लातूर का प्राचीन इतिहास है। लातूर 753 से 973 ईसवी की अवधि में दक्कनी प्रांत का शासन करने वाले राष्ट्रकूट राजाओं का गढ़ था। प्रथम राष्ट्रकूट राजा दंतिदुर्ग लातूर से थे जो सम्भवतः लातूर का प्राचीन नाम था। रत्नपूर भी लातूर के ऐतिहासिक नाम के रुप में वर्णित किया गया है ।राजा अमोघवर्ष ने लातूर को विकसित किया जो राष्ट्रकूट का मूल स्थान माना जाता है । सदियों से शातवाहन, सका, चालुक्य, देवगिरि के यादव दिल्ली सुल्तान, दक्षिण भारत के बहामनी शासन, आदिलशाही एवं मुगल शासकों ने इस स्थान पर शासन किया ।
तद्दोपरांत 19वी शताब्दी में लातूर हैदराबाद रियासत का हिस्सा बना । 1905 में आसपास के इलाकों को शामिल कर लातूर तहसील बनाई गई जो उस्मानाबाद जिले का भाग था । 1948 से पूर्व लातूर निजाम सल्तनत हैदराबाद रियासत का हिस्सा बना । 1905 में आसपास के इलाकों को शामिल कर लातूर तहसील बनाई गई जो उस्मानाबाद जिले का भाग था । 1948 से पूर्व लातूर निजाम सल्तनत हैदराबाद का प्रांत था । निजाम की रजाकर सेना के प्रमुख कामिस रिज्वी, लातूर से थे ।
स्वतंत्रता के बाद हैदाराबाद रियासत के भारतीय संघ में विलय के उपरांत, उस्मानाबाद बाम्बे प्रांत का हिस्सा बना । 1960 में महाराष्ट्र राज्य के सृजन के साथ, उस्मानाबाद इसका एक जिला बना । 16 अगस्त 1982 को उस्मानाबाद जिले के एक हिस्से को अलग कर लातूर जिले का सृजन किया गया।
30 सितम्बर 1993 को लातूर में भयंकर भूकंप आया जिससे भारी मात्रा में जान-माल का नुकसान का नुकसान हुआ । रिक्टर स्केल पर भूकंप का माप 6.3 था जिससे लगभग 10,000 लोगों की जान गई एवं 30,000 लोग घायल हुए । जीर्ण मकान एवं गांवों में पत्थर से निर्मित झोपड़ियॉ जान-माल के नुकसान का प्रमुख कारण था । भूकंप तडके सुबह आया जब लोग गहरी निद्रा में थे । अतः लोग नींद मे ही मलबे में दब गए । भूकंप का केन्द्र जमीनी स्तर से लगभग 12 कि.मी गहरा था जिसके कारण उसकी तंरगो से अधिक नुकसान पहुँचा । चूंकि भूकंप त़डके सुबह 3.53 आया था । जब लोग गहरी निद्रा में थे, इसी कारण मरने वालो की संख्या अधिक थी । भूकंप के बाद क्षेत्रों को फिर से वर्गीकृत किया गया और पूरे भारत निर्माण कोड और मानको का निर्माण किया गया ।
रंगरुट प्रशिक्षण केन्द्र, केरिपुबल, लातूर बार्शी रोड, महादेव नगर लातूर महाराष्ट्र (413 531) में स्थित है। महाराष्ट्र औघोगिक विकास निगम परिसर, लातूर में 200 एकड़ जमीन महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रदान की गई है । यह मूल रुप से "राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल” डीएमटीसी (आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण केन्द्र) के लिए आबंटित की गई थी जो कि बाद में वर्ष 2007 में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल को सौंपा दी गई थी । जुन 2007 में 196 बटालियन केरिपुबल यहां स्थापित की गई और बटालियन मुख्यालय फरवरी 2010 तक यहॉ स्थित था । उसके बाद जुलाई 2010 से 216 बटालियन केरिपुबल यहां स्थापित की गई और बाद में जुन, 2011 से सहायक प्रशिक्षण केन्द्र (एसटीसी) यहां स्थापित की गई और बाद जुलाई 2012 में अतिरिक्त प्रशिक्षण केन्द्र (एटीसी) में बदल दिया गया । पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) महानिदेशालय, केरिपुबल के बेतार संख्या-टी-पॉच-12/2014-प्रशि-11 (न्यु रेजिंग) दिनांक 21/08/2014 के तहत दिनांक 01 सितम्बर, 2014 को रंगरुट प्रशिक्षण केन्द्र केरिपुबल लातुर की स्थापना की गई । यह संस्थान शुरु में पुलिस महानिरीक्षक, के.रि.पु.बल पश्चिमी क्षेत्र, केरिपुबल मुम्बई के प्रशासनिक में था और बाद में दिनांक 26/02/2016 से प्रशिक्षण महानिदेशालय, केरिपुबल नई दिल्ली के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत रखा गया था ।
