कल्याणकारी योजनाओ की पुस्तिका
कल्याणकारी गतिविधियां
भाग–एक
क) सेवारत कार्मिकों का कल्याण -
1. जहां तक सेवारत कार्मिकों का संबंध है, व्यवस्था में निम्नलिखित उपाय सन्निहित है-
i किसी भी ग्रुप केंद्र में परिवार के लिए मुफ्त आवास
ii सभी स्थानों पर इन्डोर और आउटडोर खेलों की सुविधाएं
iii मनोरंजन की पर्याप्त सुविधाएं
iv प्रत्येक कार्यालय में शिकायत निवारण तंत्र
v अधिकथित शर्तों के साथ मुफ्त स्कूल बस सुविधा
vi परिवार कल्याण केंद्र, जहां पर परिवार की आय संवर्धन के लिए परिवार के सदस्य सिलाई, बुनाई, कढ़ाई इत्यादि कार्यो में सलंग्न हैं।
vii बच्चों के दाखिले के लिए निम्नलिखित स्थानों (55) पर मोनटेशरी स्कूल उपलब्ध हैं।30/10/2017
ग्रुप केंद्र, प्रथम अजमेर
ग्रुप केंद्र, गुवाहाटी
ग्रुप केंद्र, नई दिल्ली
ग्रुप केंद्र, द्वितीय अजमेर
ग्रुप केंद्र, हैदराबाद
ग्रुप केंद्र, पल्लीपुरम
ग्रुप केंद्र, आवड़ी
ग्रुप केंद्र, इम्फाल
ग्रुप केंद्र, पिंजौर
ग्रुप केंद्र, बनतलाब
ग्रुप केंद्र, जालंधर
ग्रुप केंद्र, पुणे
ग्रुप केंद्र, बैगलोर
ग्रुप केंद्र, सिंदरी
ग्रुप केंद्र, रामपुर
ग्रुप केंद्र, भुवनेश्वर
ग्रुप केंद्र, खटखटी
ग्रुप केंद्र, रंगारेड्डी
ग्रुप केंद्र, भोपाल
ग्रुप केंद्र, मोकामाघाट
सीटीसी(टी एण्ड आईटी) रांची
ग्रुप केंद्र, दुर्गापुर
ग्रुप केंद्र, नागपुर
सीटीसी तीन नान्डेड
ग्रुप केंद्र, गांधीनगर
ग्रुप केंद्र, नीमच
सीटीसी दो कोयम्बटूर
ग्रुप केंद्र, लखनउ
ग्रुप केंद्र, इलाहाबाद
आरटीसी चार श्रीनगर
एसडीजी नई दिल्ली
100 बटा. आरएएफ
101 बटा. आरएएफ
102 बटा. आरएएफ
105 बटा. आरएएफ
107 बटा. आरएएफ
आरटीसी तीन केरिपुबल पेरिन्गुम
ग्रुप केंद्र, ग्वालियर
ग्रुप केंद्र, सोनीपत
ग्रुप केंद्र, सिलचर
ग्रुप केंद्र, सिलिगुड़ी
ग्रुप केंद्र, नॉएडा
ग्रुप केंद्र, मुज्जफरपुर
ग्रुप केंद्र, अगरतला
ग्रुप केंद्र, बिलासपुर
CRPF कैंपस, होलोमाजारा चंडीगढ़
ciat शिवपुरी
104 बटा. आरएएफ
108 बटा. आरएएफ
201& 204 कोबरा
202 कोबरा
203 कोबरा
205 कोबरा
207कोबरा
209 कोबरा
210 कोबरा
viii बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए निम्नलिखित 29 स्थानों पर केंद्रीय विद्धालय स्थापित हैं:-
सीटीसी (टी एण्ड आई टी) रांची
ग्रुप केंद्र, इलाहबाद
के.वी. कोहिमा
ग्रुप केंद्र, मुजफ्फरपुर
क वित्तीय सहायता
कार्मिकों और उनके परिवार के सदस्यों के उपचार के लिए
प्राकृतिक आपादा की स्थिति में
सीमित लोन की सुविधाएं
ख निम्नलिखित शैक्षणिक संस्थान चलाए जा रहे हैं :-
i) सीआरपीएफ पब्लिक स्कूल रोहणी, दिल्ली जहां पर 10+2 स्तर तक प्रत्येक संकाय में कक्षाएं चलाई जा रही हैं। यह स्कूल दिल्ली के श्रेष्ठ स्कूलों में गिना जाता है जिसका उल्लेखनीय शैक्षणिक रिकोर्ड और सहपाठ्यक्रम गतिविधियों संबंधी उपलब्धियां रही हैं।
ii) सीआरपीएफ पब्लिक स्कूल, जवाहर नगर, रंगारेड्डी में स्थापित है जहां पर 12 वीं तक कक्षाएं चलाई जा रही हैं।
iii) सीआरपीएफ पब्लिक स्कूल, द्वारका, नई दिल्ली। यह एक उच्च माध्यमिक स्कूल है।
iv) केरिपुबल में आईटीसी/आईटीआई/आईआई एण्ड टी में उनके सामने उल्लेखित निम्न कोर्स चलाए जा रहे हैं-
आईटीसी, वजीराबाद, देहली(स्थापना दिनांक14/08/1989)
क्रम संख्या
ट्रेड
न्यूनतम शेक्षणिक योग्यता
अवधि
क्षमता
1
इलेक्ट्रोनिक्स
मैथ एवं साइंस के साथ दसवीं
02 वर्ष
78
2
मोटर मैकेनिक
उपरोक्त
63
3
इलेक्ट्रीशियन
4
एयर कंडीशनिंग एण्ड रेफ्रिजरेशन
आईटीआई, आवड़ी (स्थापना दिनांक27/08/1990)
मैकेनिक मोटर व्हीकल
इलेक्ट्रीशियन
ऑटोमोबाइल मैकेनिक
8वीं य उससे ऊपर
01 वर्ष
25
इलेक्ट्रिकल तकनीशियन
5
फ्रीज़./एसी मैकेनिक
6
प्लम्बर
7
मैकेनिकल फिटर
आईटीआई, भुवनेश्वर (स्थापना दिनांक01/08/1995)
इनफोरमेशन टेक्नालॉजी एण्ड सिस्टम मेंटीनेंश
42
इलेक्ट्रोनिक्स मैकेनिक
मोटर ड्राइविंग
8वीं या उससे ज्यादा
03 माह
16
ख) आईआईटी, वजीराबाद (स्थापना दिनांक25/09/1999)
ओ लेवल (बेसिक कोर्स)
10+2 या इसके समकक्ष/ आईटीआई डिप्लोमा धारक
ए लेवल (एडवांस डिप्लोमा)
किसी भी संकाय में ग्रेजुएट/ ओ लेवल या इसके समकक्ष
ग) शैक्षणिक छात्रवृत्तियॉं (सेवारत कार्मिकों के लिए)
i)
स्कूल स्तर पर
कक्षा 2 से 5
कक्षा 6 से 8
कक्षा 9 से 12
600 /- प्रति वर्ष
800 /- प्रति वर्ष
2000 /- प्रति वर्ष
ii)
कॉलेज स्तर पर
विज्ञान वर्ग
कला/वाणिज्य वर्ग
1500 /- प्रति वर्ष
iii)
तकनीकी/व्यवसायिक पाठ्यक्रम श्रेणी ए
राजपत्रित अधिकारियों के लिए
अधिनस्थ अधिकारियों के लिए
अन्य अधिकारियों के लिए
18000 /- प्रति वर्ष
28800 /- प्रति वर्ष
36000 /- प्रति वर्ष
iv)
तकनीकी/व्यवसायिक पाठ्यक्रम
श्रेणी बी
5000/- प्रतिवर्ष
6500/- प्रतिवर्ष
8000/- प्रतिवर्ष
घ) नोट :- उक्त लाभ प्राप्त करने के लिए केवल दो बच्चे ही पात्र हैं।
ड) केरिपुबल के जिन बच्चों ने 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षाओं में 85 से 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, को रूपये 5000/- तथा जिन्होंने91 से 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, को रूपये 10000/- का तथा से 95 प्रतिशत अधिक अंक प्राप्त करने वाले बच्चो को 15000 का विशेष नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
च) अन्य अधिकारियों को रूपये 700/- प्रतिवर्ष और राजपत्रित अधिकारियों/अधीनस्थ अधिकारियों को रूपये 500/- प्रतिवर्ष अथवा वास्तविक व्यय जो भी कम हो, होस्टल प्रभार देय होगा।
छ) केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के बच्चों के लिए प्रतिवर्ष मेरिट के आधार पर एमबीबीएस कोर्स के लिए 09 सीटें तथा बीडीएस के लिए 02 सीट आरक्षित हैं।
ज) दिल्ली में पॉलिटेकनिक में सीटें आरक्षित हैं।
झ) ओडिसा, पंजाब, गोवा, मणिुपर, जम्मू और कश्मीर, आन्ध्र प्रदेश, केरल एवं गुजरात के इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीटें आरक्षित हैं।ै
ण. इकलौती बेटी योजना : जिन कार्मिकों के केवल एक ही बच्चा जो कि पुत्री है, को कक्षा 5 से आगे के लिए दोहरी छात्रवृति प्रदान की जाएगी।
त. केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के कार्मिकों के बच्चों को प्रधानमंत्री छात्रवृति योजना के अंतर्गत बेटियों के लिए 27000/- प्रति वर्ष और बेटों के लिए 24,000/- प्रति वर्ष छात्रवृति प्रदान की जाएगी ताकि तकनीकी और व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को प्रोत्साहित मिल सकेै। उक्त छात्रवृति सूबेदार मेजर/निरीक्षक पद तक के कार्मिक के लिए लागू हैं।
ब. दिव्यांग कार्मिकों के कल्याण के लिए शैक्षणिक छात्रवृत्तियां
सेवारत कार्मिकों के समान।
नोट :- उक्त लाभ प्राप्त करने के लिए केवल दो बच्चे ही पात्र हैं।
क. प्रतिवर्ष एमबीबीएस की 7 और बीडीएस की 01 आरक्षित सीट कोटा में केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी।
ख. दिल्ली के पॉलिटेकनिक में सीटें आरक्षित।
ग. केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना/केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधाएं अथवा 100/- प्रतिमाह की दर से चिकित्सा भत्ता।
घ. ओडि़सा, पंजाब, गोवा, मणिपुर, जम्मू व कश्मीर,आंध्र प्रदेश, केरल तथा गुजरात के इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीटें आरक्षित।
ग. सेवानिवृत्त कार्मिकों के कल्याण के लिए :-
क. ग्रुप केंद्र के पूर्नवास केंद्रों/कल्याण निदेशालय तथा कल्याण और पुनरूद्धार बोर्ड, गृह मंत्रालय के माध्यम से पूर्नवास/पुन: रोजगार के प्रयास।
ख. कभी-कभार असाधारण मामले में सेवानिवृत्त कार्मिक या उसके जीवनसाथी के ईलाज के लिए वित्तीय सहायता।
ग. केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के बच्चों के लिए मेरिट के आधार पर प्रतिवर्ष एमबीबीएस की 9 और बीडीएस की 02 आरक्षित सीट।
घ. दिल्ली के पॉलिटेकनिक में सीटें आरक्षित।
ड़. केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना/केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधाएं अथवा 100/- प्रतिमाह की दर से चिकित्सा भत्ता।
च. केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के पूर्व कार्मिकों के बच्चों को प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत बेटियों के लिए 27000/- प्रति वर्ष और बेटों के लिए 24,000/- प्रति वर्ष छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी ताकि तकनीकी और व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जा सके। उक्त छात्रवृत्ति सूबेदार मेजर/निरीक्षक पद तक के कार्मिक के लिए लागू हैं।
घ. मृतक कार्मिकों के परिवारों के कल्याण के लिए
सरकारी अनुदान के अलावा निम्नलिखित सहायता रेजीमेंटल निधि से प्रदान की गई है :-
क. तात्कालिक वित्तीय सहायता :-
1. बटालियन कल्याण निधि से रू0 10,000/-
2. केंद्रीय कल्याण निधि से रू. 50,000/- (दिनांक 01/10/2008 से)
3. कार्रवाई के दौरान मृत्यु, ड्यूटी के दौरान दूर्घटना और प्रमस्तिष्कीय ज्वर के कारण मृत्यु होने पर जोखिम निधि से रू. 10 लाख तथा स्वभाविक मृत्यु, आत्महत्या और अन्य प्रकार से मृत्यु होने पर जोखिम निधि से रू. 7 लाख।
ख. शैक्षणिक छात्रवृत्तियां :-
सेवारत कार्मिकों के समान
ग. पात्र मामलों में आश्रितों को करूणामूलक आधार पर नियुक्ति
ड. केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के कार्मिकों के लिए आरक्षित 8 प्रतिशत कोटा में से
पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा गैस एजेंसी/पेट्रोल पम्प आवंटन में प्राथमिकता।
च. आंतकवादियों और उग्रवादियों के विरूद्ध कार्रवाई के दौरान मारे गए पुलिस कर्मियों की विधवाओं को द्वितीय श्रेणी रेल किराये में 75 प्रतिशत की छूट।
छ. केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के लिए प्रतिवर्ष एमबीबीएस की 9 और बीडीएस की 02 आरिक्षत सीट कोटा में प्राथमिकता।
झ. दिल्ली के पोलिटेक्नीक में सीटें आरक्षित हैं।
ण. पुलिस मेमोरियल फण्ड से (अन्य अधिकारियों के केवल 10 बच्चों के लिए – सभी पुलिस बलों के) विश्वविद्यालयों के सामान्य पाठ्यक्रमों और व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्ति के लिए पात्रता क्रमश: रू. 3600/- तथा रू. 12000/-
त. केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना/केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधाएं अथवा 100/- प्रतिमाह की दर से चिकित्सा भत्ता।
थ. कावा के माध्यम से अल्पायु की विधवाओं के पुर्नविवाह के लिए सहायता।
द. प्रतिवर्ष परिवार कल्याण दिवस का आयोजन।
ध. केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के पूर्व कार्मिकों के बच्चों को प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत बेटियों के लिए 18000/- प्रति वर्ष और बेटों के लिए 15,000/- प्रति वर्ष छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी ताकि तकनीकी और व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जा सके। उक्त छात्रवृत्ति सूबेदार मेजर/निरीक्षक पद तक के कार्मिक के लिए लागू हैं।
भाग-दो
रेजीमेंटल निधियां :-
1. उद्देश्य :-
i) बटालियन के कार्मिकों के मनोरंजन या उनके कल्याण के लिए उनके खरीद पर हुए व्यय के भुगतान के लिए।
