महानिरीक्षक का संदेश
नक्सलियों/माओवादियों की चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए भारत सरकार ने 10 कोबरा (कमाण्डों बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन) बटालियनों का गठन किया। ये विशेष बटालियनें कोबरा स्कूल फॉर जंगल वारफेयर एण्ड टेक्टिस, बेलगॉव से गुरिल्ला युद्ध व जंगल युद्ध नीति में समग्र एवं प्रभावी प्रशिक्षण प्राप्त हैं। अपने स्थापना से ही कोबरा बटालियनें हर मूल्य चुका कर लक्ष्य प्राप्ति करने वाले बल के रूप में जानी जाती है, और अनेक शानदार उपलब्धियां इनके खाते में दर्ज हैं।
हमारा विशेष बल कोबरा सी.आर.पी.एफ का गौरव है। कोबरा का ध्येय वाक्य है ‘संग्रामें पराक्रमी जयी’। अपने 12 वर्ष के अल्पकाल में इसने, 08 शौर्य चक्र, 01 कीर्ति चक्र, 06 पी.पी.एम.जी., 250 पी.एम.जी. सहित कुल 265 वीरता पदक प्राप्त कर 384 नक्सलियों को मार गिराया है। हालांकि इसके लिए हमें बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है, हमारे 58 जवानों ने अपने शहादत दी और बहुत से जवान घायल हुए लेकिन देश की आन, बान और शान के लिए कोई भी कुर्बानी बड़ी नहीं है।
कोबरा के गठन के बाद से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निरन्तर कमी आ रही है, कोबरा, नक्सलियों के कोर एरिया में जाकर प्रहार करता है। कोबरा के ऊर्जा से भरे फौलादी शरीर, उनका विशेष प्रशिक्षण व विशेष हथियार और सबसे ज्यादा अदम्य मनोबल से सुसज्जित जवानों की उपस्थिति देश को आश्वस्त करती है कि देश से नक्सलवाद का उन्मूलन जल्दी ही होगा।
जय हिंद।