लातूर के आस-पास क्षेत्रों में कई दार्शनिक एवं धार्मिक महत्व के स्थल है । इनमें से कुछ निम्न प्रकार से हैः-
1.उस्मानाबाद जिला के तुलजापुर में माँ भवानी का मंदिर है । ऐसा विश्वास किया जाता है कि शिवाजी महाराज ने इस मंदिर का निर्माण कराया ।मंदिर पर लोगों की गहरी भावना एवं प्रगाढ़ विश्वास है । यह मंदिर लातुर से 80 कि.मी. की दुरी पर स्थित है ।
2.बीड़ जिले में परली बैजनाथ प्राचीन ज्योतिलिंग मंदिर है जो एक छोटे से पहाड़ पर स्थित है । यह स्थान लातूर से 72 किमी दूर है ।
3.औंधा नागनाथ हिंगोली जिले में है जो एक प्राचीन शिव मंदिर है और एक प्रमुख ज्योतिलिंग माना जाता है । यह स्थान लातूर से 179 किमी दुर है ।
4.नांदेड में महाराजा रंजीत सिंह द्वारा निर्मित प्रसिद्ध हजुर साहब गुरुद्वारा है । यह स्थान लातूर से 145 किमी दुर है ।
5.अजंता-एलोरा गुफाएं औरंगाबाद जिले में है जिसमें पत्थर से तराशी हुई प्राचीन मूर्तिया है यह स्थान लातूर से 290 किमी दुर है ।
6.खरोशा गुफाएं लातूर से 45 कि.मी. की दूरी पर स्थित एक प्राचीन गांव में है जो गुफाओं और मुर्तियों के लिए प्रसिद्ध है।
रिक्रूट प्रशिक्षण केन्द्र लातूर, महाराष्ट्र औधोगिक विकास निगम क्षेत्र, बार्शि रोड महादेव नगर, पोस्ट – गंगापुर लातूर महाराष्ट्र (413531) में स्थित है ।
संपर्क:
1. सड़क मार्ग
Øयह संस्थान लातूर रेलवे स्टेशन से लगभग 13 किमी और लातूर बस स्टैड से 15 किलोमीटर दूर स्थित है ।
Øलातुर महाराष्ट्र के मुख्य शहरों के साथ सड़क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है । यह सोलापुर से 140 किलोमीटर हैदराबाद से 300 किलोमीटर नागपुर से 450 किलोमीटर, पुणे से 350 किलोमीटर और औररंगाबाद से 300 किलोमीटर दूर स्थित है।
रेल मार्ग
Ø लातुर शहर मुम्बई, पुणे, बिदर, नांदेड, नागपुर और हैदराबाद के साथ रेल मार्ग से जुडा हुआ है ।
Øलातूर शहर से मुम्बई के लिए पुणे मार्ग द्वारा प्रतिदिन रेल की सेवा उपलब्ध है । रेल गाड़ी संख्याः 22107 सी.एस.टी. मुम्बई 2130 बजे रवाना होकर अगले दिन 0630 बजे लातुर पहुँचती है । रेल गाड़ी संख्याः 22018 लातुर से 2230 बजे रवाना होकर अगले दिन 0805 बजे सी.एस.टी मुम्बई पहुँचती है ।
Øरेल गाडी संख्याः 17014 हैदराबाद से मंगलवार, शुक्रवार रविवार को 2245 बजे रवाना होकर अगले दिन 0622 बजे लातुर पहुँचती है। रेल गाडी संख्याः 17013 लातुर से सोमवार, बुधवार और शनिवार को 2045 बजे रवाना होकर अगले दिन 0430 बजे हैदराबाद पहुँचती है ।
Øरेल गाड़ी संख्याः 11403 नागपुर से मंगलवार और शनिवार को 1500 बजे रवाना होकर अगले दिन 0525 बजे लातुर पहुँचती है। रेल गाड़ी संख्याः 11404 लातुर से सोमवार और शुक्रवार को 2140 बजे रवाना होकर अगले दिन 1235 बजे नागपुर पहुँचती है।