ii) बल के सदस्यों या उनके परिवारजनों की मृत्यु, गंभीर बीमारी या लम्बी बीमारी में और महंगे खर्च की आवश्यकता हो, तो तुरंत आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए।
iii) परिवार में शादी/मकान मरम्मत,उधार चुकाने, परिवार ्राप्ायाु के विरूद्ध कार्रवाइर में गंभीर बीमारी, बच्चों के एडमिशन पर व्यय अथवा अन्य कोई उद्देश्य जिसको निधि की प्रबंधकीय समिति उचित और पर्याप्त समझें, के लिए डेढ़ महिने के मूल वेतन से अधिक नहीं होने पर 6 प्रतिशत ब्याज के साथ अग्रिम ऋण।
iv) उन कार्मिकों को जिन्हें पिछले 2 माह से अधिक का वेतन प्राप्त नहीं हुआ हो अथवा जो वेतन प्राप्त होने से पूर्व ड्यूटी पर प्रस्थान कर गए हो, को एक महिने के मूल वेतन तक सीमित ऋण, आपात मामलों में टी0ए0 अग्रिम स्वीकृत करना।
v) सैन्य टुकड़ी की तुरंत और शीघ्र आवश्यकताओं के भुगतान करने के लिए अग्रिम प्रदान करना।
vi) सिनेमा, टी.वी., विडियो फिल्म, मनोरंजन कार्यक्रमों इत्यिादि पर हुए व्यय के भुगतान के लिए।
vii) खेल-कूद के लिए आवश्यक सामानों की खरीद करने पर हुए व्यय के भुगतान के लिए।
viii) बटालियन कल्याण समिति द्वारा अनुमोदित न्यूनतम राशि धार्मिक उत्सवों पर व्यय के लिए।
ix) ग्रुप केंद्र/यूनिट/संस्थान जहां पर बैण्ड मौजूद हैं, कार्मिकों के बैण्ड भत्ते की मद में हुए व्यय का भुगतान करने के लिए। बैण्ड के उपकरण, वर्दी और व्यक्तिगत खर्च जो कि सरकारी निधि से वहन नहीं किए जा सकते हैं, के लिए निधि का उपयोग किया जाएगा।
x) यूनिट के लिए विभिन्न जरूरी आवश्यकताओं की खरीददारी करने के लिए बटालियन की कल्याण समिति के अनुमोदन पर हुए व्यय का भुगतान करने के लिए।
xi) कोई अन्य कल्याणकारी उपाय जो इन नियमों के अंतर्गत नहीं आते हैं और जिनको बटालियन कल्याण समिति उपयुक्त और तर्कसंगत समझती है, पर हुए व्यय का भुगतान के लिए।
xii) प्रोजेक्टर के माध्यम से फिल्म प्रदर्शित करने पर बल के जवानों के मनोरंजन के लिए हुए व्यय का भुगतान के लिए।
ख) केंद्रीय कल्याण निधि -
1 उद्देश्य -
क) वित्तीय सहायता
i) बल के सदस्य के परिवारजनों को जिनकी सेवा के दौरान मृत्यु होती है।
ii) निधि के सदस्यों को जिनके छुट्टी खाते में छुट्टी जमा नहीं है उनकी बीमारी/अस्पताल में भर्ती होने पर और जो सरकार से छुट्टी वेतन या भत्ता प्राप्त नहीं कर रहे हैं।
iii) ऐसे सदस्य जो परेशानी में हैं या उनके नियत्रण से बाहर कारणों की वजह से वित्तीय सहायता की अत्यन्त आवश्यकता है
ख) दान/अनुदान/वापसी योग्य अग्रिम-
i) केरिपुबल के किसी संस्थान/यूनिट को केरिपुबल के कार्मिकों के लिए मैस अथवा अन्य कोई कल्याणकारी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए।
ii) बटालियन/बल स्तर पर खेल-कूद को प्रोत्साहित करने के लिए।
iii) सरकारी संस्था की विशिष्ट पूर्व अनुमति के किसी भी धर्मार्थ संगठन, शैक्षणिक संस्थान/अकादमी को सदभावना के तौर पर।
ग) जोखिम निधि-
1 उद्देश्य
इस फण्ड का उद्देश्य निम्नलिखित को लाभ पहुंचाना है-
ii) बल के सदस्य जिन्हें अशक्तता के आधार पर सेवा मुक्त कर दिया गया और
iii) बल के सदस्य जो सेवा निवृत्त हो रहे हैं/सेवानिवृत्त हो गए हैं/सेवामुक्त/बर्खास्त/सेवा से हटाए गए हैं।
घ) शिक्षा निधि –
1. उद्देश्य -
निधि के आश्रित सदस्यों और बल के मृतक कार्मिकों के बच्चों को शैक्षणिक सहायता प्रदान करना।
ड) विशेष राहत कोष –
1 ‘’विशेष राहत कोष’’ महानिदेशालय में तैयार किया गया है जो राष्ट्रीय सुरक्षा निधि से भारत सरकार द्वारा स्वीकृत अनुदान है और केन्द्रीय कल्याण नियमों के तहत शासित है। सरकार से प्राप्त अनुदान को राष्ट्रीयकृत बैकों/डाकघरों में निवेश करके और इससे प्राप्त ब्याज को शिक्षा निधि/केन्द्रीय कल्याण निधि के माध्यम से बल के कार्मिकों के कल्याण के लिए उपयोग किया किया जा रहा था।
2 इसके उपरान्त, यह निर्णय लिया गया कि गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार संग्रह को निष्क्रिय रखा जाएगा और ब्याज को विशेष राहत कोष रोकड़ बही में अलग से रखा जाए जिसका उपयोग अन्य निर्दिष्ट कल्याणकारी गतिविधियों के अलावा, सेवानिवृत्त या सेवारत कार्मिकों की गम्भीर बिमारी या प्राकृतिक आपदाओं में नुकसान, उपयुक्त वित्तीय सहायता प्रदान करने में किया जाएगा ।
3 निधि के संचालक निकाय ने यह निर्णय लिया है कि वित्तीय सहायता के मामलों पर समिति द्वारा त्रैमासिक जांच-पड़ताल की जाए तथा उपयुक्त निर्णय लिया जाए। तदनुसार, निम्नलिखित सदस्यों की एक स्थाई समिति गठित की जाती है -
पीठासीन अधिकारी - अ0पु0म0नि0 (निर्माण व संभरण)
सदस्य-1 - पु0म0नि0 (प्रशासन एवं संचार)
सदस्य -2 - वित्तीय सलाहकार, केरिपुबल
सदस्य-3 - निदेशक(चिकित्सा)
सदस्य सचिव - पु0उ0म0नि0 (कल्याण)
4. उक्त समिति की त्रैमासिक रूप से बैठक उपस्थित होगी और मामलों का परीक्षण करने के उपरांत वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लेगी। समिति महानिदेशक को अपनी संस्तुति प्रेषित करेगी जिनका निर्णय अंतिम होगा। इस प्रकार विशेष राहत कोष से सहायता (अनुदान) प्रदान की जाएगी-
i) सेवा निवृत्त कार्मिकों को स्वयं और अपने जीवनसाथी की विशिष्ट बीमारी के इलाज के लिए सामान्य से असाधारण मामलों के सिद्धांत के आधार पर वित्तीय सहायता जो रूपये 20,000 (रूपये बीस हजार) प्रति मामले से अधिक न हो, जीवनकाल में एक बार प्रदान की जाएगी।
ii) सेवारत कार्मिकों के स्वयं एवं उनके परिवारजनों के इलाज पर व्यय हुई राशि की प्रतिपूर्ति सामान्य से असाधारण मामलों के सिद्धांत के आधार पर की जाएगी जिनमें सरकारी नियमों के तहत सरकारी बजट से राशि स्वीकृत नहीं की गई हो।
iii) ऐसे सदस्य को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जो विपत्ति में है या जिनको उनके नियंत्रण से बाहर के कारणों अर्थात् प्राकृतिक विपदाओं जैसे कि बाढ़, आग, भूकंप इत्यादि की वजह से वित्तीय सहायता की अत्याधिक आवश्यकता है।
iv) उक्त पैरा (1) के अनुसार सेवानिवृत्त कार्मिकों को बीमारी जैसे केंसर, ट्यूमर, गुर्दे की बीमारी, किडनी प्रत्यारोपण, दिल की बीमारी, यकृत प्रत्यारोपण में वित्तीय सहायता (अनुदान) प्रदान की जा सकती है।
v) इस प्रकार प्रदान की गयी वित्तीय सहायता (अनुदान) को संचालन निकाय की वार्षिक बैठक में अनुसमर्थन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
5. केंद्रीय कल्याण निधि के संचालन निकाय द्वारा समय-समय पर लिए गए निर्णय के अनुसार सेवारत या सेवा निवृत्त कार्मिकों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के अतिरिक्त, बल की विभिन्न् कल्याणकारी गतिविधियों के लिए भी निधि का उपयोग किया जाएगा।
च) विभिन्न निधियों में अंशदान –
पद
के.का.नि.(प्र.म.)
शिक्षा निधि (प्र.व.) (जनवरी का वेतन)
शैक्षिक संस्था निधि (प्र.व.) (जून का वेतन)
जोखिम निधि (प्र.म.)
यूनिट कल्याण निधि (प्र.म.)
(महानिदेशालय/
यूनिट/
कार्यालय)
केंद्रीय खेल-कूद निधि (प्र.व.)
अधिकारी मैस निधि (प्र.म.)
महानिदेशक
100/-
800/-
400/-
180/-
50/-
अपर महानिदेशक
महानिरीक्षक तथा समकक्ष
उप महानिरीक्षक तथा समकक्ष
कमाण्डेन्ट तथा समकक्ष
80/-
150/-
द्वितीय कमान अधिकारी तथा समकक्ष
60/-
30/-
उप कमाण्डेन्ट तथा समकक्ष
120/-
25/-
सहायक कमाण्डेन्ट तथा समकक्ष
20/-
सूबेदार मेजर तथा समकक्ष
300/-+300/-
90/-
35/-
----
निरीक्षक तथा समकक्ष
उप निरीक्षक तथा समकक्ष
सहायक उप निरीक्षक तथा समकक्ष
हवलदार तथा समकक्ष
सिपाही तथा समकक्ष
अनुचर तथा ग्रुप डी
10/-
नोट- अधिकारियों का जनवरी का अंशदान उसी माह में अर्थात् प्रतिवर्ष जनवरी में ही अधिकारी मैस में भेजा जाएगा।
भाग–तीन
वित्तीय लाभ
क) बल के मृतक कार्मिको के उत्तराधिकारियों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पात्रता
(डीसीआरजी, जीपीएफ तथा छुट्टी नकदीकरण को छोड़कर)
1 स्वभाविक मृत्यु
i) जोखिम निधि - रूपये 12,00,000 (7,00,000 उत्तराधिकारी को तथा 5,00,000 माता-पिता को
ii) के.क.नि. - रूपये 1,00,000
iii) क.नि. - रूपये 50,000
2 कार्रवाई के दौरान मृत्यु
i) अनु्ग्रह राशि - रूपये 35,00,000
ii) के.क.नि./ क.नि. - रूपये 1,00,000
iii) जोखिम निधि - रूपये 20,00,000
iv) क.नि. - रूपये 50,000
3 ड्यूटी के दौरान दुर्घटना/कार्यालय का जोखिम तथा प्रमस्तिष्कीय ज्वर के कारण मृत्यु
i) अनु्ग्रह राशि - रूपये 25,00,000
ii) जोखिम निधि - रूपये 20,00,000
iii) के.क.नि./ क.नि. - रूपये 1,00,000
ख्) 91 प्रतिशत और अधिक अशक्ता युक्त बल के अधिकारियों/ जवानों को वित्तीय सहायता
अशक्तता का प्रतिशत
जोखिम निधि से
1 से 50 प्रतिशत अशक्तता तक
रूपये 35000
51 से 75 प्रतिशत अशक्तता
रूपये 60000
76 से 100 प्रतिशत अशक्तता
1,00,000
59 प्रतिशत तक अशक्तता
10,00,000
60 से 100 प्रतिशत अशक्तता
20,00,000
भाग-चार
सक्रिय ड्यूटी में शहीद हुए कार्मिकों के निकटतम संबंधी को केरिपुबल तथा सरकार से स्वीकार्य वित्तीय सहायता का विवरण :-
ए)
उदारीकृत पेंशन (एलपीए)
अंतिम आहरित परिलब्धियों के समान राशि।
35 लाख
25 लाख
आजीवन या विधवा के पुनर्विवाह करने तक।
मृत्यु होने पर :-
क) अंतर्राष्ट्रीय युद्ध में या सीमा पर हुई मुठभेड़ के दौरान।
ख) उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र य बोर्डेर पर एक्शन के दौरान
ग) आंतकवादियों, उग्रवादियों एवं चरमपंथियों आदि के खिलाफ कार्रवाई के दौरान।
बी)
अनुग्रह राशि (केंद्रीय)
i) 35 लाख।
अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर, दुर्गम सीमांत पोस्टों आदि पर ड्यूटी के दौरान प्राकृतिक आपदाओं, अत्यंत खराब मौसम संबंधी स्थितियां आदि में।
ii) 25 लाख।
सरकारी ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में,आंतकवादी, असमाजिक तत्वों आदि द्वारा की गई हिंसा के दौरान सक्रिय ड्यूटी में।
iii) 10 लाख।
इस बुकलेट के भाग-12 में उल्लिखित विवरण।
सी)
अनुग्रह राशि (राज्य)
स्वीकार्यता के अनुसार
स्वीकार्यता के अनुसार
डी)
मृत्यु सह-सेवानिवृत्ति उपदान
i) एक साल से कम सेवा के लिए।
परिलब्धियों से दुगुनी राशि के समान।
ii) एक साल से अधिक पांच साल से कम सेवा के लिए
परिलब्धियों से छ: गुना राशि के समान।
iii) 05 साल से अधिक 20 साल से कम सेवा के लिए।
परिलब्धियों के 12 गुना राशि के समान।
iv) 20 साल या इससे अधिक सेवा के लिए।
कुल अहर्क सेवा अवधि की प्रत्येक संपूर्ण छ:माही के लिए परिलब्धियों का आधा। अधिकतम - परिलब्धियों का 33 गुना (अधिकतम रू. 10 लाख)
इ)
अवकाश नगदीकरण
अर्जित अवकाश – अधिकतम 300 दिन
अंतिम आहरित वेतन + ग्रेड वेतन+सेवानिवृत्ति/सेवा छोड़ने के दिन महगांई भत्ते की दर।
अर्द्ध वेतन अवकाश (अर्जित अवकाश सहित अधिकतम 300 दिन के अर्द्ध वेतन अवकाश की शर्त के साथ)
(सेवानिवृत्ति के दिन अनुज्ञेय अर्द्ध वेतन अवकाश सैलरी + उस दिन महगांई भत्ते की दर) x (अर्द्ध वेतन अवकाश) जोकि अर्जित अवकाश सहित कुल 300 दिन से अधिक न हो।
एफ)
सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ)
सेवानिवृत्ति/सेवा छोड़ने के दिन कुल जमा राशि +ब्याज।
---
जी)
जमा से जुड़ी बीमा योजना (डीएलआईएस)
सामान्य भविष्य निधि के पिछले 36 महिनों के औसत शेष की राशि के बराबर – अधिकतम रू0 60,000/-
पांच साल की निरंतर सेवा के पश्चात्।
एच)
जनवरी, 1982 तथा 1990 से प्रभावित केंद्रीय सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना (सी.जी.ई.जी. आई.एस.)
