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जोरहाट - एक नजर में

जोरहाट नगर 26.75 डिग्री उत्तर तथा 94.22 डिग्री पूर्व में स्थित है। यह जिला उत्तर में लखीमपुर जिला तथा दक्षिण में नागालैण्ड राज्य एवं पूर्व में षिवसागर तथा पष्चिम में गोलाघाट से घिरा हुआ है । ’’जोरहाट’’ अथवा ’’जोरेहाउट’’ का अर्थ है दो हाट या मण्डी - ’’मछरहाट’’ एवं ’’चैकीहाट’’ जोकि 18वीं सदी से ही भुगदोई नदी के दो किनारों पर स्थित है। सन 1794 में अहोम राजा गौरीनाथ सिंघा नें अपनी राजधानी सिबसागर (तत्समय ’’रंगपुर’’) से जोरहाट को बनाया । यह नगर बहुत ही खुषहाल तथा व्यवसायिक केन्द्र के रूप में जाना जाता था। लेकिन सन 1817 से 1824 के दौरान बर्मा द्वारा अनेक आक्रमण करके इस नगर को पूरी तरह से नश्ट कर दिया था। तत्पष्चात डेविड स्काट और कैप्टन रिचर्ड की अगुवाई के यहां अंग्रेजी फौज का आगमन हुआ। पहले जोरहाट अविभाजित सिबसागर जिले का उप मंडल था। वर्श 1983 में जोरहाट को सिबसागर का विभाजन करके जोरहाट को अलग जिला बनाया गया। वर्तमान जोरहाट जिले के तीन उप मंडल है जिनके नाम जोरहाट, मजुली एवं तीताबोर है।

आज यह नगर राज्य का एक बहुत बड़ा व्यवसायिक एवं बाजार के रूप में अपने आपको स्थापित कर लिया है जिसमें बहुत से षापिंग माल्स, रेस्टोरेंटों, होटलों, आवासीय अपार्टमेंट एवं षैक्षणिक संस्थान बन रहे हंै। यह नगर यहां की मषहूर स्थानों यथा काजीरंगा नेषनल पार्क एवं विष्व की सबसे लम्बी द्वीप नदी माजुली घूमने जाने के लिए पर्यटन हेतु अपनी सेवाएं देता है। राज्य के बीचोंबीच में स्थित होने के कारण यह नगर असमियों की बस्ती एवं संस्कृति का जीवंत दर्षन करवाता है तथा यहां के स्थानीय लोगों द्वारा आकर बसने हेतु यह सबसे पसंदीदा स्थान है। यहां पर विभिन्न स्थानों जिसमें की पंजाबी, बिहारी, मारवाड़ी, बंगाली और यहां तक कि सुदूर दक्षिण भारतीय भी यहां आकर बस गए है। वे इस घर के प्रति पूर्ण निश्ठावान हैं एवं इन्होंने इसे ही अपनी पहचान बना लिया है।

जोरहाट नगर की स्थलाकृति तथा भू-भाग का विवरण

मुख्य जानकारी

क्षेत्रफल :
क्षेत्रफल 2852 वर्ग किमी0
षहरी क्षेत्र 65.4 किमी0
ग्रामीण क्षेत्र 2793 वर्ग किमी0
आबादी :
कुल आबादी 10,92,256
पुरूश 05,56,805
Female 05,35,451
जनसंख्या घनत्व 383 प्रति वर्ग किमी0

धार्मिक प्रतिनिधित्व :

हिंदू 92.88 प्रतिषत
मुस्लिम 04.33 प्रतिषत/td>
ईसाई 01.53 प्रतिषत
सिख 00.40 प्रतिषत
बौद्ध 00.53 प्रतिषत
अन्य 00.33 प्रतिषत

जोरहाट परिचालनिक सेक्टर का इतिहास

भारत सरकार, गृह मंत्रालय के आदेष सं0-ओ0-चार-10/2002(संगटन)गृह मंत्रालय/पीएफ-।।। दिनांक 14/9/2004 के द्वारा परिचालनिक सेक्टर केरिपुबल जोरहाट(असम) की स्वीकृति प्रदान की गयी तथा दिनांक 22/2/2005 को रौरिया, जोरहाट(असम) में इसके मुख्यालय का षुभारंभ किया गया। परिचालन सेक्टर जोरहाट के अधीन पूरा अरूणाचल प्रदेष , ऊपरी असम के 14 जिले, दक्षिणी असम के 05 जिले तथा असम एवं नागालैण्ड के विवादित क्षेत्र (डीएबी) के 04 सेक्टरों के परिचालनिक क्षेत्राधिकार में रखा गया है।