Øरेल गाडी संख्याः 11012 नांदेड से गुरुवार 0630 बजे रवाना होकर उसी दिन 1210 बजे लातुर पहुँचती है । रेल गाड़ी संख्याः 11011 लातुर से बुधवार को 2130 बजे रवाना होकर अगले दिन 0445 बजे नांदेड़ पहुँचती है ।
Øरेल गाड़ी संख्याः 51433 नांदेड प्रतिदिन 1600 बजे रवाना होकर उसी दिन 2230 बजे लातुर पहुँचती है। रेल गाड़ी संख्याः 51434 लातुर से प्रतिदिन 1205 बजे रवाना होकर उसी दिन 1940 बजे नांदेड पहुँचती है ।
Theनिकटतम रेलवे स्टेशन लातुर है जो कि कैम्प से 13 किलोमीटर की दुरी पर है।
हवाई मार्गलातुर शहर के निकटतम एयरपोर्ट नांदेड़, मुम्बई, हैदराबाद और औरंगाबाद है ।
संस्थान में खेल और प्रशिक्षण के लिए अच्छी सुविधाएं है जिनमें परेड ग्राउंट, ड्रिल नर्सरी, विंग-वार प्रशिक्षण क्षेत्र, अबस्टेकल कोर्स, स्विमिंग पूल, कम्पयुटर लैब, टेनिस, टेबल टेनिस, बैडमिटन, फुटबॉल, हैंडबॉल, बास्केटबाल एवं मुक्केबाजी जैसी सुविधाएं है ।
लातुर महाराष्ट्र- कनार्टक राज्य सीमा के पास बालाघाट पठार पर समुद्र तल से 638 मीटर की उचाई पर स्थित है । यहॉ पास की मंजरा नदी पीने का पानी की आपूर्ती करती है । यह नदी 20वी. सदी के उत्तरार्ध और 21वीं सदी के शुरुवात में पर्यावरणीय गिरावट और सिंल्टिंग से ग्रस्त है । इसके परिणाम स्वरुप और जल प्रबंधन रणनिति के कार्यान्वयन की कमी के कारण 2010 में सूखे की स्थिति पैदा हौ गयी एवं शहर में पानी काफी किल्लत हुई ।
लातूर में वार्षिक तापमान 13 से 41 डिग्री सेल्सियस (55 से 106 डिग्री फारेनहाइट) तक रहता है । यह सर्दी के समय घूमने के लिए सबसे आरामदायक साय होता है जो फरवरी से अक्टूबर के बीच होता है । यह का दर्ज किया गया उच्चतम तापमान 45.60 डिग्री सेल्सियस (114.1 डिग्री फारेनहाईट) था । जबकि सबसे कम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस (36 डिग्री फारेनहाइट) था । ठंड के मौसम में जिला कभी – कभी उत्तर भारत क्षेत्र से पश्चिम क्षेत्र में मौसम के आसामान्य होने पर पूर्ववर्ती मार्ग के साथ ठंडी तरंगो से प्रभावित होता है तब न्युनतम तापमान लगभग 2 से 4 डिग्री सेल्सियस (36 से 39 डिग्री फारेनहाइट) तक गिर जाता है ।
मानसून के मौसम में जून से सितम्बर तक ज्यादातर बारिश होती है । बारिश 9.0 से 639 मि.मी. प्रति माह औसतन होती है । औसत वार्षिक वर्षा 725 मिमी है ।
जिले में फैली कुछ छोटी पहाड़ियों के अलावा इस क्षेत्र की ज्यादातर जमीन समतल है ।
लातूर भारत में सोयाबीन का सबसे बड़ा व्यापार केन्द्र है । हरा-भरा शहर महाराष्ट्र की चीनी बेल्ट कहलाता है । जिले में ग्यारह से अधिक चीनी के मिल है, यह भारत के उच्चतम चीनी उत्पातक जिलों में से एक है । लातूर खाद्य तेल के बीज एवं फलों के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है । लातूर उच्च गुणवत्ता वाले अंगूर के लिए भी जाना जाता है और यह कई राज्यो और निजी स्वामित्व वाली ठंड भंडारण सुविधाओं का केन्द्र है । लातुर शहर से 18 किमी दुर औसा के पास 1.42 वर्ग किलोमीटर (350 एकड़) से अधिक क्षेत्र का अंगूर वाईन पार्क स्थापित किया गया है । इसके अतिरिक्त एमआईडीसी लातूर में 1.2 वर्ग कि.मी. (300 एकड़) में फैला एक नया लातूर फूड पार्क निर्माणाधीन है । लातूर दक्षिण भारत के लिए प्रमुख परिवहन जंक्शन है ।
आर.टी.सी. लातुर में एक समय में 1000 सिपाही/रंगरुटों को प्रशिक्षित करने की क्षमता है ।
Posted Gazetted Officers
क्र सं.