ग्रुप-ए
ग्रुप-बी
ग्रुप-सी
ग्रुप-डी
1,20,000/- + ब्याज सहित अंशदान राशि 60,000/- + ब्याज सहित अंशदान राशि
30,000/- + ब्याज सहित अंशदान राशि
15,000/- + ब्याज सहित अंशदान राशि
आई)
जोखिम निधि
रू0 10 लाख
सभी पदों के लिए
जे)
केंद्रीय कल्याण निधि
विभागीय
रू0 50,000/-
के)
डब्ल्यू.ए.एफ. (यूनिट/ग्रुप केंद्र कार्यालय)
रू0 10,000/-
यूनिट/ग्रुप केंद्र कार्यालय से तत्काल वित्तीय सहायता।
एल)
चिकित्सा भत्ता
रू0 100/- प्रति माह
आजीवन
नोट :- जो पेंशनभोगी सी.जी.एच.एस./सी.पी.एम.एफ. क्षेत्रों के अंतर्गत नहीं आते हैं, वे चिकित्सा भत्ता के रूप में 100/- प्रतिमाह के हकदार होंगे।
भाग-पांच
केंद्रीय पुलिस कैंटीन
1. गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा केंद्रीय पुलिस कैंटीन प्रणाली सभी सी.पी.एफ. के लिए अनुमोदित कर दी गई है और इस प्रणाली की स्थापना के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। श्री शिवराज पाटिल, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 27/11/06 को सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय, केंद्रीय कार्यालय परिसर, नई दिल्ली में पहली केंद्रीय पुलिस कैंटीन का उद्घाटन किया गया।
2. सी.पी.सी. के केंद्रीय कार्यालय ने 26 अधिकारियों एवं स्टाफ के साथ केंद्रीय कार्यालय परिसर, लोधी रोड़, केरिपुबल मुख्यालय में कार्य करना शुरू कर दिया है। इसके अतिरिक्त खरीद समिति एवं सी.पी.सी. प्रणाली पर नजर रखने के लिए सीमा सुरक्षा बल के अपर महानिदेशक की अध्यक्षता में सीमा सुरक्षा बल वित्तीय सलाहकार एवं 5 पुलिस महानिरीक्षकों के सदस्यों वाली -मॉनीटरिंग समिति का कठन भी किया गया है। केरिपुबल के पुलिस महानिरीक्षक (प्रशा0) की अध्यक्षता में 5 अन्य सदस्यों वाली खरीद समिति का गठन भी किया गया है जो विभिन्न कंपनियों/फर्मों से मूल्य निर्धारण/दर नियत करने के लिए मोल-तोल करेगी।
3. केरिपुबल के 42 ग्रुप केंद्रों, प्रशिक्षण संस्थानों/आर.ए.एफ. यूनिटों को मास्टर कैंटीन एवं शेष 235 ग्रुप केंद्रों/कार्यालयों/यूनिटों को सहायक कैंटीन घोषित किया गया है।
भाग-छ:
कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड (वार्ब)
गृह मंत्रालय ने सी.पी.एफ. के सेवानिवृत्त कार्मिकों/निकटतम संबंधियों तथा अलग हुए परिवारों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड (वार्ब) का गठन किया।
वार्ब के उद्देश्य :-
1. गतिविधियां एवं शिकायत निवारण :-
क) सी.पी.एफ. के सेवानिवृत्त कार्मिकों एवं मृतकों के निकटतम संबंधियों से प्राप्त शिकायतों का निवारण।
ख) सेवानिवृत्त होने वाले सभी कार्मिकों को मिलने वाले लाभों के डेटा को समेकित करना।
ग) बल के मृतक कार्मिकों को मिलने वाले सभी टर्मिनल ड्यूज के डेटा को समेकित करना।
घ) मृतक कार्मिकों के निकटतम संबंधियों एवं सेवानिवृत्त कार्मिकों के कल्याण संबंधी मामलों में गृह मंत्रालय के मुख्य सलाहकार अंग के रूप में कार्य करना।
ड़) बल के सेवानिवृत्त कार्मिकों एवे निकटतम संबंधियों के कल्याण के लिए गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम करना।
2. पुनर्वास एवं रोजगार :-
क) बल के सेवानिवृत्त कार्मिकों के लिए निजी क्षेत्र में नौकरियों की व्यवस्था।
ख) विधवाओं/निकटतम संबंधियों को सी.पी.एफ. तथा निजी क्षेत्र में रोजगार।
ग) निम्नलिखित के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण :-
1) अशक्तों सहित बल के सभी सेवानिवृत्त कार्मिकों
2) बल के मृतक कार्मिकों के निकटतम संबंधी
घ) स्वरोजगार तथा वैकल्पिक रोजगार संबंधी आंतरिक पेशेवर सलाहकारों की व्यवस्था।
ii) कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड (वार्ब) का गठन –
1) वार्ब की आपैक्स बॉडी - गृह मंत्रालय स्तर
2) केंद्रीय कल्याण अधिकारी – प्रत्येक सी.पी.एफ. मुख्यालय में
3) राज्य कल्याण अधिकारी – सभी राज्यों की राजधानियों में
4) जिला कल्याण अधिकारी - जिला मुख्यालय में जो आस-पास के
जिलों को भी देखता है।
1. वार्ब की आपैक्स बॉडी :-
1. अध्यक्ष - महानिदेशक, केरिपुबल
2. उपाध्यक्ष –अपर महानिदेशक, केरिपुबल
3. सदस्य सचिव –पुलिस महानिरीक्षक (प्रशासन), केरिपुबल
4. सदस्य (छह) - पुलिस महानिरीक्षक (प्रशासन), केरिपुबल, सी.सु.बल,
के.औ.सु.बल, भा.ति.सी.पु, स.सी. बल,
असम राइफल्स।
2. वार्ब केंद्रीय कार्यालय –
क) सचिव - उप कमांडेंट -1
ख) कार्यालय प्रभारी – निरीक्षक (मंत्रा.) -1
ग) संबंधित सहायक – उप निरीक्षक (मंत्रा.) -3
- सहायक उप निरीक्षक (मंत्रा.) -3
3. वार्ब (आपैक्स बॉडी) के कार्य –
क) गृह मंत्रालय एवं सीपीएफ के मध्य सेतु का कार्य तथा निकटतम संबंधियों तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों के कल्याण के लिए गृह मंत्रालय का प्रधान सलाहकार अंग।
ख) वी.वी.आइ.पी/वी.आइ.पी./गृह मंत्रालय या प्रार्थियों से सीधी प्राप्त शिकायतों का निवारण।
ग) जिला कल्याण कार्यालय/राज्य कल्याण कार्यालय/केंद्रीय कल्याण कार्यालय/वार्ब कार्यालय/एमएचए में प्राप्त शिकायतों की मॉनीटरिंग।
घ) अशक्तता/सेवानिवृत्त कार्मिकों का पुनर्वास :-
1) व्यवसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की व्यवस्था।
2) सेवानिवृत्त कार्मिकों/निकटतम संबंधियों के पुन:रोजगार के लिए सरकारी और निजी कंपनियों से संपर्क करना।
3) विधवाओं/निकटतम संबंधियों के रोजगार के लिए गृह मंत्रालय/राज्य सरकारों/सरकारी कंपनियों तथा निजी कंपनियों से संपर्क करना।
4) निकटतम संबंधियों तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों के रोजगार के लिए आंतरिक पेशेवर सलाह तथा प्रशिक्षण की व्यवस्था।
ड़) सेवानिवृत्त कार्मिकों तथा निकटतम संबंधियों को मिलने वाले पेंशन संबंधी लाभ, टर्मिनल ड्यूज, शिकायतें तथा पुनर्वास/रोजगार संबंधी आंकड़ों का त्रूटिरहित समेकन तथा अद्यतन।
च) वेबसाइट का निर्माण एवं अद्यतन।
छ) बल के सेवानिवृत्त कार्मिकों और निकटतम संबंधियों के लिए निधि प्रबंधन/बीमा कवर/पेंशन योजनाओं के लिए वित्तीय संस्थाओं और बीमा कंपनियों से तोल-मोल करना।
ज) बल के सेवानिवृत्त कार्मिकों और निकटतम संबंधियों के कल्याण के लिए निधि प्रबंधन, पुन: रोजगार, सलाह, प्रशिक्षण आदि के लिए विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम करना।
झ) सेवानिवृत्त कार्मिकों/निकटतम संबंधियों के कल्याण के लिए निधि की व्यवस्था करना।
ञ) जनता की नजरों में सीपीएफ की छवि सुधारने के लिए कार्य करना।
ट) सेवानिवृत्त कार्मिकों/निकटतम संबंधियों की बेहतरी के लिए भूतपूर्व सीपीएफ संगठनों से संपर्क करना।
ठ) सेवानिवृत्त कार्मिकों/निकटतम संबंधियों के कल्याण के लिए नीतियां बनाना।
ड़) घर बनवाने, चिकित्सा सुविधाओं, शैक्षिक सुविधाओं, पैट्रोलियम उत्पादों के आबंटन, एसटीडी बूथ/पीसीओं आदि मामलों में सेवानिवृत्त कार्मिकों/निकटतम संबंधियों के जीवन बेहतर बनाने के लिए कार्य करना।
ढ) प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति मामले भेजना।
केंद्रीय कल्याण कार्यालय
केंद्रीय कल्याण कार्यालय में सभी सीपीएफ मुख्यालयों में पुलिस महानिरीक्षक (प्रशासन) को केंद्रीय कल्याण अधिकारी नियुक्त किया गया है।
केंद्रीय कल्याण कार्यालय के कार्य
क) केंद्रीय कल्याण कार्यालय, वार्ब तथा राज्य कल्याण कार्यालय तथा जिला कल्याण कार्यालय के मध्य सेतु का कार्य करता है।
ख) सेवानिवृत्त कार्मिकों/निकटतम संबंधियों का जिला स्तर तक, नवीनतम डेटा तैयार करना और इसे अद्यतन करना।
ग) प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति मामलों को भेजना एवं मॉनीटर करना।
घ) शिकायतों का निवारण करना और अंमित रिपोर्ट वार्ब, राज्य कल्याण कार्यालय, जिला कल्याण कार्यालय एवं संबंधित व्यक्ति को भेजना।
15. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के सेवानिवृत्त कार्मिकों को ‘’भूतपूर्व’’ सीएपीएफ कार्मिक का पदनाम देना -
भारत सरकार, गृह मंत्रालय (पुलिस डिवीजन-2) के दिनांक 23/11/2012 के कार्यालय ज्ञापन संख्या-27011/100/2012/आरएंडडब्ल्यू के अंतर्गत (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के सेवानिवृत्त कार्मिकों को ‘’भूतपूर्व’’ सीएपीएफ कार्मिक का पदनाम दिया गया है, जिस प्रकार से रक्षा बलों के भूतपूर्व सैनिकों को लाभ मिलता है उसी प्रकार से सीपीएएफ के भूतपूर्व कर्मियों को मिलेगा।
भाग- 10
1. केंद्रीय सरकार से केरिपुबल कार्मिकों को सेवानिवृत्त पर मिलने वाले लाभ -
क) अधिवर्षिता पेंशन :-
पेंशन – पिछले 10 महिनों की औसत परिलब्धियों का 50 प्रतिशत या आखरी माह की परिलब्धियों का 50 प्रतिशत दोनों में से जो भी लाभकारी हो इस शर्त के साथ कि न्यूनतम पेंशन रू0 3500 से कम न हो।
पेंशन की गणना निम्नानुसार है :-
उदाहरण – सेवानिवृत्ति की तारीख – 30/06/2007
अर्हक सेवा – 33 वर्ष = वेतन बैंड + ग्रेड वेतन
औसत परिलब्धियां - 6110 + 2000 = 8110/-
पेशंन - 8110 x66 = रू0 4055/-
2 x 66
ख. उपादान :-
सेवानिवृत्ति उपादान की दर – अर्हक सेवा की प्रत्येक छमाही अवधि के लिए अंतिम परिलब्धियों का ¼ भाग।
अधिकतम सीमा - परिलब्धियों का 16½ गुना या रू0 10 लाख जो भी कम हो।
उपादान की गणना –
अंतिम आहरित वेतन + ग्रेड वेतन + डीए (सेवानिवृत्ति/मृत्यु की तारीख की दर से)xअर्हक सेवा।
उदाहरण :-
अंतिम आहरित वेतन – 6110
ग्रेउ वेतन – 2000
अर्हक सेवा – 28 वर्ष
6110+2000+1297.50 (डीए-16 प्रतिशत*)x56 एसएमपी) ÷ 4
= (9407.60x56 = 1,31,705/-) ÷ 4
*(सेवानिवृत्ति के दिन महगांई भत्ते की दर लागू)
ग) अवकाश नकदीकरण :-
सेवानिवृत्ति, मृत्यु, नौकरी छोड्ने पर अधिकतम 300 दिनों के अवकाश के लिए अंतिम आहरित परिलब्धियों के समान राशि –
क) अर्जित छुट्टी अधिकतम = 300 दिन
उदाहरण –
अंतिम आहरित वेतन +ग्रेड वेतन +
(घ) सामान्य भविष्य निधि :-
सामान्य भविष्य निधि की गणना:-
माह
अंशदान
निकासी/अग्रिम
कुल
दिनांक 31/03
/2006 को
-
38,600
4/06
1000
39,600
5/06
40,600
6/06
41,600
7/06
2000
43,600
8/06
45,600
9/06
47,600
10/06
49,600
11/06
3000
40,000
12,600
12/06
15,600
01/07
18,600
02/07
21,600
03/07
24,600
26,000
4,01,200
4,01,200 X 8
ब्याज 12 X 100 = 2675
(वर्ष 2006-07 की ब्याज दर 8% प्रतिवर्ष है।)
पिछला शेष
कुल जमा
ब्याज
2,675
67,275
निकासी
दिनांक 31/03/2007 को शेष
27,275
ड अधिवार्षिता पर यात्रा भत्ता
1 स्वयं और अपने परिवार की पात्रतानुसार परिवहन का वास्तविक खर्च ।
2 स्वयं द्वारा परिवहन पर किया गया वास्तविक खर्च जिसमें कार्मिक द्वारा व्यय किया गया परिवहन किराया शामिल है शेष मालगाड़ी का किराया देय होगा।
3 एक मुश्त स्थानांतरण भत्ता प्रदान करना:- अधिवार्षिता/सेवा मुक्ति के समय मूल वेतन तथा ग्रेड वेतन की एक तिहाई राशि देय है।
च पेंशन कम्यूटेशन :-
कम्यूटेशन राशि की गणना
एकमुश्त देय राशि = कम्यूटेशन फेक्टर X 12 X पेंशन का 40 प्रतिशत अथवा कम्यूटेशन के लिए देय पेंशन :-
पेंशन
4055/-
पेंशन का 40 प्रतिशत
1622/-
अगले जन्म दिन को आयु
40 वर्ष
कम्यूटेशन फेक्टर
9.090*
कम्यूटेशन पेंशन की राशि = 9.090 X12 X1622
= रूपये 1,76,927.76 या रूपये 1,76,928
(* छठे केंद्रीय वेतन आयोग द्वारा अनुमोदित तालिका के अनुसार)
छ केंद्रीय कर्मचारी समूह के लिए सामूहिक बीमा योजना:-
यह योजना सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है।
मासिक अंशदान एवं बीमा की राशि
समूह
अंशदान की दर
बीमा राशि
क
रू. 120
रू. 1,20,000
ख
रू. 60
रू. 60,000
ग
रू. 30
रू. 30,000
घ
रू. 15
रू. 15,000
मृत्यु होने पर अनुदान :- बीमित राशि एवं मृत्यु पर देय बचत निधि ।
अधिवार्षिता/सेवा मुक्त होने पर अनुदान :- अधिवार्षिता/सेवा मुक्त होने की तारिख पर देय बचत निधि की राशि
ज चिकित्सा भत्ता:-
रूपये 100/- प्रति माह (ऐसे सेवानिवृत्त कार्मिक जो सीजीएचएस/सीपीएमएफ क्षेत्र के अंदर नहीं आते हैं, केवल वही पात्र हैं)। संशोधित आदेश अपेक्षित है।
