
महानिदेशक, के० रि० पु० बल