अधिकारी का नाम
पदनाम
इरला संख्या
1
पुलिस उप महानिरीक्षक / प्राचार्य
2
4010
3
श्री हरी सिंह
उप कमाण्डेन्ट
7126
4
श्री रनबीर सिंह
8078
5
श्री प्रदीप कुमार घोष
सहायक कमाण्डेन्ट
8265
6
श्री गंभीर सिंह
8861
7
श्री के. वी. बालकृष्णा
9165
8
श्री मारुती बी.
11718
9
श्री चामे नारायण तुकाराम
10884
10
डॉ बी एस बानाते
504321
11
श्री ए राघवन
सहायक कमाण्डेन्ट (मंत्रा)
11019
पुलिस उप महानिरीक्षक/प्राचार्य,
रंगरुट प्रशिक्षण केन्द्र, के.रि.पु.बल,
महादेव नगर,
पोस्ट ऑफिसः गंगापुर
जिलाः लातुर (महाराष्ट्र)
पिनः 413 531
दूरभाष नम्बरः 02382 – 267414 (नियंत्रण कक्ष/फैक्स)
ई-मेलः–pplrtcltr@crpf.gov.in,
digprtclatur@gmail.com
कोर्स प्रशिक्षण महानिदेशालय के निर्देशानुसार चलाए जाते है ।
44 सप्ताह
कोर्स का निर्धारण प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा किया जाता है ।
लातुर शहर महाराष्ट्र कनार्टक सीमा के निकट बालाघाट पठार पर समुद्र तल से 636 मीटर की उँचाई पर स्थित है । यहॉ का तापमान 13 डिग्री से 41 डिग्री सेल्लियस के बीच है । मानसून के मौसम में जून से सितम्बर माह के दौरान 725 मीलीमीटर औसतन वर्षा दर्ज होती है । मार्च से जून महीने आम तौर पर लगभग 40 डिग्री सेल्सियस औसतन तापमान के साथ गर्म और शुष्क रहते है ।
रंगरुट प्रशिक्षण केन्द्र, लातुर का मुख्य उद्देश्य केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल एवं अन्य राज्य पुलिस विभागों के नव नियुक्त सिपाही/रंगरुटों को मूल प्रशिक्षण देना है ।
आर.टी.सी., लातुर का उद्देश्य सिपाहियों को शारीरिक फिटनेस, सहनशीलता, फायरिंग कौशल, जंगल क्रॉफ्ट, रणनिति और उच्च स्तर के मानसिक दृढ़ता के साथ व्यावसायिक ज्ञान देकर सिपाही कौशल के उच्च स्तर को विकसित कर गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान करना है ताकि वे प्रशिक्षण के उपरांत सभी मौसमों, सभी इलाकों और सभी परिचालनिक क्षेत्रों में सेवा करने में पूर्ण रुप से सक्षम हो ।
पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण), महानिदेशालय, केरिपुबल, नई दिल्ली के दिनांक 18/06/2012 के बेतार संख्याः टी.पांच/अनुदेश-प्रशि-11(किट) के तहत जारी निर्देशानुसार सभी रंगरुटों को निम्नलिखित किट/क्लॉथिंग आईटमों के साथ रिपोर्ट करना आवश्यक हैः-
Sl no.