2 स्वेच्छिक सेवा निवृत्ति:-
(20 वर्षों की अर्हक सेवा पूर्ण करने पर)
(क) पेंशन:- अर्हक सेवा कम होने पर पिछले 10 महिनों की औसत परिलब्धियों का 50 प्रतिशत अथवा पिछले पे बैंड साथ में ग्रेड वेतन का 50 प्रतिशत जो भी कर्मचारी को अधिक फायदेमंद हो, देय होगा बशर्ते कि यह राशि न्यूनतम रूपये 3500/- से कम न हो।
(ख) उपदान:-
अर्हक सेवा के प्रत्येक पूर्ण छ: माह की अवधि पर कुल परिलब्धियों का एक चौथाई बशर्ते कि वह राशि परिलब्धियों का 16.5 गुणा अथवा रू;10 लाख जो भी कम हो, से अधिक न हो।
(उपदान के लिए परिलब्धियों से आशय अंतिम वेतन बेण्ड + ग्रेड वेतन + डी0ए0 है)
(ग) पेंशन कम्यूटेशन:-
मासिक मूल पेंशन का 40 प्रतिशत से अधिक न होगा जो जन्म दिनांक की अगली तिथि पर आधारित कम्यूटेशन गुणक के अनुसार होगी।
(घ) अर्जित छुट्टी का नकदीकरण:-
सेवा निवृत्ति या मृत्यु या सेवा विमुक्त होने पर अंतिम आहरित परिलब्धियों की राशि के बराबर बशर्ते कि वह अधिकतम 300 दिनों से अधिक न हो।
(क) अधिकतम 300 दिनों की अर्जित छुट्टी:-
अंतिम वेतन आहरित + ग्रेड वेतन + सेवानिवृत्ति/सेवा छोडने की तिथि को डी0ए0 X कुल अर्जित छुटटी बशर्ते जो 300 दिनों से अधिक न हो
मूल वेतन 6110/- आहरित अंतिम वेतन + ग्रेड वेतन + सेवानिवृत्ति/सेवा छोडने की तिथि को डी0ए0
ग्रेड वेतन - 1900/-
डी0ए0 - 16 प्रतिशत - 1282/-
अर्जित छुटटी जमा - 200 दिन
के बराबर नकद - 6110+1900+1282+200=61,947/-
(ड) अर्द्धवेतन छुटटी नकदीकरण:-
सेवानिवृत्ति की तिथि को अर्द्ध वेतन छ़टटी वेतन + उस तिथि को देय डी0ए0 X जमा अर्द्ध वेतन अवकाश बशर्ते कि कुल अर्जित छुटटी एवं अर्द्ध वेतन छुटटी 300 दिनों से अधिक जमा न हो
(च) चिकित्सा भत्ता:-
(छ) सीजीईजीआईएस का भुगतान :-
सीजीईजीआईएस के बचत फण्ड में जमा राशि
III पारिवारिक पेंशन:-
सेवा के दौरान या सेवानिवृत्ति पर स्वाभाविक म़त्यु होने पर उतराधिकारी को निम्नलिखित दरों के अनुसार भुगतान किया जाएगा :-
सामान्य दर
मूल वेतन का 30 प्रतिशत + सेवानिवृत्ति या मृत्यु के समय आहरित अंतिम ग्रेड पे बशर्ते कि वह न्यूनतम 3500/- से कम न हो तथा सरकार में उच्चतम पे बेण्ड + ग्रेड वेतन का 30 प्रतिशत अर्थात रू0 90,000/- से अधिक ना हो।
डीसीआरजी
अंतिम पे बेण्ड + आहरित ग्रेड पे + डीए X छ: महीने की अर्हक सेवा अवधि।
डीसीआरजी की गणना करने के लिए वर्तमान में लागू डीए(सेवानिवृत्ति/मृत्यु की तिथि को) देय है। यह राशि रूपये 10 लाख तक सीमित है। छ: महीनों की अवधि 66 बार से अधिक नहीं होगी।
उदाहरण:-
मूल वेतन
रूपये 6,110/-
अर्हक सेवा
28 वर्ष
मृत्यु उपदान :-
सेवा की अवधि
परिवार को देय मृत्यु उपदान
एक वर्ष से कम की सेवा
परिलब्धियों का दुगुना
एक वर्ष से अधिक लेकिन पांच वर्ष से कम
परिलब्धियों का छ: गुना
पांच वर्ष से अधिक लेकिन 20 वर्षों से कम
परिलब्धियों का 12 गुना
20 वर्ष और अधिक की सेवा पर
प्रत्येक छ: माह की अर्हक सेवा अवधि पर परिलब्धियों की आधी राशि बशर्ते कि वह परिलब्धियों की 33 गुना से अधिक न हो।
ड्यूटी के दौरान दुर्घटना से मृत्यु होने पर असाधारण पारिवारिक पेंशन (ईओपी):-
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली 1972 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत परिवार के वरिष्ठतम हितग्राही को सामान्य पारिवारिक पेंशन(जिसमें बच्चों की पेंशन का अंश और उनकी शिक्षा शामिल है) की भांति ही असाधारण पारिवारिक पेंशन लागू है:-
विवाह या मृत्यु जो भी पहले हो तक मूल वेतन का 60 प्रतिशत जो कि न्यूनतम रूपये 7,000/- से कम की राशि न हो, देय है। पुर्न:विवाह करने पर सामान्य पारिवारिक पेंशन देय होगी। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली के नियम 12(4) के अनुसार मृतक के सगे भाई से विवाह करने पर असाधारण पेंशन जारी रहेगी।
आतंकवादियों, असामाजिक तत्वों, उग्रवादियों के विरूद्ध या उनके द्वारा हमला करने पर, दुश्मन द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय युद्ध या सीमा पर मुठभेड और युद्ध जैसी स्थिति के कारण मृत्यु होने पर उदारीकृत पारिवारिक पेंशन देय है।
अपनी डयूटी के दौरान हमले या उग्रवादियों के विरूद्ध कार्रवाई, डाकू, तस्कर, असमाजिक तत्वों इत्यादि के कारण यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती हैं अथवा वह डयूटी करने में असमर्थ हो जाता है, तो कर्मचारी का परिवार निम्नलिखित उदारीकृत पेंशन प्राप्त करने का हकदार है। आन्तरिक मामले या सीमाओं पर किसी देश के साथ मुठभेड़, युद्ध जैसी स्थिति या बारूदी सुरंग बिछाने या हटाने जिसमें दुश्मन द्वारा बिछायी गई बारूदी सुरंगों का सफाई अभियान जिसमें केंद्र सरकार के सिविलियन कर्मचारियों द्वारा आईपीकेएफ की सहायता शामिल है, को उदारीकृत पेंशन लागू है।
यह उदारीकृत पेंशन ऑपरेशन के कारण अशक्तता/मृत्यु होने वाले मामलों तक ही सीमित है। प्रशासनिक मंत्रालय प्रत्येक मामलों का योग्यता के आधार पर निर्धारण करेगा। जब वास्तविक ऑपरेशन की शर्तें पूर्ण नहीं की जाती है तो उस स्थिति में केरिपुबल के नियम लागू होंगे।
(क) पारिवारिक पेंशन:-
मृतक कर्मचारी की विधवा को उसके अंतिम वेतन आहरित करने के बाराबर पारिवारिक पेंशन देय है जब तक कि वह पुर्न:विवाह नहीं कर लेती/मृत्यु नहीं होती। इस अवधि के दौरान शिशु भत्ता देय नहीं होगा। विधवा द्वारा पुर्न:विवाह कर लेने पर केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली 1972 के अधीन सामान्य पारिवारिक पेंशन उसके पुर्न:विवाह की तारीख तक देय है और उस तारीख से उनके बच्चों को निम्नलिखित भत्ता लागू है।
यदि कर्मचारी की विधवा जीवित नहीं है और केवल बच्चे ही जीवित है तो उनकी वरीयता के अनुसार उन बच्चों को केंद्रीय सिविल सेवा (ईओपी) नियम के अनुसार उनकी उम्र 25 वर्ष होने तक वे मृतक कर्मचारी द्वारा आहरित मूल वेतन का 60 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के हकदार होंगे।
(ख) आश्रितों को पेंशन:-
यदि मृतक कर्मचारी अविवाहित या विधुर है तो मृतक कर्मचारी द्वारा आहरित अंतिम वेतन का 75 प्रतिशत पेंशन माता-पिता दोनों को और यदि एकल अभिभावक होने पर एलपीए (आर्थिक स्थिति का ध्यान में रखे बिना) के अधीन 60 प्रतिशत पेंशन देय है।
नोट:- छठे वेतन आयोग के अनुसार – (यदि कोई कार्मिक 100 प्रतिशत असशक्ता के कारण सेवा निवृत्त हुआ हो तो उसे केंद्रीय सिविल सेवा (ईओएफपी) पेशन नियमावली 1939 (जहां पर कार्मिक किसी अन्य पर नित्यकर्मों के लिए दूसरों पर पूर्णतया आश्रित हो) के अनुसार रूपये 3,000/- परिचारक भत्ता भी अशक्तता पेंशन के अलावा देय होगा।
जीपीएफ/डीएलआई,सीजीईआईएस और छुट्टी नकदीकरण जैसा कि पारिवारिक पेंशन में उल्लेख किया गया है।
यह भी उल्लेख किया जाता है कि यदि अंशदानकर्ता की मृत्यु 5 वर्षों तक सेवा में रहने के पश्चात हो जाती है तो अंशदानकर्ता के उत्तराधिकारी को डीएलआई जिसकी गणना पिछले 36 महिनों के दौरान खाते में शेष राशि के आधार पर की जाएगी, के रूप में अधिकतम रूपये 60,000/- का भी भुगतान किए जाएगा।
(ग) केंद्र सरकार द्वारा देय अनुग्रह राशि:- छठे वेतन आयोग के अनुसार, दिनांक 1/9/2008 से
निम्नलिखित दरें लागू होंगी:-
(क)
अनुग्रह राशि (केन्द्र से)
(1) रू0 15 लाख
मृत्यु होने पर (क) अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर दुश्मन के साथ मुठभेड के दौरान तथा (ख) आतंकवादियों, उग्रवादियों इत्यादि के खिलाफ कार्रवाई में।
(2) रू0 15 लाख
विर्निदिष्ट अधिक ऊँचा वाले स्थानों, दुर्गम सीमा चौकियों इत्यादि पर डयूटि के दौरान प्राकृतिक आपदा, अत्याधिक खराब मौसम की स्थितियों के कारण मृत्यु होने पर।
डयूटी के निर्वहन के दौरान दुर्घटना होने पर।
(3) रू0 10 लाख
डयूटी के दौरान आतंकवादियों, असामाजिक तत्वों इत्यादि द्वारा की गई हिंसा के कारण म़त्यु होने पर।
(ख)
अनुग्रह राशि (राज्य से)
पुस्तिका के भाग-12 में उल्लिखित विवरण के अनुसार।
भाग-11
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल पारिवारिक आवास नियमावली 2008
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में पारिवारिक आवास आवंटित करने और कब्जा प्राप्त करने हेतु दिशा-निर्देश
1. भूमिका
विषयांकित मामले में विस्तृत रूपरेखा इस महानिदेशालय के दिनांक 24 अप्रेल 1981 के पत्र संख्या-ए-दो-2/75-प्रशा-3 (खण्ड-3) और इस संबंध में समय-समय पर लगातार दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। पारिवारिक आवासों की उपलब्धता और उन पर कब्जा प्राप्त करने की दशा और शर्ते वर्ष 1981 से अत्यधिक बदलती रही हैं। बल के विस्तार तथा अनुभव की गई पिछली अनियमितता को देखते हुए केरिपुबल में पारिवारिक आवासों के आवंटन और कब्जा करने के संबंध में निम्नलिखित दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से जारी किए जाते हैं।
केरिपुबल के संपदा अधिकारी के प्रशासनिक कार्यो से न्यायिक कार्यो को पृथक करने, विभिन्न श्रेणियों के कार्मिकों को क्वार्टर आवंटन करने, कब्जा लेने, उसमें बढ़ोत्तरी करने, आवंटन निरस्त करने इत्यादि और केरिपुबल के प्रत्येक कैम्प में पारिवारिक आवासों के आवंटन, निरस्तीकरण इत्यादि के लिए एक पृथक आवास प्रबंध समिति गठिन कर ‘’लोक परिसर(अनाधिकृत कब्जा को खाली करने) अधिनियम 1971, अन्य संबद्ध दिशा-निर्देश और महानिदेशालय की विधि शाखा से संपर्क कर इसका गइराई से अध्ययन किया गया।
वर्तमान में ‘’लोक परिसर (अनाधिकृत कब्जा को खाली करने) अधिनियम 1971 के खण्ड-3 के तहत गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार केरिपुबल के स्थायी संस्थानों और ग्रुप केंद्रों में संपदा अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं। नागरिक दण्ड संहित 1908 के अधीन निम्नलिखित मामलों में सम्पदा अधिकारी को दिवानी न्यायालय की शक्तियॉं प्राप्त हैं:-
(क) किसी भी व्यक्ति को समन भेजना और उपस्थित कराना तथा शपथ पूर्वक उसकी जांच करना।
(ख) खोज करना और दस्तावेज प्रस्तुत करना।
(ग) कोई अन्य मामला जो निर्धारित किया जा सके।
सम्पदा अधिकारी नियुक्त करने का ध्येय आवास खाली कराना, किराया वसूल करना, कब्जे के दौरान आवास में हुए नुकसान आदि का पता लगाना हैं। हालांकि, ग्रुप केन्द्र कैम्प और अन्य स्थानों पर पारिवारिक आवास को आवंटित करना प्रशासनिक कार्य है और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा छानबीन का विषय हैं।
2 संक्षिप्त शीर्ष और आरम्भ
1 पारिवारिक आवासों को आवंटित करने की प्रणाली को कारगर बनाने और कब्जा लेने और भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों तथा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित नियम निर्धारित किये जा रहे हैं।
2 यह नियम केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल पारिवारिक आवास नियम-2008 कहलाएगें।
3 यह नियम तत्काल प्रभाव से प्रभावी होंगे।
3 आवास प्रबंध समिति (एचएमसी)
(1) एचएमसी की संरचना और गठन -
पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भष्टाचार रोकने के लिए आवास प्रबंध समिति की भांति ही एक समिति होगी जिसमें निचे दर्शाए गए अनुसार विभिन्न सदस्य होगें। समिति गठित करने के लिए सामान्य शर्ते निम्न प्रकार से होंगी :-
1 पुलिस महानिरीक्षक के अनुमोदन प्राप्त पुलिस उप महानिरीक्षक प्रत्येक स्थानों पर एक आवास आवंटन समिति गठित करेंगे।
2 ग्रुप केन्द्र के पुलिस उप महानिरीक्षक समिति के अध्यक्ष होगें तथा स्टेशन के अगले वरिष्ठतम अधिकारी समिति के उपाध्यक्ष होगें। अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष समिति की अध्यक्षता करेंगे।
3 केरिपुबल के विभिन्न स्थानों पर भवन अनुभाग के प्रभारी राजपत्रित अधिकारी समिति के सदस्य सचिव होंगे।
4 एक राजपत्रित अधिकारी(कार्यकारी), एक चिकित्सा अधिकारी, एक अधिनस्थ अधिकारी, एक मंत्रालयिक स्टाफ, एक अन्य रेंक तथा एक अनुचर इस समिति के सदस्य होगें।
