श्री संदीप दत्ता
पुलिस महानिरीक्षक, मणिपुर और नागालैंड सेक्टर
पुलिस महानिरीक्षक का संदेश
मणिपुर और नागालैंड सेक्टर की प्रमुख उपलब्धियॉ:-
वर्ष 1957 से नागालैंड राज्य में के.रि.पु.बल की लगातार तैनाती की वजह से अलगाववादी नागा नेशनल काउंसिल (एनएनसी) ने हिंसा को त्यागते हुए वर्ष 1975 में भारत सरकार के साथ शिलांग समझौते पर हस्ताक्षर किए।
राज्यों में विभिन्न सशस्त्र बलों और के.रि.पु.बल की विभिन्न बटालियनों की तैनाती और उनके सफल परिचालन की वजह से एनएससीएन (आईएम) ने 1 अक्टूबर, 1997 को भारत सरकार के साथ संघर्ष विराम की घोषणा की।
मणिपुर राज्य में के.रि.पु.बल के उत्कृष्ट कार्य और सफल परिचालन की वजह से एस.ओ.ओ. (ऑपरेशन का निलंबन) पर सहमति बनी तथा मणिपुर घाटी के 21 विद्रोही संगठनों ने इस पर हस्ताक्षर किए गए।
विभिन्न विद्रोही संगठनों द्वारा आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा के कारण के.रि.पु.बल को असम से आने वाले और दीमापुर के रास्ते इम्फाल को जाने वाले और इसी प्रकार वापसी करने वाले एफ.सी.आई/आई.ओ.सी/सिविल ट्रक/टेंकर की रखवाली व सुरक्षा तथा राष्ट्रीय राजमार्ग-39 पर कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हमारे जवानों के निरंतर व अथक प्रयासों से मणिपुर राज्य में आवश्यक वस्तुओं की कमी धीरे-धीरे दूर हो रही है और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नीचे आ गई हैं। इस तरह के.रि.पु.बल मणिपुर राज्य की जीवन रेखा को सुरक्षा प्रदान कर रही है।
के.रि.पु.बल के कर्मियों द्वारा मणिपुर के राज्यपाल के निवास एवं उनकी करीबी सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाई जा रही है।
मणिपुर एवं नागालैंड सेक्टर द्वारा नागालैंड के मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनके निवास एवं मोबाइल एस्कॉर्ट सुरक्षा हेतु नियुक्त के.रि.पु.बल कर्मियों के साथ लगातार समन्वय, पर्यवेक्षण एवं उन्हें प्रशिक्षण प्रदान कर सुनिश्चित की जा रही है।
विभिन्न विद्रोही संगठनों से मिली धमकियों के बावजूद जिरीबाम (असम सिलचर) से इम्फाल के बीच निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। वर्तमान में केवल 100 किलोमीटर का निर्माण कार्य शेष है, क्योंकि खोंगसांग तक रेलवे लाइन बिछाई जा चुकी है। रेलवे लाईन बिछाने का कार्य पूर्ण होने पर यह पूरे पूर्वोत्तर और मुख्य रूप से मणिपुर के विकास के लिए एक वरदान साबित होगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग-2 और राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर आर.ओ.पी. ड्यूटी हेतु जवानों को तैनात कर अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों, महत्वपूर्ण व्यक्तियों तथा स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
के.रि.पु.बल ने आम जनता की भलाई के लिए विभिन्न सिविक एक्शन कार्यक्रम जैसे विभिन्न खेल गतिविधियों, चिकित्सा शिविरों, अन्य सहायता व जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करके स्थानीय लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।
मणिपुर और नागालैंड राज्य में 34 से अधिक विद्रोही संगठनों की असामाजिक गतिविधियां के जारी रहने के बावजूद यहां शांतिपूर्ण कानून और व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखना मणिपुर एवं नागालैण्ड़ सेक्टर की प्रमुख उपलब्धियां में गिना जा सकता है।
के.रि.पु.बल दोनों राज्यों (मणिपुर और नागालैंड) में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुरक्षित एवं निरंतर बनाए रखने का एक प्रमुख साधन है। मणिपुर राज्य विधानसभा के वर्ष 2017 और 2020 में तथा नागालैंड राज्य विधानसभा के वर्ष 2018 में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव आयोजित किए गए। इसके अलावा, दोनों राज्यों में 2019 में शांतिपूर्ण ढंग से संसदीय चुनाव भी आयोजित किए गए। इन सभी चुनाव में के.रि.पु.बल सभी सुरक्षा बलों के बीच मुख्य समन्वयक एजेंसी थी। इस बल की स्वच्छ और निष्पक्ष छवि से सभी परिचित है।
के.रि.पु.बल ने कई मौकों पर अपना मानवीय चेहरा दिखाया है। दिनांक 01 अगस्त, 2022 को इंफाल शहर के पुराने सचिवालय में लगी आग की घटना में, हमारे जवानों ने सबसे पहले कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। इन प्रयासों से बहुत लोगों के बहुमूल्य जीवन और सरकारी संपत्ति को बचाया गया।
एक अन्य अवसर पर राज्य ने के.रि.पु.बल का मानवीय चेहरा देखा है, जब प्रादेशिक सेना के बी/108 नोने कैंप में भारी भूस्खलन हुआ था। उस समय के.रि.पु.बल के जवान अपनी जान की परवाह किए बिना तुरन्त मौके पर पहुंचे और अन्य एजेंसियों के साथ बचाव अभियान चलाया, जिससे कई लोगों की जान बच गई। के.रि.पु.बल के इन प्रयासों की सभी प्राधिकारियों ने काफी सराहना की। इस कार्य हेतु 15 अगस्त, 2022 के अवसर पर मणिपुर के मुख्यमंत्री ने के.रि.पु.बल को "प्रशस्ति पत्र" प्रदान किया।
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