Nomenclature
a/u
Nos
Anklet web
prs
Kit bag
no
Beret cap blue
Belt waist web pat-37
Blanket
Boot ankle black
Braces W.E. . PAT-37 RT/LT
set
Canvas P.T shoes (brown)
pair
Carrier water bottle W.E. pat-37
Durries blue cotton
Frog bayonet W.E. pat-37
12
Great coat
13
Haver sack W.E. pat-37
14
Jersey woolen
15
Jungle hat (khaki)
16
Mosquito net
17
Pagree yellow 41/2 mtr (For Sikhs)
18
Pouches basic m-3 W.E. pat-37
19
Pagree khaki 5 mtr (For Sikhs)
20
Shirt khaki twill/cotton
21
Socks woolen grey
22
Short k.d.
23
Singlet white
24
Steel trunk
25
Strap shoulder havar sack W.E. pat-37
26
Towel hand
27
Trouser k.d
28
Water bottle
29
Terri cotton shirt khaki
30
Terri cotton trouser khaki
31
Dangri khaki
32
Steel mug
33
Steel plate
34
Shirt and pant white
35
Pagree mufti blue 5 mtr
36
Jungle boot
37
Angola shirt
दस्तावेज
मूल प्रशिक्षण के लिए रंगरुटों को भेजने से पहले संबंधित बटालियन/ग्रुप केन्द्र/ विभागों को नीचे दिए गए सभी प्रारंभिक दस्तावेजों को पूरा करना होगाः-
1.सेवा पुस्तिका, भर्ती रोल (केरिपुबल-1), चरित्र एवं पूर्ववृत्त/शैक्षणिक प्रमाण पत्र आदि का सत्यापन ।
2.ए.टी.एम कॉर्ड/चेक बुक के साथ बैंक खाता ।
3.एस-1 फॉर्म के साथ नामांकन फॉर्म/पी.आई.एस डॉटा/ डी.सी.पी.एस. आदि पूर्ण करना ।
4.. यह प्रशिक्षण केन्द्र उपरोक्त दस्तावेजों को पूर्ण करने के लिए जिम्मेदार नहीं होगा ।
निम्नलिखित दस्तावेजों को रंगरुटों के पार्टी प्रभारी के साथ भेजा जाएः-: -
1.संचालन आदेश – केरिपुबल 33
2.चिकित्सा इतिवृत्त शीट – केरिपुबल 50
3.के.आई.यू.एल – केरिपुबल 14
4.रंगरुट प्रगति शीट – केरिपुबल 13
5.. सक्षम प्राधिकारी के द्वारा सत्यापित किए गए रंगरुट का हाल ही का पासपोर्ट फोटोग्राफ
6.नामांकन रोल
7.यदि कोई छुट हो तो, उसकी प्रतिलिपि
8.. मैंस अग्रिम राशि रु. 4,000/- नकद
9.वर्दी में हाल ही के अन्य 10 पासपोर्ट फोटोग्राफ
10. वेतन और भत्ते
रिसेप्शन और ट्रांसपोर्ट
Ø प्रशिक्षण महानिदेशालय, केरिपुबल, नई दिल्ली से सूचना प्राप्त होने के उपरांत संबंधित ग्रुप केन्द्र या विभाग द्वारा सभी रंगरुटों को एक अधीनस्थ अधिकारी/अवर अधिकारी के उचित पर्यवेक्षण के अंतर्गत समय पर भेजना सुनिश्चित करेंगे ।
Ø पार्टी के आगमन की तिथि व समय आर.टी.सी. लातुर को पूर्व में सूचित किया जाना चाहिए ।
Øपूर्व में सूचना प्राप्त होने पर रेलवे स्टेशन/बस स्टैन्ड लातुर पर रंगरुटों को सरकारी वाहन उपलब्ध कराया जाएगा ।
Øआने वाले पार्टियों की सहायता / बस स्टैन्ड लातुर पर रंगरुटों को सरकारी वाहन उपलब्ध कराया जाएगा ।
खेल, मनोरंजन और अन्य सुविधाएं
निम्नलिखित खेल और मनोरंजन सुविधाएं आर.टी.सी. लातुर में उपलब्ध हैः-
A.. खेल
फुटबॉल, वॉलीबॉल, बॉस्केट बॉल, हैन्ड बॉल, हॉकी, कबड्डी, क्रिकेट, बेडमिंटन, स्विमिंग पूल और टेबल टेनिस ।