5 सिगनल टुकडी का आर0जी0एस0 भी समिति के सदस्य होंगे।
6 स्टेशन पर अवस्थित सभी कार्यालयों से इस समिति में एक रैंक या अन्य रैंक का प्रतिनिधित्व होगा।
7 केवल बैठक विशेष के लिए समिति किसी अन्य कार्मिक को सहयोजित सदस्य के रूप में रख सकती हैं। कार्मिक जिनके मामले आवास आवंटन के लिए विचाराधिन है वह उस बैठक विशेष में भाग नहीं लेंगे।
8 समिति का कार्यकाल छ: माह का होगा। दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक छ: माह के उपरान्त समिति के सदस्य बदली होंगे। नियमों के अनुसार विभिन्न श्रेणियों के कार्मिक को शीघ्रता से आवास आवंटित करने, बढोतरी करने, बदली करने, निरस्त करने और खाली कराने के लिए एचएमसी बैठकें पाक्षिक तौर पर कराई जा सकती हैं। बैठक गणपूर्ति के लिए सहयोजित सदस्य को छोड़कर बैठक में कुल सदस्यों के तीन-चौथाई सदस्य उपस्थित होनें चाहिए।
9 सहयोजित सदस्य को छोडकर बैठक के निर्णय सदस्यों के बहुमत से लिए जाएगें। समिति की कार्यवाही रिपोर्ट और निर्णय पर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य सचिव के संयुक्त रूप से हस्ताक्षर होगें और स्टेशन के सभी स्थैतिक कार्यालयों में परिचालित होगें।
· (2) स्टेशन की सभी आवश्यकताओं को मददेनजर रखते हुए ग्रुप केन्द्र के पुलिस उप महानिरीक्षक वहां के लिए उपयुक्त विस्तृत स्टेशन आवंटन नियम बनाएगें। वह उपलब्ध आवासों को सभी स्थैतिक कार्यालयों, बटालियनों, अटैच बटालियनों और स्थानीय बटालियनों में उनमें स्वीकृत नफरी के अनुपात के हिसाब से समान रूप से आवासों का बटवारा करेंगे। यह नियम स्थैतिक स्थानों के पुलिस महानिरीक्षक से अनुमोदित होगें। किसी विशेष उद्देश्य के लिए जो कि इन नियमों में शामिल नहीं हैं, लेकिन कैंपस के प्रभावी तौर से कार्य करने के लिए आवश्यक हो, तो अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए स्थानीय पुलिस महानिरीक्षक तथा उप महानिरीक्षक उनको आवास आबंटित कर सकते हैं।
· (3) विषय पर अनुमोदित नियमों के अनुसार आवास प्रबंध समिति अपने कार्यों का निर्वहन करेगी तथा पुलिस उप महानिरीक्षक के अनुमोदन से इसके निर्णय लागू होगें। क्वार्टर के आबंटन, लाइसेंस फीस की वसूली, बाजार दर से किराए की वसूली और प्रत्येक व्यक्ति का आवास में प्रतिनिधित्व इत्यादि से संबंधित प्रत्येक मामलों पर उनकी प्रकृति और परिस्थितियों को देखते हुए समिति द्वारा विचार किया जाएगा।
· (4) समिति द्वारा लिए गए निर्णयों के आधार पर लोक परिसर (अनाधिकृत कब्जा को खाली कराना) अधिनियम 1971 के अनुसार सम्पदा अधिकारी कार्यवाही करेंगे।
· (5) एचएमसी. के निर्देश पर सम्पदा अधिकारी द्वारा आबंटन पत्र, रद्दीकरण, बाजार दर से लाइसेंस फीस और किराए इत्यादि वसूल किया जाएगा।
·
· 4 प्राधिकृत :-
· (1) सरकार द्वार अनुमोदित प्राधिकृत आवासीय आवास परिशिष्ट ‘अ’ में दर्शाए गए हैं। इनका आवंटन सुनिश्चित करें।
· (2) सिगनल और ट्रेनिंग स्टाफ को आवास आबंटन करने के दिशा-निर्देश परिशिष्ट ‘ब’ में वर्णित हैं।
· (3) समग्र प्रतीक्षा सूची से पारिवारिक आवास आबंटित किए जाएं ताकि बल के प्रत्येक जरूरतमंद कार्मिक किसी भी ग्रुप केंद्र/स्थान पर केरिपुबल पारिवारिक आवास की सुविधा का उपभोग कर सके।
· (4) पारिवारिक आवास 3 वर्ष या उस स्टेशन विशेष पर रहने की अवधि जो भी पहले हो, के लिए आबंटित किए जाएं। इस उद्देश्य के लिए, ऐसे कार्मिकों की प्रतीक्षा सूची जो कि उस स्टेशन पर परिवार रखने के इच्छुक हैं, तैयार की जाए और आवासों का आबंटन प्रतीक्षा सूची की प्राथमिकता के आधार पर तदनुसार किया जाएगा। बहुत कम चुने हुए मामलों में एचएमसी अपनी बारी के बिना आवास आबंटन की अनुसंशा कर सकती है। ऐसा असामान्य मामलों में किया जाए।
· (5) आवास उपलब्ध होने की दशा में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों/वरिष्ठ चकित्सा अधिकारियों को उच्च श्रेणी के आवास (अर्थात् टाईप 5 व 6) आबंटित किए जा सकते हैं।
· (6) वर्दीधारी/गैर-वर्दीधारी मंत्रालयिक कर्मचारियों की उनकी पद संरचना की पात्रता के अनुसार उन्हें तदनुसार पारिवारिक आवास आबंटित किए जाएगें।
· (7) यदि एचएमसी अनुमति देती है और कोई अपनी सामान्य पात्रता से नीचे के स्तर का आवास लेना चाहता है तो वह ऐसा कर सकता है। परंतु इसके लिए लाइसेंस फीस नियमानुसार रहेगी और लागू फीस में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
· (8) बल के कार्मिकों के बच्चों की शिक्षा और अन्य विशेष पारिवारिक परेशानियों को देखते हुए, केरिपुबल आवास न्यूनतम 3 वर्ष की अवधि के लिए आबंटित किए जाएगे इन्हें ग्रुप केंद्र अधिकारी द्वारा 5 वर्ष तक, सेक्टर पुलिस महानिरीक्षक द्वारा 7 वर्ष तक और विशेष परिस्थितियों को देखते हुए महानिदेशक द्वारा इससे अधिक की बढ़ोत्तरी की जा सकती है।
· (9) जम्मू व कश्मीर/पूर्वोत्तर क्षेत्र/एलडब्ल्यू एरिया में तैनात रहने तक कार्मिकों को पारिवारिक आवास रखने की छूट होगी।
· (10) लोक परिसर (अनाधिकृत कब्जा हटाने) अधिनियम 1971 के अंतर्गत सभी ग्रुप केंद्र/संपदा अधिकारी तभी कार्यवाही प्रारंभ करेंगे जब वे सेक्टर के पुलिस महानिरीक्षक से इस आशय की पुष्टि कर लेंगे कि इस संबंध में निर्णय के लिए कोई प्रार्थना पत्र लंबित नहीं है।
· 5. शर्तें तथा सामान्य नियम :-
· 1. आवास आबंटन के लिए आयोजित प्रेत्यक बैठक में आबंटित आवासों तथा प्रतीक्षा सूची की जानकारी कार्यालय के सूचना पट्ट, बेवसाइट इत्यादि पर प्रदर्शित करेंगे। इससे आबंटन प्रणाली में वांछित पारदर्शिता आएगी।
· 2. संबंधित स्थैतिक कार्यालय के भवन अनुभाग के प्रभारी राजपत्रित अधिकारी प्रतिदिन बटालियन कार्यालय के चालू रजिस्टर में अलग से पदवार प्रतीक्षा सूची का रख - रखाव करेंगे। संबंधित स्थैतिक कार्यालय के भवन अनुभाग के प्रभारी उनको प्राप्त प्रार्थना पत्र के प्राप्ति के क्रम के आधार पर आवासों का आबंटन करेंगे। यदि उसी तिथि में एक से अधिक प्रार्थना पत्र प्राप्त होते हैं तो परस्पर आवेदन कर्ता की वरिष्ठता (अर्थात् संबंधित कार्यालय में ड्यूटी ज्वाइन करने की तिथि से) की गणना की जाएगी।
· 3. सामान्यत: राजपत्रित अधिकारियों के लिए मानदण्ड उनके स्टेशन पर रिपोर्ट करने की तिथि ये लिया जाएगा परंतु यदि वे सभी एक ही दिनांक और समय को रिपोर्ट करते हैं तो परस्पर विवाहित अधिकारी को वरीयता दी जाएगी।
4. आपातकाल/ करूणामूलक आधार पर आवंटित करने हेतु टाइप-2 के 5 तथा टाइप-1 स्पेशल के 5 आवास आरक्षित रखे जाएंगे जोकि एच0एम0सी0 की अनुशंसा/निर्णय पर गुण-दोष के आधार पर आबंटित किए जाएंगे।
5. जो आवास संलग्न बटालियन के लिए चिहिृन्त किए गए हैं लेकिन खाली हैं, उनको स्थेतिक कार्यालय/बटालियन के कार्मिकों द्वारा उपयोग किया जाए। ऐसे मामलों में आबंटन इस शर्त के साथ किया जाए कि यदि संलग्न बटालियन के कार्मिकों का प्रार्थना पत्र है तो एक माह के नोटिस पर पिछला आवास खाली कराया जाएगा। ऐसे कार्मिकों को आवास खाली करने का नोटिस जारी करने से पूर्व एचएमसी से औपचारिक अनुमोदन तथा संस्तुति प्राप्त की जाए।
6. महानिदेशालय/पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक/रेंज का स्टाफ अथवा दूसरे ग्रुप केंद्र की संलग्न बटालियन के कार्मिकों को एचएमसी के निर्देश पर, जहां पर कि पारिवारिक आवास नहीं बनाए गए हैं, उनको संपदा अधिकारी आवास आबंटित कर सकते हैं।
7. कोई भी ऐसा भवन जो प्रयोग में नहीं हैं, को अधिकारियों/अधीनस्थ अधिकारियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए मैस (एनेक्सी) घोषित करने के लिए सेक्टर पुलिस महानिरीक्षक सक्षम होंगे। यदि अधिकारी मैस अथवा अधीनस्थ अधिकारी मैस में पर्याप्त एकल आवास उपलब्ध नहीं हैं तो स्थाई आदेश सं0 6/77 के साथ पठित स्थाई आदेश सं0 11/2001 के अनुसार उस भाग की निर्धारित अनुज्ञा शुल्क (लाइसेंस फीस) अथवा उनकी परिलब्धियों का 10 प्रतिशता, जो भी कम हो, वसूल किया जाएगा। हालांकि जो कार्मिक मुक्त आवास की पात्रता रखते हैं, उनसे कोई अनुज्ञा शुल्क (लाइसेंस फीस) वसूल नहीं किया जाएगा।
8. स्टेशन के कार्यालय अध्यक्ष और उनके कार्यालय के अध्यक्ष की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी कार्मिक परिवार साथ नहीं रख सकता है। यदि आबंटन की तारीख से एक महीने के अंदर आबंटी के परिवार आवास को अपने कब्जे में नहीं लेता है, तो आवास स्वत: ही निरस्त हो जाएगा तथा अगले तीन महीने के लिए वह आवास आबंटन का पात्र नहीं होगा। हालांकि यदि आबंटी के नियंत्रण से बाहर की स्थितियां बनती हैं तो एचएमसी द्वारा ऐसे मामले पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
9. ग्रुप केंद्र और बटालियन ऑफिसरस मैनुअल के पैरा 7.17.3 में निहित प्रावधानों के अनुसार ‘’परिवार’’ का आशय लिया जाएगा। इस प्रकार से केवल आबंटी और उसके परिवारजन ही पारिवारिक आवास में रह सकते हैं। हालांकि, आपवादिक मामलों में, कार्यालय अध्यक्ष द्वारा आबंटित सीआरपीएफ आवास में अन्य आश्रित संबंधियों या अन्य व्यक्तियों को रहने की अनुमति प्रदान की जा सकती है। बल के कार्मिकों की विधवाओं को अलग ईकाई माना जायेगा तथा कार्यालय अध्यक्ष की अनुमति से, उनके संबधी पारिवारिक आवास में रह सकते हैं।
10. अधिकारी जिनको आवास आबंटित किया गया है, वह आवास तथा परिसर की साफ–सफाई का रख-रखाव करेगा तथा सरकार द्वारा वहां पर यदि कोई उपकरण या फर्नीचर उपलब्ध कराया गया है तो वह किसी भी प्रकार की सामान्य टूट-फूट के लिए जिम्मेदार होगा।
11. यदि आबंटी या उसके परिवार के किसी सदस्य का आचरण अशोभनीय पाया जाता है तो एचएमसी के निर्देश पर सम्पदा अधिकारी आबंटित पारिवारिक आवास को रद्द कर सकते हैं। इसी प्रकार से, अनुशासन को देखते हुए एचएमसी के निर्देश पर सम्पदा अधिकारी किसी भी समय आवंटन को रदद् कर सकते हैं। आवंटी या उसके परिवार के सदस्यों की अनुशासनहीनता/दूराचरण और आवंटन के नियमों की अनदेखी के सभी मामलों को उसके मूल कार्यालय अध्यक्ष अन्यथा संबंधित यूनिट के स्टेशन कार्यालय अध्यक्ष जिसमें कार्मिक तैनात हैं, द्वारा निपटाए जाएंगे और यदि आवास निरस्त करने की अनुसंसा की है तो ऐसे मामले एमएमसी के समाने लाये जाएंगे। अनुशासनहीनता इत्यादि के कारण आवास निरस्तीकरण एचएमसी द्वारा किया जाएगा बशर्ते कि उसे पुलिस उप महानिरीक्षक का अनुमोदन प्राप्त हो।
12. जो व्यक्ति नियमों व शर्तों की अनदेखी करते हैं, तो उसे एचएमसी के निर्देश पर सम्पदा अधिकारी कम से कम छ: माह और अधिकतम एक वर्ष की अवधि के लिए आवास आबंटन करने के लिए अयोग्य घोषित कर सकता है।
13. किसी भी कार्मिक को पूर्व में आबंटित आवास खाली करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि तक दूसरा आवास आबंटित नहीं किया जाएगा। यदि आवास उपलब्ध है और अपनी बारी से कोई भी प्रतीक्षा सूची में नहीं है तो उसे इस शर्त या अवधि में छूट प्रदान की जा सकती है।
14. ड्यूटी में अंतर्वाह/बाकी बटालियनें स्थैतिक स्थान पर होने की दशा में पुलिस उप महानिरीक्षक विशेष कार्यालय आदेश जारी करके आवास आबंटन की अवधि में छूट प्रदान कर सकते हैं। ऐसा आदेश जारी होने पर सम्पदा अधिकारी प्रतीक्षा सूची से आबंटित होने वाले आवासों को तत्काल रोक देगा और उस स्थान विशेष पर राजपत्रित अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों और अन्य पदधारियों के आवासों को कब्जे में लेने के क्रम में खाली करने का नोटिस जारी करेंगे ताकि ड्यूटी/बाकी बटालियन को उनका पर्यात हिस्सा मिल सके।
15. निर्धारित अवधि समाप्ति के उपरांत आबंटी को आवास खाली करना होगा बशर्ते कि एचएमसी द्वारा लिखित में नीचे दिए गए कारणों से छूट प्रदान न की गई हो :-
1. गोरखा (जिनका पैतृक निवास में घर है) – 01 वर्ष
2. गोरखा (जिनका पैतृक निवास में घर नहीं है) – 02 वर्ष
3. बीमारी से पीडि़त परिवार के सदस्य – जो अभी उपचाराधीन हैं तथा चिकित्सा अधिकारी द्वारा सलाह दी गई है कि लंबी बीमारी से पीडि़त मरीज बिना जोखिम के उसके गृह नगर तक यात्रा करने में सक्षम हैं।
