भारत के विभिन्न राज्यों में विस्फोटक पदार्थ और उपसाधन आसानी से उपलब्ध होने के कारण से इन राज्यों में कार्यरत राष्ट्र्-विरोधी तत्वों के लिए आईईडी एक पसंदीदा हथियार बन गया है। आतंकवादियों को इससे मिले लाभ के कारण ही आईईडी (तात्कालिक विस्फोटक यंत्र) की लोकप्रियता में समय के साथ वृद्धि होती गई। चूंकि केरिपुबल नक्सलियों (माओवादियों) और आतंकवादियों के विरूद्ध शुरू की गई लड़ाई में शामिल है, इसलिए केरिपुबल के लिए यह और भी परमावश्यक हो जाता है कि वह कड़े प्रशिक्षण द्वारा इन तत्वों से अपने आप को कई कदम आगे रखे।
इसी लक्ष्य के साथ, केरिपुबल आईईडी प्रबंधन संस्थान, पुणे (महाराष्ट्र) में स्थापित किया गया जो आईईडी के खतरों के विरुद्ध मुकाबला करने और सामर्थ्य शक्ति विकसित करने के लिए केरिपुबल के सभी कार्मिकों व अन्य पुलिस बलों के कार्मिको को प्रशिक्षण देने के लिए नोडल केन्द्र के रुप में कार्य करता है।
इस संस्थान का उद्घाटन 23 फरवरी, 2012 को माननीय केन्द्रीय गृह मंत्री, भारत सरकार, श्री पी.चिदंबरम द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री पृथ्वी राज चह्वाण और महानिदेशक, केरिपुबल, श्री विजय कुमार, भा.पु.से. की उपस्थिति में किया था।
आईईडी प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) केरिपुबल, पुणे व्यापक स्तरीय (स्पैक्ट्रम) विशिष्ट एवं तकनीकी प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा जिसमें आईईडी प्रबंधन के सभी पहलू सम्मिलित होंगे।
वास्तविक, संगत और प्रयोजनमूलक प्रशिक्षण द्वारा खोजबीन, शिनाख्त और निपटान सहित आईईडी प्रबंधन में, विवरण और प्रयोजनमूलकता को ध्यान रखते हुए और श्रेष्ठता की ख्याति एवं ज्ञान और कौशल के उच्च स्तर को अर्जित करना सम्मिलित है।
गृह मंत्रालय ने अपने दिनांक 23.05.2013 के पत्र सं0 11.27012/17/2011-पीएफ.111 के तहत विद्यमान रंगरूट प्रशिक्षण केन्द्रों में वृद्धि करने व नए केन्द्र खड़े करने के निए होने वाले व्यय के लिए अनुमानित लागत रुपये 1,277.56 करोड़ राशि की निम्न विवरणानुसार राष्ट्रपति की स्वीकृति संप्रेषित की है-
नई संस्थाएं वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2016-17 में स्थापित होंगी।