B.मनोरंजन सुविधाएं
टी.वी सहित केबल कनेक्शन, समाचार पत्र, विभिन्न पत्रिकाएं और इन्डोर गेम्स ।
C.पुस्तकालय
पुस्तकालय में पर्याप्त पुस्तकें और पत्रिकाएं उपवलब्ध है ।
4.कैन्टीन
इस संस्थान में सी.पी.सी और वैट कैन्टीन उपलब्ध है जहां से रंगरुट आवश्यक वस्तुओं को उचित मूल्य पर खरीद सकते है ।
5.आउट – पॉस
12वे सप्ताह में फुट ड्रिल के सफलतापूर्वक उत्तीर्ण हे के बाद लातुर में स्थानीय बाजार पर्यटन स्थलों पर जाने के लिए रविवार और छुट्टियों में रंगरुटों को आउट-पॉस दिया जाता है ।
6.टेलीफोन/मोबाईल
Øप्रशिक्षण के दौरान रंगरुटों को मोबाईल उपयोग करना पूर्ण रुप से वर्जित है ।
Øप्रशिक्षण समय के बाद रंगरुट मोबाईल का उपयोग कर सकते है ।
Øरंगरुटों को आर.टी.सी. लातुर के नियंत्रण कक्ष के लैन्ड-लाईन फोन से भी संपर्क किया जा सकता है ।
13. आधुनिक प्रशिक्षण सुवधाएं
संस्थान में निम्नलिखित आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध हैः-
Øकक्षाओं में स्मार्ट बोर्ड एवं ओ.एच.पी.
Øसैन्ड मॉडल कक्ष
Øआई.ई.डी मॉडल कक्ष और लेन
Øड्रिल नर्सरी
Øबैटल आब्सटेकल कोर्स
Øकम्प्यूटर लैब
पुरस्कार / ट्रॉफी
Øप्रशिक्षण में रुचि को बढ़ावा देने के लिए और प्रशिक्षार्थियों के मनोबल को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक माह में कम्पनी-वाईज इन्डोर आउटडोर और ड्रिल विषयों में सर्वश्रेष्ठ रंगरुट को चयनित कर उनकी तस्वीरों को प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित की जाती है ।
Ø चयनित किया गया सर्वश्रेष्ठ रंगरुट रंगीन ऑर्म बैन्ड पहनता है ।
Øप्रत्येक माह में कम्पनी वाईज सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षक/पी.टी.आई को पुरस्कृत किया जाता है ।
15. अवकाश
Øमूल प्रशिक्षण के दौरान करुणामूलक आधार के मामले के अलावा किसी भी मामले में अवकाश की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी ।
Ø22वे सप्ताह के बुनियादी प्रशिक्षण के सफल समापन के उपरांत 02 सप्ताह के मध्य-अवधि ब्रेक दिया जाएगा ।
16. चिकित्सा सुविधाएं
Øकैम्प में अच्छी तरह से सुसज्जित एवं स्टॉफ के साथ 10 बेडेड अस्पताल उपलब्ध है ।
Ø आवश्यकतानुसार चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आउट-सोसिंग किया जाता है ।
17. आवास
प्रशिक्षार्थियों को पक्के निर्मित बैरेक में ठहराया जाता है ।
18. मैसिंग
Øविंग-वाइज अलग-अलग मैस उपलब्ध है ।
Øप्रशिक्षार्थियों को आवश्यकतानुसार पौष्टिक और स्वच्छ आहार दिया जाता है ।
19.डिस्चार्ज (सेवा मुक्ति)
डिस्चार्ज/सेवा मुक्ति संबंधी औपचारिकताएं संबंधित ग्रुप केन्द्र/विभाग द्वारा की जाएगी । इस आर.टी.सी द्वारा किसी भी रंगरुट को डिस्चार्ज/सेवा मुक्ति नहीं भेजा जाएगा ।
20. डिस्पर्सल
Øबुनियादी प्रशिक्षण पूर्ण होने पर, रंगरुटों को उनके संबंधित ग्रुप केन्द्र / बटालियन / विभाग को भेजा जाएगा ।