4. परिवार के सदस्यों की जरूरत - जो अभी उपचाराधीन है तथा चिकित्साधिकारी द्वारा सलाह दी गई है कि ऑपरेशन के बाद मरीज यात्रा करने में सक्षम है अथवा अभी हाल ही में बिना किसी जोखिम के ऑपरेशन किया गया है।
5. डिलेवरी के मामले में – यदि डिलेवरी की सामान्य निर्धारित तिथि पूर्ण होने में तीन महिने से कम का समय शेष है, ऐसे मामलों में हाल ही में पैदा हुए बच्चे की आयु तीन माह होने तक, के लिए आवास की अवधि बढ़ाई जा सकती है।
6. बच्चों की शिक्षा- वर्तमान शैक्षिक सत्र समाप्त होने तक।
16. जिन कार्मिकों को किराए के मकान में कैम्पस से बाहर रहने की अनुमति प्रदान की गयी है, वे कैम्पस के अंदर रहने वाले कार्मिकों की भांति सुख-सुविधाएं प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे। हालॉंकि, उनको विषयांकित प्रचलित नियमों/निर्देशों के अनुसार सामान्य मकान किराया भत्ता तथा किराया मुफ्त आवास के बदले में सरकार द्वारा निर्धारित प्रतिशत के अनुसार भत्ता भुगतान किया जाएगा।
17. एचएमसी के विस्तृत निर्देश पर नीचे दिए गए किसी भी घटना के होने पर उनके नामों के साम्मुख दर्शाए गयी विशेष अवधि के अनुसार कोई भी कार्मिक आवास आबंटन रख सकता है बशर्ते कि आबंटित आवास अधिकारी के सरकारी उद्देश्य की पूर्ति या उनके परिवार के सदस्यों के लिए है :-
1 स्थानांतरण पर - 02 माह के लिए।
2 त्यागपत्र/बर्खास्त/
सेवा से हटाने/
नौकरी से निकाल देने - सामान्य लाइसेन्स फीस भुगतान पर 01 माह के
लिए।
3. भगोड़ा होने पर - कमाण्डेन्ट/कार्यालय अध्यक्ष द्वारा गुण/दोष के आधार पर
निपटाया जाए ।
4 आबंटी की मृत्यु होने पर -
क) सामान्य लाइसेन्स फीस भुगतान करने पर 12 महीने के लिए
ख) यदि मृतक के बच्चे उस स्टेशन पर स्कूल में पढ़ रहे हैं तथा उसके परिवार को परीक्षा पूर्ण होने तक वहां रहना पड़ रहा है तो उक्त पैरा 4(क) में निर्धारित आवास रखने की अवधि वर्तमान शैक्षिक सत्र समाप्त होने तक बढ़ाई जा सकती है।
5 सेवा निवृत्ति/अशक्तता - सामान्य लाइसेंस फीस भुगतान करने पर 02 महीने के लिए तथा बिना चिकित्सा दस्तावेजों या शिक्षा प्राधिकारी से बिना प्रमाण पत्र के अगले 02 महीने के लिए दुगनी लाइसेंस फीस भुगतान करने पर अवधि बढ़ाई जा सकती है। इससे आगे चौगुनी लाइसेंस फीस के भुगतान करने पर अगले 02 महिने के लिए तथा इसी प्रकार छ: गुना लाइसेंस फीस भुगतान करने पर अगले 02 माह के लिए। चिकित्सा/शिक्षा आधार पर भी सामान्य लाइसेंस फीस भुगतान करने पर आवास रखने की अवधि बढ़ाई जा सकती है।
6 अधिवार्षिता पर जाने से पूर्व अधिवार्षिता/सेवा निवृत्ति पर बिना उपभोग
की गयी छुट्टी पर -
अर्जित छुट्टी की पूरी अवधि के लिए बशर्त कि 4 महिने जिसमें अनुमति की अवधि भी शामिल है, से अधिक न हो, सामान्य लाइसेंस फीस भुगतान करने पर अवधि बढ़ाई जा सकती है।
7 भारत में विदेश सेवा में (प्रतिनियुक्ति) जाने पर – 02 महिने के लिए
18 उक्त पैरा के मद (16) व (18) में निर्धारित अवधि में विशिेष परिस्थितियों में पुलिस महानिरीक्षक की पूर्व अनुमति से छूट प्रदान की जा सकती है। इसको एक असामान्य छूट माना जाएगा और इसका कभी-कभार ही प्रयोग किया जाएगा ।
19 अधिकारी और कार्मिक जो सेवा में नही है, को पारिवारिक आवास आवंटित नहीं किया जाएगा। स्थैतिक स्थानों पर उपलब्ध पारिवारिक आवास मूलत: केरिपुबल के अधिकारियों/स्टाफ, संलग्न बटालियनों तथा स्थानीय यूनिटों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बनाये गये हैं।
20 पारिवारिक आवास केवल उन्हीं कार्मिकों का आवंटित किया जाए जिनके परिवार साथ में है या जो परिवार रखना चाहते है। उक्त पैरा -4(परिशिष्ट क) में दी गई शर्तों में मंत्रालियक तथा अस्पतालिक कार्मिकों (वर्दीधारी और बिना वर्दीधारी) को उनके पात्रता की प्रतिशत के अनुसार छूट दी जा सकती है।
21 पात्र श्रेणी के कार्मिकों को आवास आवंटन की न्यूनतम अवधि 3 वर्ष (3 शैक्षणिक सत्र) होगी।
22 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, महिला चिकित्सा अधिकारी तथा नर्सिंग स्टाफ पर तीन वर्ष की अवधि की शर्त लागू नहीं होगी तथा ग्रुप केन्द्र /स्टेशन पर तैनाती के पूरे समय के दौरान उनको पारिवारिक आवास उपलब्ध कराया जाएगा। हांलाकि, जहां पर नसिंग होस्टल बने हुए है, उनमें अविवाहित नर्सिग स्टाफ रहेंगे।
23 वे कार्मिक जो ग्रुप केन्द्र / बाकी बटालियनों में तैनात हैं तथा संबंधित ग्रुप केंद्रों की बटालियनों या बटालियनों से संबंधित ग्रुप केंद्रों में स्थानांतरित हो गए हैं, को वरियता के आधार पर उनके पूर्व के कार्यालयों के निर्धारित कोटा को बदली करके आवास रखने/आबंटित करने की अनुमति दी जा सकती है। ऐसे कार्मिकों को आबंटित आवासों की अवधि अधिकतम पांच वर्ष के लिए बढ़ाई जा सकती है।
(i) यदि कार्मिक का परिवार जिनको आवास आबंटित हैं और वह अल्प अवधि जोकि एक महीने से अधिक की न हो, के लिए बाहर हैं, तो यह नहीं माना जाएगा कि कार्मिक ने परिवार नहीं रखा है।
(ii) नीति के मुताबिक हमें अकेले कार्मिक को पारिवारिक लाईन में रहने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए और ऐसे कार्मिकों को बैरक आवास में रखा जाए।
(iii) पारिवारिक लाईन में पारिवारिक आवास साझा करने की सख्त मनाही है, परंतु किसी असामान्य मामले में प्रार्थना-पत्र की गहन जांच करके और एचएमसी के निर्देश पर संपदा अधिकारी इसकी अनुमति प्रदान कर सकता है, जहां पर ऐसा करने के सुपर्याप्त कारण, मुख्यत: आवास की कमी हो।
(iv) कोई अधिकारी अल्प अवधि के लिए अस्थाई ड्यूटी या अवकाश, कोर्स में जाते हैं तो आवास उसके कब्जे में ही माना जाएगा जब तक कि सक्षम अधिकारी उसके लिए निर्देश जारी न करे। सामान्यत: स्थान विशेष पर तैनाती की अवधि के दौरान आबंटी द्वारा क्वार्टर उनके कब्जे में माना जायेगा जब तक कि आबंटन बदली नहीं हो जाता है या लिखित में अन्य कारणों की वजह से सक्षम अधिकारी द्वारा स्थगित कर नहीं दिया जाता है।
25 गृह मंत्रालय के दिनांक 18/02/2002 (इस महानिदेशालय के दिनांक 05/03/2002 के पत्र संख्या ए.दो.2/3-एडम-एक(खण्ड 8)) के ओएम सं. एफ.23014/14/96-एडम-तीन/बीएसएफ/पीएफ-1 द्वारा अधिकारियों और अराजपत्रित वर्दीधारी कार्मिकों के जम्मू-कश्मीर एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में तैनाती पर पिछले तैनाती स्थान पर पारिवारिक आवास रखने की स्वीकृति पर जारी दिशा-निर्देशों का शक्ति से पालन किया जाए। हालांकि उक्त ओएम में आवास रखने की शर्त में से एक यह है कि सभी मामलों में महानिदेशक की विशेष अनुमति से आवास रखे जाएंगे। प्रशासनिक आधार पर, जम्मू-कश्मीर तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में तैनात कार्मिकों को पिछले स्थान पर आवास रखने की अनुमति अपर महानिदेशक, उत्तरी अंचल, पूर्वी अंचल तथा सभी महानिरीक्षकों को सौंपी जा सकती है।
26 संबंधित यूनिट कमाण्डेन्ट की अनुशंसा के आधार पर बटालियन कोटा से आवास एचएमसी द्वारा आबंटित किया जाएगा। स्थैतिक कार्यालयों के साथ-साथ संबंधित बटालियनों द्वारा बटालियन कोटा की एक प्रतीक्षा सूची रखी जाएगी।
27 यदि बटालियन विशेष के लिए चिह्ति कोटा के अंतर्गत आवास रिक्त हैं तो एचएमसी के निर्देश पर सम्पदा अधिकारी द्वारा अन्य कार्मिकों को आवास आंबंटित किया जाएगा। परंतु संबंधित बटालियन के कार्मिकों से उसके लिए मांग/अनुरोध प्राप्त होता है, तो एचएमसी के निर्देश के अनुसार सम्पदा अधिकारी बटालियन कोटा के अंतर्गत आवास आबंटित करेगा तथा बटालियन के कोटा से बाहर जिन कार्मिकों ने र्क्वाटर पर कब्जा किया हुआ है उनसे नीचे दिए अनुसार आवास खाली कराया जाएगा।
28 कार्मिक जो बटालियन में तैनात हैं और स्थैतिक स्थानों पर आवास लिए हुए हैं, उनको 03 वर्ष की अवधि पूर्ण होने के उपरांत भी आवास खाली करने के लिए नहीं कहा जाएगा जब तक कि उसी बटालियन के अन्य कार्मिक को आवास की आवश्यकता न हो।
29 स्थाई आदेश संख्या 9/2002 में पारिवारिक लाईन रख-रखाव फण्ड संबंधी निर्देशों का इर्मानदारी से पालन किया जाएगा। एचएमसी पारिवारिक लाईन रख-रखाव फण्ड के उपयोग की अनुशंसा करेगा। एचएमसी के निर्देश के अनुसार विषय पर मौजूद निर्देशों पर सम्पदा अधिकारी शक्ति से कार्रवाई करेगा।
30 प्रतिवर्ष अपनी नौजवान विधवाओं और बच्चों को अपने पिछे छोडकर केरिपुबल के जवान उग्रवादियों/आतंकवादियों से लडाई के दौरान और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय अपनी जान गंवाते है। बच्चों की पढाई-लिखाई और अपना स्वयं का मकान नहीं होने के कारण कई विधवाऐं ग्रुप केन्द्र केम्पस में रहना चाहती हैं। प्रत्येक ग्रुप केन्द्र कल्याण के तौर पर और केरिपुबल की विधवाओं हेतु मकान की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 2 तरह के आवास टाईप-1/टाईप-1 स्पेशल आवास निर्मल सदन के रूप में केरिपुबल की विधवाओं को आवंटित करने के लिए रखेगें। निर्मल सदन केवल उन्हीं विधवाओं को आवंटित किया जाए जिनकों इसकी सख्त आवश्यकता है। निर्मल सदन आवंटित करने के लिए निम्नलिखित शर्ते होगी :-
(।) प्राथमिकता – निर्मल सदन आवंटित करने के लिए प्राथमिकता का क्रम निम्न प्रकार होगा :-
(क) ऐसी विधवाएं जिनके पति आतंकवादियों से लडते हुए शहीद हो गए हैं तथा उनके बच्चे माध्यमिक एवं उच्च माघ्यमिक कक्षाओं में अध्ययनरत है।
1. प्राथमिकता :- निर्मल सदन आबंटित करने का प्राथमिकता क्रम निम्न प्रकार से होगा
क) वह विधवा जिसके पति की मृत्यु आतंकवादी हमले में हो गई हो और उसके बच्चे माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाओं में अध्ययन कर रहे हों।
ख) वह विधवा जिसके पति की मृत्यु ड्यूटी पर हो गई हो और उसके बच्चे माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाओं में अध्ययन कर रहे हों।
ग) वह विधवा जिसके पति की मृत्यु आतंकवादी हमले में हो गई हो और उसे आवास की सख्त आवश्यकता हो।
घ) वह विधवा जिसके पति की मृत्यु ड्यूटी पर हो गई हो और उसे आवास की सख्त आवश्यकता हो।
ii) लाइसेंस शुल्क एवं अन्य प्रभार- लाइसेंस शुल्क एवं बिजली और पानी का प्रभार जो भी बल के सदस्यों के लिए लागू हो वसूल किया जाएगा।
iii) आवंटन की अवधि- किसी विधवा को निर्मल सदन साल दर साल बढाने के आधार पर अधिकतम तीन वर्ष तक की अवधि के लिए आवंटित किया जाएगा। प्रति वर्ष प्रत्येक मामले की गहनता से समीक्षा की जाएगी तथा विधवा की आवश्यकता को देखते हुए आवास की अवधि बढाने पर विचार किया जाएगा।
iv) आवास खाली करवाना – नोटिस देने के बाद आवास खाली कराया जाएगा। यदि नोटिस देने के बावजूद विधवा आवास खाली नहीं करती हैं तो एच.एम.सी. के निर्देश के अनुसार नियमों के अंतर्गत आवास खाली कराने की निर्धारित प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।
30. एच.एम.सी. यह सुनिश्चित करेगा कि कोई आवास खाली न रहे।
31. उपर्युक्त दिशानिर्देश के आधार पर पुलिस महानिरीक्षक के अनुमोदन से सभी स्थायी स्थानों के पुलिस उप महानिरीक्षक स्टेशन आवास आवंटन नियम बनांएगे तथा संबंधित अधीनस्थ कार्यालयों को जारी करेंगे।
32. किसी स्टेशन पर यदि अधिकृत टाइप का सरकारी आवास खाली रहेगा तो जीसीओ/एच.ओ.ओ. कार्मिको को बाहर रहने की अनुमति प्रदान नहीं करेंगे।
6. लाइसेंस शुल्क की वसूली
क) यदि ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों को आवासीय आवास आवंटित किया जाता हैं जो किराया मुक्त आवास के हकदार नहीं हैं तो उनसे केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार लाइसेंस शुल्क वसूल किया जाएगा।
ख) एन.जी.ओ. के मामले में आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा वेतन बिल के माध्यम से तथा जी.ओ. के मामले में पी एवं ए.ओ. द्वारा आवंटिती से लाईसेंस शुल्क वसूल किया जाएगा। कार्यालय अध्यक्ष द्वारा लाईसेंस शुल्क की राशि एवं किस तिथि से वसूल किया जाना हैं, दर्शाते हुए आदेश अधिसूचित किया जाएगा तथा राजपत्रित अधिकारी के मामले में प्रतिलिपि वेतन एवं लेखा कार्यालय को भेजी जाएगी ।
