देश के सबसे पुराने व सबसे बड़े केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल- केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का नेतृत्व करना मेरे लिए बहुत ही गौरव की बात है। राष्ट्रहित में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सभी शहीदों का नमन एवं उनके परिजनों का अभिनंदन कर, मैं यह दायित्व ग्रहण कर रहा हूँ। सबसे अधिक पदकों से सुसज्जित इस बल का हिस्सा बनकर मैं उत्साहित और गौरवान्वित हूँ। इस बल के आदर्श वाक्य "सेवा और निष्ठा" के साथ-साथ ‘राष्ट्र प्रथम' व ‘बल प्रथम’ के मूल्य मेरे नेतृत्व के व्यक्तिगत दर्शन में समाहित हैं। सीआरपीएफ की राष्ट्रव्यापी उपस्थिति एक आधुनिक सशस्त्र पुलिस बल की छवि प्रस्तुत करती है जो 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' को भी प्रदर्शित करती है। भारत को एक गौरवशाली राष्ट्र बनाने के लिए हमारे जवान हमेशा कड़ी मेहनत करते हैं। परिचालनिक अभियानों, दंगा प्रभावित क्षेत्रों, वीआईपी सुरक्षा, चुनावी प्रक्रिया के साथ-साथ राहत अभियानों में सीआरपीएफ की दक्षतापूर्ण प्रतिबद्धता बेहद प्रशंसनीय है। मुझे प्रसन्नता है कि सीआरपीएफ एक जन-केंद्रित बल है। इसकी बौद्धिक और तकनीकी क्षमता उत्कृष्ट दर्जे की है।
मुझे एक ऐसे बल में सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जिसकी नींव स्वतंत्रतापूर्व भारत में रखी गई और जिसका 85 वर्षों का स्वर्णिम एवं गौरवशाली इतिहास है। मैं इस अवसर पर बल के अधिकारियों के साथ पूर्ण भागीदारी से काम करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करता हूँ। सीआरपीएफ के महानिदेशक के रूप में, बल के मूल सिद्धान्तों के अनुसरण की जिम्मदारी मुझसे शुरू होती है। मैं स्वयं अनुकरणीय उदाहरण द्वारा नेतृत्व करने में विश्वास करता हूँ। इसलिए यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि मेरा नेतृत्व और कार्यशैली आपके लिए ईमानदारी और लगन से काम करने का वातावरण तैयार करे। मैं सरकार के अधिकारियों, सीआरपीएफ के सभी अधिकारियों और बटालियन के सदस्यों के साथ कार्य कर एक सुदृढ़ वातावरण बनाने की आशा करता हूँ। मुझे विश्वास है कि हम सभी पूर्ण सक्षमता, मेहनत और अनुशासित ढंग से अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।
भारत की जनता की सेवा में प्रसन्न मन एवं स्वस्थ शरीर के माध्यम से एक दक्ष बल प्रदान करने के लिए मैं कृत संकल्पित हूँ। हमारे शहीदों, पूर्व बलकर्मियों व उनके परिवारों के हितों का ध्यान रखना एवं उनको समाज में यथोचित मान-सम्मान दिलाना मेरी उच्च प्राथमिकता रहेगी। इसके साथ ही मेरा यह प्रयास रहेगा कि बल के संस्थागत ढांचे को मजबूत किया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकार की नीतियों एवं सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का लाभ बल के कनिष्ठतम कार्मिक तक पहुँचे।
मैं आगामी दिनों में विभिन्न स्थानों का भ्रमण करूँगा और बल के जवानों व उनके परिवारों के कल्याण हेतु कार्य करने का प्रयास करूँगा एवं एक ऐसा वातावरण सृजित करने की चेष्टा करूँगा जहाँ हम सब मिलकर भारत माता की सेवा कर सकें।
जय हिन्द
महानिदेशक, के० रि० पु० बल