Øरंगरुटों के संग्रह के संबंध में संबंधित ग्रुप केन्द्र/बटालियन/विभाग को अग्रिम जानकारी दी जाएगी ।
Øरंगरुटों के वापसी यात्रा हेतु रेलवे वारंट के साथ कलेक्शन पार्टी/एस्कॉर्ट सहित इस संस्थान में नियत तिथि व समय पर रिपोर्ट करना होगा ।
Øसभी रंगरुटों को इस संस्थान को छोड़ने से पूर्व अपनी बकाया राशि का भुगतान करना होगा।
Øप्रशिक्षण केन्द्र छोडने से पूर्व सभी शाखाओं और प्राधिकारों द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित "कोई बकाया नहीं” संबंधि प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा ।
21.अनुशासन
Øप्रशिक्षण के दौरान रंगरुटों को परिवार रखने की अनुमति नहीं है |
Øसभी रंगरुटों को उच्च स्तर के अनुशासन को बनाए रखना होगा ।
Øसभी से यह अपेक्षित है कि प्राचार्य द्वारा समय-समय पर जारी सभी नियम, विनियम एवं आदेशों का सख्त अनुपालना करें ।
Øशराब/मादक पदार्थ का सेवन और धन के लेन-देन पर सख्त निषेध है ।
Øप्रशिक्षण अवधि के दौरान रंगरुटों पर प्राचार्य द्वारा अनुशासनात्मक शक्तियों का प्रयोग किया जाएगा ।
Øबिना सक्षम प्राधिकारी के अनुमति के रंगरुटों को कैम्प छोड़ने की अनुमति नहीं है ।
Øमाता-पिता व रिश्तेदारों को रंगरुटों से पूर्व अनुमति के उपरांत रविवार या छुट्टियों को मिलने की अनुमति होगी ।
1.नियमित पी.टी. एवं आवधिक, बी.पी.ई.टी., बी.ओ.ए.सी., यू.ए.सी. ।
2.विंगों के बीच हथियार ड्रिल, वन-मिनट ड्रिल, स्क्वॉड, प्लॉटून एवं कम्पनी ड्रिल से संबंधित प्रतियोगिता ।
3.विंग एवं कम्पनियों के लिए झंडे ।
4.प्रत्येक माह में सर्वोत्तम कम्पनी, सर्वोत्तम प्रशिक्षक एवं प्रशिक्षार्थी का चयन एवं उनके फोटोग्राफ को प्रदर्शित करना ।
5.प्रत्येक गुरुवार को नृत्य, गाना एवं संगीत संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का नियमित रुप से आयोजन करना ।
6.प्रत्येक गुरुवार को योग एवं ध्यान कक्षाओं का आयोजन ।
7.अधिकारियों द्वारा रंगरुटों से नियमित रुप से विचार-विमर्श/परामर्श |
8.प्राचार्य द्वारा सप्ताह में एक दिन रंगरुटों से विचार-विमर्श/परामर्श ।
9.सभी महत्वपूर्ण दिवसों का समय पर आयोजन करना ।
10.कौशल पर जोर ।
11.शारीरिक फिटनेस एवं सहनशक्ति पर जोर ।
12.फायरिंग कौशल पर जोर ।
13. विस्फोटकों के संचालन एवं उपयोग में विश्वास पैदा करना ।
14.कक्षाओं में सरल हिंदी का प्रयोग ।
15.15. प्रशिक्षार्थियों से प्रशिक्षण के लिए कोई पैसा नहीं लिया जाना ।
16.प्रत्येक शनिवार को खेल-कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन ।
17.नियमित कम्प्यूटर प्रशिक्षण ।
18.अन्य रैंक मैस में प्रत्येक गुरुवार को मैस कटिंग निकालना ।
19. मैसो, कैन्टीन एवं सहकारिता दुकान में नकद रहित लेन-देन ।
20.प्रत्येक सप्ताह में प्रशासनिक एवं प्रशिक्षण बैठक का आयोजन ।
Øयंहा देखे.
पुलिस उपमहानिरीक्षक/प्रधानाचार्य
आरटीसी, केरिपु बल , लातूर