ग) ऐसे सरकारी कर्मचारी को जिन्हें सेवा शर्तो के अनुसार किराया मुक्त सरकारी आवास आवंटित किया गया है, को अधिकतम एक माह की अवधि तक के लिए ही छुट्टी के दौरान किराया मुक्त सरकारी आवास के रियायत की अनुमति प्रदान की जा सकती हैं बशर्ते संबंधित अधिकारी के उसी पद पर वापस लौटने की संभावना हैं जिस पद से वह छुट्टी पर प्रस्थान किया था । तथापि जब भी किसी कर्मचारी को प्रदान की गई छुट्टी की अवधि एक माह से अधिक हो और इस अवधि में सक्षम प्राधिकारी/कार्यालय अध्यक्ष द्वारा उस अधिकारी को सरकारी आवास रखने की अनुमति प्रदान की गई हो तो एक माह से आगे की अवधि के लिए लागू नियमों के अनुसार सामान्य किराया वसूल किया जाएगा । इस संबंध में भारत सरकार निर्माण आवास एवं आपूर्ति मंत्रालय के दिनांक 28/05/1954 के कार्यालय ज्ञा.सं- w-II-82(8)/53 एवं समय-समय पर जारी अन्य आदेश लागू होंगे।
घ) आवंटन रद्द होने के बाद आवास पर अप्राधिकृत कब्जा करने पर आवास का अप्राधिकृत इस्तेमाल एवं कब्जा के लिए अन्य हर्जाना के अतिरिक्त के.लो.नि.वि. से परामर्श कर संपदा अधिकारी द्वारा बाजार दर से मकान का किराया निर्धारित कर वसूल किया जाएगा । एच.एम.सी. की सिफारिस पर अप्राधिकृत रूप से सरकारी आवास पर कब्जा करने वाले बल के सदस्य के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
च) पारिवारिक आवास के संबंध में राज्य प्राधिकरण से प्राप्त बिजली एवं पानी के बिल के अनुसार प्रभार वसूल किया जाएगा एवं अन्तिम तिथि से पूर्व भुगतान किया जाएगा। अस्थाई अवधि जो एक माह की अवधि से कम नहीं हो, के लिए आवंटित पारिवारिक आवास के सम्बंध में बिजली, पानी तथा मीटर प्रभार के निर्धारण के लिए अधिकारियों के एक बोर्ड की नियुक्ति की जाएगी जो के.लो.नि.वि. के अधिकारियों से परामर्श कर किसी खास वर्ग के आवास के लिए पिछले एक वर्ष की औसत खपत के आधार पर बिजली एवं पानी का प्रभार निर्धारित करेंगे। सभी युनिट/ कार्यालयों द्वारा भी यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके अधीन दिये गए सरकारी आवास एवं उनके कर्मचारियों को आवंटित आवास के लिये बिजली एवं पानी का प्रभार नियमित रुप से संग्रह किया जाए तथा संबंधित स्थायी कार्यालयों की परामर्श से राज्य प्राधिकरण के उपयुक्त शीर्ष में जमा किया जाए ताकि बिलों का समय पर निपटारा करके अनावश्यक पत्राचार से बचा जा सके।
7. इन नियमों के जारी होने पर विषय के संबंध में पूर्व में जारी निम्नलिखित अनुदेशों का अधिक्रमण हो जाएगा।
1. आवास आवंटन एवं नियम बनाने इत्यादि के लिए विस्तृत रुप रेखा के संबंध में महानिदेशालय का दिनांक 24.04.1981 का पत्र संख्याँ ए-दो-2/75-प्रशा-3 (खंड-3)।
2. आवास के अप्राधिकृत कब्जा के लिए क्षतिपूर्ति दर का किराया इत्यादि की वसूली के संबंध मे महानिदेशालय के दिनांक 13.05.94 का पत्र संख्या ए-दो-2/75-प्रशा-1
3. आवास का आवंटन, कब्जा इत्यादि के संबंध में महानिदेशालय का दिनांक 26.10.95 का पत्र संख्या ए-दो-2/75-प्रशा-1
4. विभिन्न प्रकार के आवासों के लिये विभिन्न पदों के कार्मिकों की पात्रता के संबंध में महानिदेशालय का दिनांक 05.01.2001 का पत्र संख्या ए-दो-2/75-प्रशा-1(खण्ड-8)
5. आवास के आवंटन एवं कब्जा के लिए अधिकतम अवधि के संबंध में महानिदेशालय का पत्र संख्याँ - ए-दो-2/95-99-प्रशा-1 (खण्ड-5)
6. जम्मू एवं कश्मीर एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में तैनात कार्मिकों द्वारा आवास रखने एवं जम्मू एवं कश्मीर एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों में तैनात अधिकारियों एवं कार्मिकों द्वारा पिछली तैनाती के स्थान पर आवास रखने के लिए जोनल अतिरिक्त महानिदेशक एवं सेक्टर पुलिस महानिरीक्षक को शक्तियों का प्रत्यायोजन के संबंध में ।
क) महानिदेशालय का दिनांक 10.04.2000 का पत्र संख्या ए-दो-2/95-00-प्रशा-1 (खण्ड-5) (ख) महानिदेशालय का दिनांक 12.08.03 का पत्र संख्या ए-दो-2/03-प्रशा-1 (खण्ड-8)
7. केरिपुबल के विधवाओं के लिए आवास चिन्हित करने तथा आवंटित करने एवं सभी विभागीय अनुदेश जो इन नियमों में सम्मिलित नहीं है, के संबंध में महानिदेशालय का दिनांक 17.05.95 का पत्र संख्या डब्लू-पॉच-38/95-प्रशा-2 (कल्याण) एंव दिनांक 12.06.97 का पत्र संख्या डब्लू-पॉच-38/95-97-प्रशा-1 (कल्याण)
ब) केंद्र सरकार द्वारा नर्धारित अन्य सभी सामान्य अनुदेश/नियम जो इन नियमों में सम्मिलित नहीं है (केरिपुबल पारिवारिक आवास नियमावली -2008) भी लागू होंगे।
8. सामान्य
महानिदेशक के अनुमोदन से प्रशासन महानिदेशालय उपर्युक्त रुप-रेखा में निर्धारित किसी भी शर्त में छूट कर सकते हैं एवं उनके भावार्थ में किसी प्रकार का संदेह हो तो उसे विशेष रुप से महानिदेशालय को भेजा जाए तथा महानिदेशालय का निर्णय अंतिम होगा।
स्थायी स्थानों, प्रशिक्षण संस्थानों को छोङकर संबद्ध एवं सिग्नल बटालियन के संबंध में पदवार प्राधिकरण एवं पात्रता ।
क्र.स.
पदनाम
प्राधिकृत प्रतिशत
पदवार टाइप/पात्रता
01.
उप कमांडेंट एवं उसके उपर
70%
टाइप-vi=अतिरिक्त महानिदेशक/पु.म.नि./ पु.उ.म.नि./चिकित्सा अधीक्षक/सी.एम.ओ. (एन.एफ.एस.जी.) टाइप-v-सी.एम.ओ./द्वितीय कमान अधिकारी
टाइप-iv-उप कमांडेंट
02.
सहायक कमांडेंट एवं चिकित्सा अधिकारी
40%
टाइप-iv वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी/चिकित्सा अधिकारी/सहायक कमा.
टाइप-iii=चिकित्सा अधिकारी/सहायक कमा.
03.
अराजपत्रित कार्यपालक कार्मिक (अनुचर सहित)
14%
टाइप-iii का.अधी./ सू.मे./ निरीक्षक/ उप निरीक्षक एवं समतुल्य
टाइप-ii उप निरीक्षक/सहा.उप निरीक्षक/ हव./सिपाही एवं समतुल्य
टाइप-I सिपाही/अनुचर एवं समतुल्य पद
04
मंत्रालयिक/अस्पतालिक कर्मचारी
80%
टाइप-iii उप निरीक्षक से सू.मे./प्रशा. अधिकारी एवं समतुल्य
टाइप-ii सहा. उप निरीक्षक/उप निरीक्षक/हव./सिपाही एवं समतुल्य
05.
वर्ग- चार कर्मचारी
टाइप-1= अनुचर एवं समतुल्य
06.
अकेले कार्मिको का बैरिक आवास
75%
लागू नहीं
प्रशिक्षण संस्थानो में प्राधिकृत एवं पात्रता
07.
राजपत्रित अधिकारियों के लिए पारिवारिक आवास
आवास का टाइप एवं पात्रता उपर कालम- 1 से 5 में उल्लिखित पद के अनुसार होगी।
08.
राजपत्रित अधिकारियों के लिए अकेले रहने का आवास
25%
09.
अराजपत्रित अधिकारियों के लिए पारिवारिक आवास
50%
10.
अराजपत्रित अधिकारियों के लिए अकेले रहने का आवास
11.
रंगरूटो/प्रशिक्षणार्थियो के लिए अकेले रहने का आवास
100%
परिशिष्ट-बी
सिग्नल एवं प्रशिक्षण कर्मचारियों को आवास आवंटन के लिए दिशानिर्देश
सिग्नल बटालियन के कार्मिक
1) जो उनके पूरे कार्यकाल में मुख्यालय में रहते हैं।
2) जो मुख्यालय एंव कंपनी/ प्लाटून के बिच बदली होते रहते हैं।
प्रथमत: दो वर्ष के लिए उसके बाद जिस प्रभारी अधिकारी के अधीन वह सीधे कार्य कर रहे हैं उनकी सिफारिश पर एक वर्ष के लिए बढाया जाएगा ।
प्रथमत: दो वर्ष के लिए उसके बाद जिस प्रभारी अधिकारी के अधीन वह सीधे कार्य कर रहे हैं उनकी सिफारिश पर अगले छ माह के लिए बढाया जाएगा ।
सीटीसी/आर.टी.सी./सी.आई.ए.टी. के कार्मिक
आई.एस.ए. के कार्मिक
निदेशक को अधिकार होगा कि वह स्थानीय स्थिती के अनुसार आवंटन करें।
भाग-12
कार्रवाई में शहीद हुए अथवा घायल हुए केरिपुबल के कार्मिको के उत्तराधिकारियो को विभिन्न राज्य सरकारो द्वारा भुगतान की जाने वाली अनुग्रह राशि।
राज्य
मृत्यु होने पर राशि
घायल होने पर राशि
प्राधिकार
आंध्रप्रदेश
रू. 7.5 लाख (पी.सी एवं उ.नि. के पद तक एवं अन्य विभाग में सिविल सेवक के समतूल्य पदो की मृत्यु होने पर)
रू. 10 लाख (निरीक्षक एवं उससे उपर के पद एवं अन्य विभाग में सिविल सेवक के समतूल्य पदो की मृत्यु होने पर)
(उपरोक्त लाभ केरिपुबल पर भी लागु हैं)
स्थायी रूप से अक्षम होने पर रू. 3 लाख
गहरी चोट के लिए रू 2 लाख
आन्ध्र प्रदेश सरकार का दिनांक 22/06/2001 का जी.ओ.एम.एस. सं-266
अरूणाचल प्रदेश
रू. 2 लाख
रू. 1 लाख (स्थायी नि:शक्तता के लिए)
रू. 25000/- (सामान्य चोट के लिए)
अरूणाचल प्रदेश सरकार पी.एस. (गृह) का दिनांक 24.09.2004 का अधिसूचना सं-एच.एम.बी.(ए)-11/97
आसाम
रू. 5 लाख
रू. 2 लाख (50% एवं उसके उपर की नि:शक्तता के लिए)
आसाम सरकार का दिनांक 29.07.2006 का कार्यालय ज्ञा. सं-एफ.एम.पी.-13/85/104
रू. 25000/- (आग अथवा बम विस्फोट से घातक चोट लगने पर)
04.
बिहार
रू. 2.50 लाख अनुग्रही
शून्य
बिहार पुलिस का दिंनाक 20.03.2000 की अधिसूचना सं-1748/पी.2/43.38.250.
रू. 10 लाख बीमा (एस.आर.आई.)
रू. 10 लाख स्थायी नि:शक्तता के लिए दो अंग अथवा दो ऑख अथवा एक अंग एवं एक ऑख
रू. 5 लाख एक अंग अथवा एक ऑख के नुकसान के लिए
महानिदेशालय बिहार पुलिस का दिंनाक 06.05.2008 की अधिसूचना सं-3733/8/2868/आपूर्ती
छत्तीसगढ
रू. 3 लाख (रू. 10 लाख जी.पी.ए.आई.एस. के रूप में यदि नक्सल विरोधी ऑपरेशन में मृत्यु होती हैं।)
छत्तीसगढ सरकार गृह (पुलिस) विभाग का दिंनाक 01.12.2008 का पत्र सं-एफ.3.123/08-गृह-दो
छत्तीसगढ सरकार गृह (पुलिस) विभाग का दिंनाक 30.06.2008 का पत्र सं-एफ.3.58/गृह-दो/4
दिल्ली
दादर एवं नगर हवेली
दमन एवं दीव
गोवा
गुजरात
रू. 1 लाख
गुजरात सरकार का दिनांक 20.06.95 का पत्र सं- पी.एस.एन-1093-2310-टी
हरियाणा
नोट- केवल हरियाणा के निवासी कार्मिको के लिए
रू. 2.50 लाख (कार्रवाई में मृत्यु होने पर)
रू. 2 लाख (आई.ई.डी. में मृत्यु होने पर)
रू. 1 लाख (70% एवं उसके उपर की नि:शक्तता के लिए)
हरियाणा सरकार का दिनांक 04.01.2006 का पृष्ठांकन सं-5/19/2005-2 एच (सी)
रू. 75000/- (50% से 69% से कम नि:शक्तता के लए)
रू.
50000/- (20% से 49%नि:शक्तता के लिए)
12.
हिमाचल प्रदेश
नोट- केवल हिमाचल प्रदेश के निवासी कार्मिको के लिए
हिमाचल प्रदेश सरकार गृह विभाग का दिनांक 18.07.2000 की अधिसूचना सं-जी.ए.डी.ई.(सी)8.1/99
13.
जम्मु एवं कश्मीर
रू. 75000/- स्थायी नि:शक्तता के लिए
रू. 10000/- आंशिक नि:शक्तता के लिए
जी.ए.डी./प्रशासन/11/90-रेवन्यू दिनांक 17/02/94 एवं 22/01/97
14.
झारखंड
1. रू. 2.5 लाख
2. रू. 12.50 लाख जीपीएआईएस के रूप में, यदि नक्शल विरोधी ऑपरेशन में मृत्यु होती हैं।
1.) झारखंड सरकार का दिनांक 15/06/2004 का आदेश सं-एस-नों-एम-यू.(48)09/2003
2)झारखंड सरकार का दिनांक 25/04/2009 का पत्र सं.924/डब्लू/06-07/ए/2009
15.
कनार्टक
रू. 2 लाख (युध्द में हताहत एवं जो 50% से अधिक नि:शक्त हो गऐ हो।
रू. 50000/- जो घायल हुए हैं तथा लापता हों
कर्नाटक सरकार का दिनांक 30/06/99 का डी.ओ. संख्या-एच.डी./52/के.एस.एस./99
16.
केरल
नोट- केवल केरल के निवासी कार्मिको के लिए
रू. 2 लाख (कार्रवाई में मृत्यु होने पर)
रू. 1 लाख गंभीर रूप से चोट लगने पर
केरल सरकार का दिनांक 15/11/2001 का जी.ओ.(एम.एस)434/01/जी.ए.डी. एवं दिनाक 29/06/01 का जीओ (पी) संख्या- 450/99/जी.ए.डी.
17.
लक्षद्वीप
18.
मध्य प्रदेश
नोट- केवल मध्य प्रदेश के निवासी कार्मिको के लिए
रू. 10 लाख (कार्रवाई में मृत्यु होने पर)
रू. 10 लाख (कार्रवाई में 100% नि:शक्त होने पर)
निशक्ता के प्रतिशत के आधार पर राशि की गणना की जाए। उदाहरण के लिए 50% निशक्ता के लिए 5 लाख
मध्य प्रदेश सरकार, गृह विभाग का दिनांक 15/03/2000 एवं दिनांक 02/11/2000 का आदेश सं.-एफ.31-17/99/दो-ए-(3)
19.
महाराष्ट्र
नोट- केवल महाराष्टर् के निवासी कार्मिको के लिए
1) रू. 25 लाख राज्य पुलिस के कार्मिको के लिए
2) रू. 3 लाख एस.आर.सी. योजना के सभी मृतक कार्मिको के उत्तराधिकारियों के लिए
3) अनुग्रह रू. 10 लाख सी.ए.पी.एफ. कार्मिको के लिए
महाराष्ट्र सरकार, गृह विभाग का दिनांक 10/01/13 का पत्र सं.-पी-डब्लू-एफ-1110/सी.आर.-864/पी.ओ.एल.-7
20.
मणिपुर
(मणिपुर राज्य में तैनात कार्मिको के लिए)
मणिपुर सरकार गृह विभाग का दिनांक 12/05/2006 का आदेश सं.-4/14 (16)/2000-11
21.
मेघालय
नोट- केवल मेघालय के निवासी कार्मिको के लिए
--
मेघालय सरकार, राजनैतिक विभाग का दिनांक 15/05/2006 का का.ज्ञा. सं.-पी-ओ-एल-71/2001/पी.1-1/87
22.
मिजोरम
रू. 50000/-
रू. 20000/- स्थायी रूप से अक्षम होने पर
रू. 10000/- अस्थायी रूप से अक्षम होने पर
रू. 5000/- गंभीर रूप से घायल होने पर (अक्षम होने से बच जाना)
मिजोरम सरकार, मुख्य सचिव का दिनांक 28/07/92 का मेमों सं.-जी.27011.1.91 आर.ई.एच.
23.
नागालैंड
(नागालैंड
राज्य में तैनात कार्मिको के लिए)
रू, 1 लाख
नागालैंड सरकार, का दिनांक 03/12/2004 की अधिसूचना सं- आर.आर-17/09/98-99
24.
ओडिसा
नोट- केवल ओडिसा के निवासी कार्मिको के लिए
ओडिसा सरकार का दिनांक 04/10/2000 का संकल्प सं- ओ-ई-दो-/विविध-31/2000-41171/एफ
रू. 10 लाख जीपाएआईएस के रूप में एस.आर.ई. योजना के अंतर्गत
आङिसा एवं ओरिएंटल बीमा के बीच दिनांक 31/03/2007 को हस्ताक्षरित एम.ओ.यू. के अनुसार
25.
पंजाब
26.
पांडीचेरी
27.
राजस्थान
इस टेबल के नीचे दिए गए विवरण के अनुसार
28.
सिक्किम
सिक्किम सरकार का दिनांक 05/09/98 की अधिसूचना सं- 47/गृह/98
29.
तमिलनाडु
रू. 1 लाख ऑपरेशन में राज्य सरकार की सहायता करने के दौरान सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने पर
दिनांक 20/12/95 का जी.ओ. संख्या- 432
30.
त्रिपुरा
रू. 2 लाख वास्तविक ऑपरेशन के दौरान मृत्यु होने पर अथवा स्थायी अशक्तता जिसके कारण सेवा मुक्त होना पङे
रू. 1 लाख ऑपरेशन को छोडकर उग्रवादी हिंसा के दौरान मृत्यु होने पर अथवा स्थायी अशक्तता जिसके कारण सेवा मुक्त होना पङे
त्रिपुरा सरकार के संयुक्त सचिव के दिनांक 01/01/2000 का मेमो सं- एफ-11(1)-वित्त/94
31.
उत्तर प्रदेश
नोट- केवल उत्तर प्रदेश के निवासी कार्मिको के लिए
रू. 2.5 लाख सभी पदो के लिए
रू. 1 लाख सभी पदो के लिए
उत्तर प्रदेश सरकार का दिनांक 11/12/2009 का अर्धशासकीय पत्र सं- टी-119/एक्स-13/71(एबी)
32.
उत्तराखंड
नोट- केवल उत्तराखंड के निवासी कार्मिको के लिए
रू. 1.6 लाख राजपत्रित अधिकारियो के लिए
रू. 1 लाख अधीनस्थ अधिकारियो तथा अन्य रैंक के लिए
रू. 75000/- राजपत्रित अधिकारियो के लिए
रू. 55000/- अधीनस्थ अधिकारियो तथा अन्य रैंक के लिए
उत्तरांचल राज्य के सचिव का दिनांक 10/02/2010 का पत्र सं- 79/यू-पोल एवं सशस्त्र बल ए.एस.एस.एन. (2)/2010
33.
पश्चिम बंगाल केवल बांकुरा, पुरूलिया एवं पश्चिम मिदनापुर जिलों में तैनात कार्मिक पात्र होंगे
रू. 3 लाख + रू. 10 लाख जीपीएआईएस के रूप में यदि नक्सल विरोधी कार्रवाई में मृत्यु होती हैं।
पुलिस महानिरीक्षक पूर्वी सैक्टर के दिनांक 23/12/2009 के बेतार सं.-पी-तीन-1/अनुदेश-पू.से.-स्था-1
कार्रवाई में शहीद हुए अथवा घायल हुए केरिपुबल के कार्मिकों के उत्तराधिकारियों को राजस्थान सरकार द्वारा भुगतान किए जाने वाला वित्तीय/अन्य लाभ
मृत्यु होने पर राशि अन्य लाभ
स्थायी रूप से अशक्त होने पर राशि/अन्य लाभ
पत्नी को – रू. 5 लाख अथवा रू. 1 लाख + 25 बीघा जमीन अथवा रू. 1 लाख एम.आई.जी. आवास बोर्ड मकान
रू. 25000/- 25 बीघा जमीन अथवा रू. 4 लाख
माता-पिता को वित्तीय सहायता- रू. 1.5 लाख माता-पिता के नाम से "लघु बचत योजना" के अंतर्गत "मासिक आय योजना" में जमा किया जाएगा।
रोजगार- अ:शक्त कार्मिक अथवा उसके पुत्र अथवा पुत्री को 1 से 9 के स्केल में रोजगार
रोजगार-
मृतक के पत्नी अथवा पुत्र अथवा अविवाहित पुत्री को स्केल 1 से 11 में रोजगार। रोजगार के लिए उसके पुत्र पुत्री की आयु पूरी होने तक पत्नी को रोजगार का अधिकार हैं।
स्थायी रूप से अशक्त कार्मिको को मकान कर/जमीन कर से छूट होगी।
शिक्षा
1. राज्य सरकार विद्यालय/कालेज/तकनीकी/मेडिकल एवं इजिनियरिंग कालेजो में मुफ्त शिक्षा
2. विद्यालय में पढने वाले बच्चों को रू. 1800 तथा कालेज/ मेडिकल/इजिनियरिंग एवं तकनिकी कालेजो के विद्यार्थियों को रू. 3600/- छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
शहीदों का सम्मान-
शहीद की स्मृति में किसी विद्यालय/डिंसपेंसरी/अस्पताल/ पंचायत भवन/रोड/पार्क अथवा किसी अन्य सार्वजनिक स्थान का नाम रखा जाएगा ।
अन्य लाभ-
1) ऐसी कृषि भूमि जिसका स्वामित्व मृतक के माता-पिता/ पत्नी के नाम से हैं उसके लिए राज्य बिजली प्राधिकरण से मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जाएगा।
2) मृतक कार्मिक की पत्नी अथवा बच्चों के लिए राज्य परिवहन डिलक्स/साधारण बस पास मुफ्त दिया जाएगा।
उपरोक्त के अतिरिक्त मृतक कार्मिक के माता-पिता/पत्नी/पुत्र अथवा पुत्री को मकान कर/जमीन कर से छूट दिया जाएगा।
भाग-13
लाभ एवं भत्तों के संबंध में सूचना
भत्ते
क्या नकद अथवा अन्य रूप में दिया जाएगा
किसको प्रदान किया जाएगा
यदि नकद दिया जाता हैं तो मात्रा अथवा यदि किसी अन्य रूप में प्रदान किया जाता हैं तो ठीक-ठीक लाभ
भत्ता प्रदान करने करने के लिए पृष्ठभूमि
केन्द्र सरकार के सभी कर्मचारियों को उपलब्ध/प्रदान किए जाने वाले सामान्य भत्ते
1.
नगर प्रतिपूर्ति भत्ता
नकद
सेवारत कार्मिक
01.09.2008 से समाप्त किया गया
2.
शिशु शिक्षण भत्ता
रू. 15000/- (उच्चतम सीमा) प्रति वर्ष प्रति बच्चा दो बच्चों के लिए अथवा रू. 3600/- होस्टल सहायिकी
होस्टल सहायिकी तथा शिशु शिक्षण भत्ता दोनो ही साथ-साथ नही लिए जा सकते
3.
दौरा पर दैनिक भत्ता
कार्मिक के दौरा पर रहने के दौरान
सिविलियन केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लागू
4.
अंतिम संस्कार भत्ता
मृतक कार्मिको के उत्तराधिकारी को
सक्रिय डयूटी पर रू. 5000/-
5.
पहाङी इलाका प्रतिपूरक भत्ता
ऊचाई पर स्थित स्थिर कार्यालय में तैनात कार्मिको को
रू. 5400/- ग्रेड वेतन के नीचे रू. 480/- प्रतिमाह तथा रू. 5400/- ग्रेड वेतन एवं उपर रू. 600/- प्रतिमाह
6.
मकान किराया भत्ता
उनको लागू जिन्हे सरकारी आवास आवंटित नहीं किया गया
वर्गीकृत नगर एक्स के लिए वेतन बैंड+ग्रेड वेतन+एन. पी.ए. का 30%, वाई के लिए 20% एवं जेड के लिए 10%
7.
होस्टल सहायिकी भत्ता
रू. 3750/- प्रतिमाह प्रति बच्चा अधिकतम 2 बच्चों के लिए
8.
छुट्टी यात्रा भत्ता रियायत
सभी सेवारत कार्मिक
क) वर्ष में एक बार स्वंय के लिए गृह नगर जाने एवं आने के लिए। आपात मामलो मे एक तरफ का रेलवे वारंट।
ख) यदि वार्षिक एल.टी.सी. का उपभोग नहीं किया जाता हैं तो दो वर्ष के एक ब्लॉक में परिवार के लिए गृह नगर जाने एवं आने के लिए एल.टी.सी.
ग) यदि 4 वर्ष के ब्लॉक में दूसरे ब्लॉक में स्वयं के लिए वार्षिक एल.टी.सी. अथवा पारिवारिक एल.टी.सी. को छोङ देता हैं तो उसे 4 वर्ष के एक बलॉक में परिवार के साथ भारत में किसी भी स्थान के भ्रमण के लिए एल.टी.सी. मिलेगी।
9.
चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावा
सेवारत कार्मिकों को प्रतिपूर्ति
सी.जी.एच.एस./सी.एस.एम.ए. नियमवाली-1944 के अनुसार
गैर उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस
केवल निरीक्षक तक के पद के अराजपत्रित कार्मिको को
जैसा कि केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को लागू होगा।
ट्यूसन शुल्क की प्रतिपूर्ति
सेवारत कार्मिकों
शिशु शिक्षण भत्ता के साथ सम्मिलित किया गया हैं।
विशेष प्रतिपूर्ति (दूरस्थ इलाका) भत्ता
रू. 320/- से रू. 2600/- तक विभिन्न राज्यों में अन्य सिविलियन कार्मिकों के सममुल्य पर सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट क्षेत्र एवं ग्रेड वेतन के अनुसार
विशेष डयूटी भत्ता
पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रत्यक्ष रूप से तैनात कार्मिको को
मूल वेतन का 12.5%
प्रशिक्षण भत्ता
प्रशिक्षण संस्थानो के अनुदेशक
मूल वेतन का 30%
परिवहन भत्ता
रू. 400/- से 3200/- ग्रेड वेतन एवं नगरों के ए.1/ए के रूप में वर्गीकरण के अनुसार जैसा अन्य सिविलियन कर्मचारियों को लागू हैं।
केरिपुबल के कर्मचारियों को उपलब्ध/प्रदान किए जाने वाले भत्ते
सी.आई.एल.क्यू
अधीनस्थ अधिकारी- 25%
हव0- 47% सिपाही- 35%
पात्रता के आवास के लिए लाईसेन्स शुल्क का न्यूनतम दर
17
मुख्लालय से दूर रहने पर दैनिक भत्ता के बदले डिटेचमेंट भत्ता
ऐसे कार्मिकों को जो 180 दिनों से ज्यादा डिटेचमेंट ड्यूटी पर ऑपरेशनल ड्यूटी में रहते हैं
विसर्पी दर पर निम्नानुसार:-
प्रथम 10 दिन - फूल रेट जैसा कि तैनाती के स्थान पर लागू हो
अगला 20 दिन - फूल रेट का ¾ भाग
20 दिन से ज्यादा :- फूल रेट का ½ भाग
18
राशन भत्ता
वर्दीधारी अराजपत्रित अधिकारी एवं (बोर्डर पर परिनियोजित यूनिटों में केवल कमाण्डेंट के पद तक के अधिकारियों) को लागू
रु 87.54/- प्रतिदिन
19
धुलाई भत्ता (के.एम.ए)
वर्ग ˈगˈ तक के वर्दीधारी अराजपत्रित अधिकारी
रु 300/- प्रतिमाह
20
अतिरिक्त एल.टी.सी.
परिवार के सदस्यों की गंभीर बीमारी/ विवाह के कारण ड्यूटी स्थान से गृहनगर अथवा इसका उल्टा एकतरफ के रेल के किराए की प्रतिपूर्ति
21
पदक भत्ता
गैलेंटरी के लिए पी.पी.एम. रु 1500/- प्रतिमाह गैलेंटरी के लिए पुलिस पदक- रु 900/- प्रतिमाह
22
किट मेंटेनेंस भत्ता
वर्ग "ख" के अराजपत्रित कार्मिक
रु. 300/- प्रतिमाह
सेवा निवृत्ति लाभ
23
निवृत्ति उपदान/मृत्यू उपदान एवं अन्य पेंशनरी लाभ
सभी सेवारत कार्मिक एवं दिनांक 31/12/2003 तक भर्ती हुए मृतक कार्मिको के उत्तराधिकारी
जैसा कि सिविलियन कर्मचारियों को लागू है।
24
चिकित्सा भत्ता
सेवानिवृत्त कार्मिक
रु 300/- प्रतिमाह यदि सी.जी.एच.एस. के अंतर्गत नहीं हैं, जैसा कि अन्य सेवानिवृत्त सिविलियन कार्मिकों के लिए लागू है।
सी.ए.पी.एफ कार्मिकों को दिये जाने वाले अन्य भत्ते
रिस्क/हार्डसिप आधारित भत्ता
आर्मी के मोडिफाइड फिल्ड एरिया में सी.आई. ऑप्स को लागू भत्ता के सममुल्य दर पर पी.एम.एफ. कार्मिको को एल.डब्लू.ई. क्षेत्र एवं ऑपरेशनल ड्यूटी सहित रिस्क/हार्डसिप आधारित भत्ता मिलेगा
26
कोबरा भत्ता
मेरिनो कमांडोज(मारकोस) भत्ता के 80 प्रतिशत की दर से एक अलग रिस्क भत्ता कोबरा यूनिटों के कमाण्डेंट रैक के अधिकारियों को स्वीकृत किया गया है। विभिन्न रैंकों को मारकोस भत्ते की दर निम्न प्रकार है :-
कमाण्डेन्ट जिनकी कमाण्डेन्ट पद पर तीन वर्षों से अधिक की सेवाएं है- 8400/-
कमाण्डेन्ट जिनकी कमाण्डेन्ट/द्वितीय कमान अधिकारी/उप कमाण्डेन्ट के पद पर तीन वर्षों से कम की सेवाएं हैं – 11200/-
सहायक कमाण्डेन्ट – 7200/-
सूबेदार मेजर तथा निरीक्षक – 6720/-
निरीक्षक पद से नीचे के कार्मिक – 5600/-
27
विशेष भत्ता
30 दिनों से अधिक अवधि तक कानून व्यवस्था/चुनाव ड्यूटी पर लगातार तैनात सहायक कमाण्डेन्ट से नीचले पद के कार्मिकों के लिए रूपये 500/- की दर से विशेष भत्ता
28
परिवार आवास भत्ता
सभी केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के कार्मिक (राजपत्रित अधिकारी सहित) जो या तो मुफ्त आवास/मकान किराया और सीआईएलक्यू प्राप्त करने के हकदार हैं, को परिवार आवास भत्ता रूपये 700/- प्रतिमाह ( अर्थात् पे बेंड – वन रूपये 4500-125-7000+1800 ग्रेड पे का 10 प्रतिशत) ।